डर के साये में बैठक करने को विवश महिला समूह


रांची (ब्यूरो) । ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और झारखंड सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आजिविका संवर्धन, स्वरोजगार के क्षेत्र,पलायन रोकने जैसे महत्वपूर्ण कार्य धनबाद जिले अंतर्गत गोविंदपुर प्रखंड के मरिचो तिलैया बिराजपुर खरणी आसनबनी कुलबेड़ा आदि पंचायतों में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी के माध्यम किया जा रहा है। विभागीय स्तर से आजिविका संवर्धन के लिए करोड़ों ख़र्च किए जाते हैं लेकिन स्वयं सहायता समूह आसनबनी क्लस्टर -1 के छह पंचायतों के 350 समूह इसमें लगभग 3500 दुर सूदूरवर्ती महिलाओं को साप्ताहिक प्रशिक्षण दिया जाता है। महिलाएं डरी हुई हैं
विभागीय उदासीनता के कारण मरम्मति के अभाव समूह के पदाधिकारी सीआरपी और महिलाएं डर के साये में प्रशिक्षण लेने के लिए मज़बूर हैं, सामुदायिक भवन की छत दीवार के प्लास्टर गिरता रहा है और खिडक़ी दरवाजे सभी टूट गए हैं। बिजली पानी की भी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। सूदूरवर्ती क्षेत्र मरिचो तिलैया बिराजपुर खरणी आसनबनी कुलबेड़ा आदि छ: पंचायतों से महिलाएं अपने छोटे छोटे ब'चों को भी लेकर आना पड़ता है, सामुदायिक भवन के प्लास्टर छज्जा गिरने की संभावनाएं बनी रहती है। झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के धनबाद जिला मिडिया प्रभारी युवा रंजीत कुमार महतो द्वारा त्वरित संज्ञान में लेकर ग्रामीण विकास विभाग धनबाद, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी के सीईओ और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के पदाधिकारियों को स्वयं सहायता समूह आसनबनी 1 क्लस्टर खऱणी पंचायत के सामुदायिक भवन की मरम्मति अतिशीघ्र करवाने के लिए समस्याओं से अवगत कराया गया। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य कार्यपालक अभियंता से भवन की प्राक्कलन तैयार करके 15वीं वित्त आयोग के फंड निधि से मरम्मति कराने की मांग की।

Posted By: Inextlive