छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: ऑनलाइन क्लास पेरेंट्स की जेब ज्यादा ढीली कर रही है। नए मोबाइल और टैब की कीमत अधिक होने से उनका बजट बिगड़ गया है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो इसलिए वे सेकेंड हैंड मोबाइल और टैब खरीदने को प्रायोरिटी दे रहे हैं। मार्केट में सेकेंड हैंड मोबाइल और टैब की डिमांड बढ़ने से इनके दामों में भी इजाफा हो गया है, जो सेकेंड हैंड मोबाइल पहले दो से ढाई हजार में बेचे जा रहे थे, उनकी कीमत अब पांच हजार तक पहुंच गई है। पेश है प्रतीक पियुष की रिपोर्ट

इस तरह बढ़ी डिमांड

सेकेंड हैंड मोबाइल वाले व्यापारियों के अनुसार पहले 50 नए मोबाइल बिकते थे तब जाकर कई कस्टमर एक सेकेंड हैंड मोबाइल लेता था। मोबाइल मार्केट में 10 परसेंट ही शेयर सेकेंड हैंड मोबाइल का था। लेकिन, जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है, सेकेंड हैंड मोबाइल की डिमांड बढ़ गई है। अब मोबाइल मार्केट में इसका शेयर 40 परसेंट तक पहुंच गया है।

पढ़ाई न हो प्रभावित

व्यापारियों के अनुसार सेकेंड हैंड मोबाइल में सिर्फ दो फीचर्स की ही डिमांड करते हैं। वे कहते हैं कि मोबाइल का बैट्री बैकअप 5 से 6 घंटे का होना चाहिए और कैमरे की क्वालिटी अच्छी हो, ताकि बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो, बाकी से उन्हें मतलब नहीं है।

सेकेंड हैंड मोबाइल मार्केट

अमर मार्केट, साकची बाजार तथा परसुडीह बाजार के मोबाइल कारोबारियों ने बताया कि वे ऑनलाइन बिकने वाले सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदकर उन्हें बढि़या दाम पर बेचते हैं। इन दिनों ऐसे मोबाइल हाथों हाथ बिक रहे हैं।

इन फीचर्स की डिमांड

तीन जीबी रैम

पांच घंटे का बैट्री बैकअप

बेहतर क्वालिटी का कैमरा

अब तक आपूर्ति प्रभावित

मोबाइल व्यापारियों के अनुसार, नए मोबाइल की आपूर्ति लॉकडाउन के समय पूरी तरह प्रभावित हो गई थी। जो अभी पटरी पर नहीं आ सकी है। चीन में बने मोबाइल का व्यापारियों और ग्राहकों दोनों ने बहिष्कार कर दिया है। ऐसे में मार्केट में फ‌र्स्ट हैंड के सिर्फ महंगे मोबाइल ही बचे हैं।

बोले कारोबारी

ऑनलाइन क्लास से सेकेंड हैंड मोबाइल की कीमतें बढ़ी हैं। क्लास के लिए लोग 10 से 12 हजार का मोबाइल नहीं, 5 से 6 हजार के मोबाइल खरीद रहे हैं। मैंने पहली बार सेकेंड हैंड मोबाइल की इतनी डिमांड देखी है।

मिठू जायसवाल

हमारे यहां पूरे जिले से सेकेंड हैंड मोबाइल आते हैं। इस समय इन्हीं की सर्वाधिक डिमांड है। पांच से छह हजार रुपए में बेहतर सेकेंड हैंड मोबाइल मिल जाता है।

राजू

फीगर स्पीक्स

2-3 लाख रुपए का सेकेंड हैंड मोबाइल कारोबार था शहर में

12 लाख की मार्केट हो गई है सेकेंड हैड मोबाइल की

30-40 परसेंट मार्केट हो गया है अब सेकेंड हैंड मोबाइल का

10-15 परसेंट मार्केट था पहले सेकेंड हैंड मोबाइल का

पेरेंट्स वर्जन

जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई, तब घर पर एक ही फोन था। इससे बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी और लॉकडाउन लगने के बाद से ही काम भी सही नहीं चल रहा था। इस कारण सेकेंड हैंड फोन लेकर बच्चों को देना पड़ा।

ममता सिंह

लॉकडाउन लगने के बाद से काम प्रभावित है। साथ ही बच्चों की ऑनलाइन क्लास चालू होने के बाद से ही बच्चे रोज फोन के लिए जिद करते थे। इस समय नया फोन लेना बजट में नहीं था, इसलिए सेकेंड हैंड फोन बजट में होने के साथ ही फीचर्स भी पूरे नहीं मिल रहे हैं।

वंदना सिंह

Posted By: Inextlive