रांची : खान सुरक्षा निदेशालय में नियुक्ति की परीक्षा पास कराने के नाम पर बड़े पैमाने पर रिश्वत का खेल चला था। इस रैकेट में शामिल लोगों तक अब सीबीआइ के हाथ पहुंचने लगे हैं। इस पूरे रैकेट के खुलासे के लिए सीबीआइ ने रांची, धनबाद सहित आरोपितों से जुड़े 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है, जहां से कई दस्तावेज व अन्य सबूत सीबीआइ के हाथ लगे हैं। इस मामले में सीबीआइ की दिल्ली स्थित शाखा ने खान सुरक्षा निदेशालय के उप महानिदेशक सहित तीन के विरुद्ध नामजद पर प्राथमिकी दर्ज की है।

72 लाख रुपए रिश्वत

अभी तक की जांच में पता चला है कि प्रति अभ्यर्थी डेढ़ लाख रुपये के हिसाब से कुल 48 अभ्यíथयों से 72 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी, जिसे दो किश्तों में देना था। सीबीआइ ने जाल बिछाकर लखीसराय स्थित ठिकाने से पहली किश्त के तौर पर वसूले गए 35 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। जिन शहरों में छापेमारी हुई, उनमें रांची, धनबाद, लखीसराय, नागपुर, उदयपुर, शाहदोल, हैदराबाद, बिलासपुर शामिल हैं। दर्ज केस के अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआइ दिल्ली के डीएसपी कैलाश साहू को दी गई है। इस मामले में सीबीआइ की दिल्ली स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने खान सुरक्षा निदेशालय सेंट्रल जोन धनबाद के उप महानिदेशक अरविंद कुमार और उनके दो सहयोगियों प्रोफेसर कॉलोनी धनबाद निवासी त्रिलोकी नाथ सिंह व बिहार के लखीसराय स्थित मेदिनी चौकी किरणपुर निवासी कैलाश मंडल व अन्य पर प्राथमिकी दर्ज की है।

मार्च में ही हुई थी परीक्षा

पूरा मामला प्रबंधकों की योग्यता के प्रमाण पत्र के लिए आयोजित परीक्षा से संबंधित है। कंप्यूटर आधारित परीक्षा पास करने के बाद मौखिक परीक्षा के लिए 48 अभ्यर्थी चयनित किए गए थे। यह परीक्षा खान सुरक्षा निदेशालय के माध्यम से आयोजित की गई थी। मौखिक परीक्षा इसी वर्ष आठ मार्च से 20 मार्च के बीच आयोजित हुई थी। इसमें सभी 48 अभ्यíथयों को पास कराने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी यानी 72 लाख रुपये की मांग की गई थी।

ऐसे किया पूरा खेल

शातिरों ने ऐसे अभ्यíथयों की तलाश की, जो फरवरी-2021 में आयोजित कंप्यूटर आधारित परीक्षा में पास हो गए थे और उन्हें आठ मार्च से 20 मार्च के बीच मौखिक परीक्षा में शामिल होना था। रिश्वत के लिए दो तरह की कैटोगरी रखी गई थी। साक्षात्कार में फ‌र्स्ट क्लास सíटफिकेट के लिए ढाई लाख रुपये की रिश्वत और सेकेंड क्लास सíटफिकेट के लिए दो लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी मांग की गई थी। साक्षात्कार बोर्ड में देशभर के खान सुरक्षा महानिदेशालय के सात उप महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को रहना था, जबकि साक्षात्कार बोर्ड में पांच ही अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद दोनों आरोपितों कैलाश मंडल व त्रिलोकीनाथ सिंह ने अभ्यíथयों को पास कराने के नाम पर रिश्वत की वसूली की।

Posted By: Inextlive