-सरगना के जेल से बाहर आते ही फिर से गैंग को मजबूत बनाने की फिराक में अपराधी

-रूरल एरियाज के युवाओं को मंथली पेमेंट व बाइक देकर गिरोह से जोड़ रहा प्रमोद

-रातू के प्रीति-प्रीतिका ज्वलेर्स में खपाए गई छिनतई की दो दर्जन से अधिक सोने की चेन

RANCHI(10 Jan): राजधानी में चेन छिनतई करने वाला गिरोह एक बार फिर एक्टिव हो गया है। पिछले दिनों पुलिस ने सरगना प्रमोद बर्मन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। प्रमोद के जेल जाने के बाद से चेन छिनतई की घटना में काफी कमी आई थी, लेकिन जब से प्रमोद बर्मन जेल से बाहर निकला है, तब से छिनतई की वारदातें फिर से बढ़ गई हैं। पुलिस को आशंका है कि प्रमोद फिर से चेन छिनतई करवा रहा है। ऐसे में रातू के काटू निवासी प्रमोद की तलाश में सीआइडी की टीम भी लगी हुई है। प्रमोद ने बताया था कि उसकी दुकान जो कि रातू में प्रीति प्रितिका ज्वेलर्स के नाम से है। उसमें प्रमोद बर्मन समेत उसका भाई प्रदीप और पिता जगलाल साहू भी बैठते हैं। यहां प्रमोद द्वारा छिनतई के दो दर्जन से अधिक सोने की चेन खपाई गई थी। गिरफ्तारी के बाद प्रमोद ने तमाम बातों का खुलासा किया था। सीआइडी की एक टीम प्रमोद समेत उसके गिरोह के सभी अपराधियों की तलाश में जुटी है।

ये है चेन छिनतई गिरोह

प्रमोद बर्मन ने बताया कि उसके गिरोह में असीरूद्दीन अंसारी, कमरूल अंसारी, नौशाद अंसारी, महबूल अंसारी, इकबाल अंसारी, हफीजुल अंसारी, इस्तेखार अंसारी, वकील अंसारी, सद्दाम अंसारी, जमील अंसारी सभी लोहरदगा के रहने वाले है। वहीं, दो और अपराधी सद्दाम अंसारी और कयूम अंसारी लोअर बाजार थाना क्षेत्र स्थित कर्बला चौक के रहने वाले हैं। इन सभी को प्रमोद द्वारा रांची में शेल्टर दिया गया है। सभी अपराधी रांची के कोने-कोने में चेन छिनतई कर प्रमोद के पास खपाते हैं।

प्रीति-प्रीतिका ज्वेलर्स में खपाए 30 साेने की चेन

मास्टरमाइंड प्रमोद बर्मन को अरगोड़ा पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेजा था। बाद में पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर काफी पूछताछ भी की थी। प्रमोद ने बताया कि उसकी दुकान रातू में प्रीति प्रितिका ज्वेलर्स के नाम से है। उसमें प्रमोद बर्मन समेत उसका भाई प्रदीप और पिता जगलाल साहू भी बैठते हैं। दोनो भाइयों ने मिलकर छिनतई करने वाले अपराधियों के साथ सांठगांठ की और छिनतई के चेन को खपाने में लग गए। प्रमोद ने बताया कि करीब पांच वर्ष पूर्व उसने असीरूद्दीन, नौशाद और कमरूल अंसारी के साथ मिलकर गिरोह बनाया था। सभी पूर्व के दोस्त हैं। असीरूद्दीन ने छिनतई करने और करवाने का जिम्मा लिया, वहीं प्रमोद ने सभी चेन को खपाने का जिम्मा लिया था। प्रमोद ने पुलिस को बताया कि हम दोनों भाइयों ने मिलकर असीरूद्दीन, कमरूल और नौशाद से छिनतई के करीब 25 से 30 चेन खरीदे और खपाए थे।

10 हजार रुपए प्रति ग्राम खरीदता है चेन

प्रमोद ने बताया कि 10 से 12 हजार रुपए प्रति ग्राम की दर से छिनतई की चेन को खरीदने के बाद उसे गलाकर फिर से गहना बनाकर खपाता था। इस काम में प्रमोद और प्रदीप का काफी मुनाफा होने लगा। इसके बाद प्रमोद ने असीरूद्दीन के गिरोह के लोगो को एडवांस में पैसे देकर सोने की चेन छिनतई करने का उकसाने लगा था। फिर गिरोह के सभी लोग छिनतई कर चेन को दुकान में लाते थे और तय की गई राशी प्रमोद गिरोह के लोगो में बांट देता था।

एक बाइक से हुआ गिरोह का पर्दाफाश

अरगोड़ा में चेन छिनतई करने के बाद कमरूल, नौशाद और असीरूद्दीन रातू रोड में प्रमोद के पास पहुंचे और चेन देकर 10 हजार रुपए की मांग की। प्रमोद ने उस वक्त सिर्फ छह हजार रुपए ही उन्हें दिया और अगले दिन चार हजार रुपए ले जाने को कहा था। तब तीनों ने बताया था कि छिनतई के दौरान महिला ने काफी हल्ला किया तो कमरूल अपनी ग्लैमर बाइक अरगोड़ा के रेलवे फाटक के पास छोड़कर भाग गया। इस कारण कमरूल को बाइक के बदले 10 हजार रुपए देने हैं। अगले दिन सभी फिर वहां पहुंचे और प्रमोद द्वारा चेन के चार हजार रुपए दिए गए। अगले दिन पुलिस प्रमोद की दुकान पहुंची और पूरे कांड का खुलासा करते हुए प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया था।

वषरें से छिनतई की चेन को खपा रहा प्रमोद बर्मन

20.1.2015 :असीरुद्दीन ने चोरी की चेन बेची। उसके साथ सद्दाम भी था।

16.2.2015: असीरुद्दीन और नौशाद ने चोरी की चेन लाकर दी।

10.3.2015 : जम्हीर और मबहुला ने चोरी की चेन लाकर दी।

21.3.2015: असीरुद्दीन, महबूला व जम्हीर ने चोरी की चेन लाकर दी।

24.3.2015 : असीरुद्दीन और हफीजुल ने चोरी की चेन लाकर दी।

28.4.2015: असीरुद्दीन और नौशाद ने चोरी की चेन लाकर दी।

1.7.2015: सयूम और जम्हीर ने चोरी की चेन लाकर दी।

8.7.2015 : असीरुद्दीन और महबूला ने चोरी की चेन लाकर दी।

6.8.2015: जम्हीर और हफीजुल ने चोरी की चेन लाकर दी।

1.9.2015 : असीरुद्दीन और सद्दाम ने चोरी की चेन लाकर दी।

9.9.2015 : जम्हीर और सयूम ने चोरी की चेन लाकर दी।

15.10.2015 : महबूला और हफीजुल ने चोरी की चेन लाकर दी।

7.10.2015: असीरुद्दीन और महबूला ने चोरी की चेन लाकर दी।

29.10.2015: जम्हीर और महबूला ने चोरी की चेन लाकर दी।

26.11.2015 : जम्हीर और हफीजुल ने चोरी की चेन लाकर दी।

20.11.2015 : असीरुद्दीन और महबूला ने चोरी की चेन लाकर दी।

28.11.2015 : नौशाद और असीरुद्दीन ने चोरी की चेन लाकर दी।

24.1.2016 : असीरुद्दीन और नौशाद ने चोरी की चेन लाकर दी।

7.4.2016 : असीरुद्दीन, नौशाद व कमरूल ने चोरी की चेन लाकर दी।

23.4.2016 : असीरुद्दीन और नौशाद ने चोरी की चेन लाकर दी।

5.4.2016 : असीरुद्दीन और नौशाद ने चोरी की चेन लाकर दी।

2017 में छिनतई के बाद मांडर, चान्हों को बनाया ठिकाना

घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के सभी सदस्य मांडर, चान्हो में छुपे रहे। वहां से रांची पहुंचकर कांड को अंजाम देकर वापस फिर मांडर क्षेत्र में छुप जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रमोद ने मांडर निवासी अपने कुछ रिश्तेदारों के घर पर ही सभी अपराधियों के छुपने का ठिकाना बनाया है। पुलिस गिरोह के लोगो की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।

Posted By: Inextlive