RANCHI : एक तो ट्रेनों की लेटलतीफी और ऊपर से गंदगी के बीच सफर करना यात्रियों के लिए किसी 'जंग' से कम नहीं है। रांची स्टेशन से आने-जाने वाली ट्रेनों में अगर आप आरामदायक सफर करने की सोच रहे हैं तो शायद यह आपकी भूल होगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जनशताब्दी एक्सप्रेस और वैद्यनाथधाम एक्सप्रेस का रियलिटी चेक किया तो दोनों ही ट्रेन में जहां-तहां गंदगी पसरी हुई थी। इसी से होकर यात्री ट्रेन के अंदर-बाहर जा रहे थे। अब सोचिए, जिन्हें इन दोनों में से सिकी एक ट्रेन से लंबी सफर के लिए जाना है, वे किस हालात में जर्नी करेंगे। दरअसल ट्रेनों में इस गंदगी के लिए जितना रेलवे जिम्मेदार है, उतने हम भी हैं।

सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं

ट्रेनों साफ-सफाई को रेलवे प्राथमिकता देती है। इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट प्रावधान भी है। बाकायदा ट्रेनों को चकाचक रखने के लिए टेंडर के माध्यम से एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन न तो एजेंसी ट्रेनों की पुख्ता साफ-सफाई करती है और न ही रेलवे का इस ओर ध्यान जा रहा है। ऐसे में गंदगी के बीच सफर करने को यात्री मजबूर हो रहे हैं।

वैद्यनाथधाम एक्सप्रेस : जाली में लटके है रैपर

सफर करने के दौरान पैसेंजर्स रैपर बाहर फेंकने की बजाय जाली में ही अटका देते है। धीरे-धीरे जाली भी कूड़े दान टाइप दिखने लगता है। लेकिन इसे हटाने की पहल रेलवे नहीं करता। इससे सफर करने वाले पैसेंजर्स को परेशानी होती है। लेकिन रेलवे को पैसेंजर्स की परेशानी से कोई लेना देना नहीं है। दरअसल ट्रेनों में सफाई का काम टेंडर के माध्यम से एजेंसी को दिया जाता है। लेकिन वे कचरा किसी कोने में जमाकर चलते बनते हैं। धीरे-धीरे यह कचरा पूरे ट्रेन में पसर जाता है।

जनशताब्दी एक्सप्रेस : बेसिन की सफाई नहीं

पटना -रांची और रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस की गिनती बेहतर ट्रेनों में की जाती है। शताब्दी के बाद लोग सफर करने के लिए इसी ट्रेन को चुनते है। लेकिन रांची में हाउस कीपिंग वाले इस ट्रेन की बेसिन की सफाई भी नहीं करते हैं, जिस कारण पैसेंजर्स इसका इस्तेमाल करने से कतराते है। इस ट्रेन से बड़ी संख्या में पैसेंजर्स सफर करते है। ट्रेन में भी लोग खाने की चीजें खाकर उसके रैपर ट्रेन में फेंक देते है। इसके अलावा भी जो मर्जी लोग सीट के नीचे ही डालते चलते है। लेकिन हाउस कीपिंग वाले उसे भी नहीं हटाते हैं।

Posted By: Inextlive