रांची: विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने इस सत्र में पहली बार सदन को संबोधित किया। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री हेमंत ने सर्वप्रथम झारखंड की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की गरीब जनता के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए हमें एक अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सदन के माध्यम से मैं राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को नमन करता हूं तथा इस विश्वास और भरोसे के लिए झारखंड की जनता का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

पांच वर्षो तक विपक्ष का अनुभव

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज 5 वर्षो तक विपक्ष का नेता रहना भी मेरे लिए एक सुखद और उपयोगी अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षो में मैं लगातार जनता के संपर्क में रहा और उनके बीच वह कर उनके दुख दर्द को समझने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मौलिक सुविधाओं और अधिकारों से जनता की दूरी ने मुझे अहसास कराया कि एक राजनेता के रूप में हम और हमारे राजनीतिक सहयोगी दुखद रूप से विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी जनता से उनका अधिकार दिलाने का हमने वादा किया है और जनता ने भी मेरी बातों पर भरोसा कर अपना आशीर्वाद मुझे दिया है।

संघर्ष के प्रतीक के रूप में खड़ा हूं

हेमंत सोरेन ने विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सदन में मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि शोषण के विरूद्ध संघर्ष और शहादत के प्रतीक चिन्ह के रूप में खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने, झारखंडियों को उनके अधिकार दिलाने तथा वंचितों, गरीबों, आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों, युवाओं और महिलाओं की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती सिर्फ सरकार के सामने नहीं बल्कि सदन के सभी सदस्यों के सामने भी है।

जनभावनाओं को मत रौंदे

सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पिछले 5 वर्षो तक अपनी आवाज बुलंद तरीके से सदन में उठाई थी। उन्होंने कहा कि संख्या बल के आधार पर जन भावनाओं को नहीं रौंदा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी सदन में कहा था कि दबे कुचले गरीबों और आदिवासियों के अधिकारों पर हमला हमें मंजूर नहीं था। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार है और हम जनता के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ करने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम पक्ष विपक्ष से लेकर मीडिया और आम जनता की भी सुनेंगे।

आलोचनाएं होंगी सरकार का आईना

श्री सोरेन ने कहा कि मेरी सरकार में आलोचनाएं वो आईना होंगी, जिसमें सरकार अपनी विफलताओं और चेहरा को साफ साफ देख सकेगी। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों से भटकाव को भांप सकेगी। उन्होंने कहा कि विचारों और आलोचनाओं के स्वच्छंद पक्षी को सत्ता के ंिपजरे में कैद नहीं करूंगा। जब कोई संघर्ष से लड़कर निकलता है तो वह एक बेशकीमती संपत्ति अर्जित करता है और वह है उसका आत्मबल। उन्होंने कहा कि आज मैं पूरे आत्मबल के साथ सकारात्मक आलोचनाओं को स्वीकार करने तथा खुद में सुधार करने की इच्छा शक्ति के साथ सदन में खड़ा हूं।

व्यक्ति निर्माण आधारित विकास मॉडल पर करेंगे कार्य

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार सरंचना, निर्माण आधारित विकास नहीं बल्कि व्यक्ति निर्माण आधारित विकास मॉडल पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि नेता और अफसरों की तिजोरी को भरने वाले विकास की धारा को हम समाप्त करेंगे और अब जरूरतमंदों आदिवासियों के दिल और दिमाग दोनों को असली विकास से सींचेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे विकास को महसूस भी किया जा सकेगा और बिना सरकारी विज्ञापनों के दिखाई भी देगा। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा किए गए विकास को अखबार और टीवी चैनलों पर दिखाने वाला विकास नहीं होगा, बल्कि गरीबों के चूल्हे और चेहरे पर चमकाने वाला विकास होगा।

Posted By: Inextlive