रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में धुर्वा में हटाए जा रहे अतिक्रमण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने वादियों के मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए जारी सीओ के आदेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने वादियों के आवेदन पर दो अगस्त की सुबह 11 बजे सीओ को सुनवाई कर उचित आदेश पारित करने का आदेश दिया है। इस संबंध में विनय कुमार व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

नहीं मिला था नोटिस

सुनवाई के दौरान वादियों की ओर से अधिवक्ता ऋतु कुमार और समावेश भंजदेव ने अदालत को बताया कि जनवरी 2021 में नगड़ी सीओ की ओर से अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया है। लेकिन उन लोगों को उक्त नोटिस नहीं मिला था। सभी को नोटिस देने की बजाय जिला प्रशासन ने अखबार में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कराया था। जब उन लोगों ने सीओ कार्यालय में उक्त आदेश के खिलाफ आवेदन दिया, तो उनका पक्ष नहीं सुना गया। अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी करने में झारखंड पब्लिक लैंड इंक्रोचमेंट एक्ट का पालन नहीं किया गया है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए गए। इसके बाद अदालत ने वादियों के आवेदन पर दो अगस्त को सुनवाई करने का सीओ को आदेश दिया है। इस दौरान अदालत ने वादियों के मामले में सीओ के अतिक्रमण हटाने से संबंधित आदेश को निरस्त कर दिया। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

देवघर एम्स के ओपीडी नहीं चालू होने पर केंद्र और एम्स को नोटिस

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में देवघर स्थित एम्स में ओपीडी चालू किए जाने को लेकर राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने केंद्र सरकार और एम्स दिल्ली को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब ओपीडी बनकर तैयार है तो केवल उसके उद्घाटन के लिए उसे चालू नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

बनकर है तैयार

सुनवाई के दौरान सरकार के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कहा कि देवघर में एम्स अस्पताल का ओपीडी पूरी तरह से बनकर तैयार है। ओपीडी के संचालन को लेकर सभी प्रकार की अनुमति भी प्रदान कर दी गई है, लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण से ओपीडी को चालू नहीं किया जा रहा है। कोरोना काल में देवघर एम्स का ओपीडी चालू होता, तो लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलती। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सरकार मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने की तैयारी कर रही है। ऐसे एम्स में ओपीडी को शुरू किया जाना चाहिए। इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली एम्स को नोटिस कर जवाब मांगा है।

Posted By: Inextlive