एक पार्क में कोरोना नहीं, बाकी जगह खतरा!
रांची: मार्च के अंत में कोरोना को देखते हुए सिटी के सभी पार्को को बंद कर दिया गया था। इनमें आज भी ताला जड़ा है। दूसरी ओर, करमटोली तालाब पार्क खुल गया है। इसमें हर दिन लोगों की भीड़ जुट रही है। सबसे ज्यादा भीड़ संडे को होती है। दूर-दूर से लोग बच्चों को लेकर इसी पार्क में पहुंच रहे हैं। आलम यह है कि पार्क में मौजूद बच्चों के खेलने को लगाए गए झूले-स्विंग आदि में पैर रखने की भी जगह नहीं है। वहीं, इसी पार्क के तीन किलोमीटर के रेडियस में मौजूद छह पार्को में ताला लटका है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या करमटोली पार्क को खोलने से कोरोना नहीं होगा और अन्य पार्को को खोलने से कोरोना का खतरा बना रहेगा?
बड़ी आबादी के पास कोई विकल्प नहींरांची में शहर के बीचो-बीच दस से भी ज्यादा पार्क हैं, जिन्हें शुरुआती लॉकडाउन के दौरान ही बंद कर दिया गया था। धीरे-धीरे अनलॉक लागू हुआ, तो कई तरह के पब्लिक प्लेसेज को खोल दिया गया। मार्केट, मॉल रेस्टोरेंट, होटल आदि खोल दिए गए। केवल पार्क, सिनेमा हॉल और शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं। लोगों के पास रीक्रिएशन के लिए कोई जगह ही नहीं है। लोगों को इस बात की जानकारी मिल गई है कि करमटोली पार्क खुला है। यही वजह है कि शहर के कोने-कोने से लोग इस पार्क में आ रहे हैं। यहां बच्चों का मनोरंजन हो रहा है।
मैदान में जुट रहे हैं युवा पार्को के बंद रहने के कारण युवा मोरहाबादी मैदान के आसपास जुट रहे हैं। यहां मौजूद पेड़ के नीचे बाइक-कार लगाकर लोग बैठे नजर आते हैं। इसी इलाके में तीन पार्क हैं, जहां जाना मना है। इससे एक ही जगह भीड़ लग रही है, जो इन्फेक्शन को लेकर खतरनाक भी है। क्या कहते हैं युवा पार्को को खोलने की इजाजत मिलनी चाहिए, क्योंकि केवल एक ही जगह भीड़ होने के कारण खतरा बढ़ रहा है। बब्ली कुमारी मनोरंजन के लिए कोई जगह नहीं है। धीरे-धीरे सभी पब्लिक प्लेसेज खुल चुके हैं। पार्को को बंद रखना ठीक नहीं। राशि कुमारी बच्चे घर पर बोर हो रहे हैं। उनके मनोरंजन के लिए केवल एक पार्क को खोलना और अन्य को बंद रखना ठीक नहीं। सौम्य भगत युवाओं को भी टाइम स्पेंड करने के लिए जगह चाहिए। सिटी के पार्को को बंद रखा गया है, जबकि स्थिति अब सामान्य हो चली है। विकास कुमार सिंहबंद रहने के कारण पार्कों की हालत भी खराब है। इन्हें खोलने की इजाजत देने से आम लोगों को राहत मिलेगी।
विशाल कुमार अब कोरोना का खतरा कम हुआ है। ऐसे में पार्को को सावधानी के साथ खोलने की अनुमति मिल जानी चाहिए। तृप्ति कुमारी सरकार को पार्को को खोलने को लेकर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। एक ही जगह भीड़ हो रही है, जबकि अन्य जगह खाली है। सिमरन कुमारी अभी पार्को की जगह मॉल में भीड़ उमड़ रही है। इससे कोरोना से बचने का पर्पस सॉल्व नहीं हो रहा है। सरकार को सभी पार्क खोल देना चाहिए। अंकित तिग्गा -------------------------- क्या है बंद पार्को की स्थिति नीलांबर-पीतांबर पार्क यहां कर्मचारी तो हर दिन आते हैं, लेकिन पब्लिक को इजाजत नहीं है। पार्क की सफाई नियमित रूप से हो रही है। पार्क खुलने पर यहां किसी विशेष सफाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। रामदयाल मुंडा पार्क इस पार्क की स्थिति ठीक नहीं है। सफाई होती है, लेकिन हफ्ते में एक बार। लोगों के लिए इस पार्क को खोलने से पहले अच्छी तरह से सफाई की जरूरत होगी। शहीद संकल्प वाटिकायहां भी मेंटेनेंस जीरो है। पार्क के भीतर झाडि़यां उग आई हैं। यहां कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। गेट भी बंद है। युवाओं की टोली यहां आती है और पार्क के बाहर फोटो खिंचाकर लौट जाती है।
निगम पार्क, सीएम हाउस यहां नियमित रूप से देखभाल हो रही है। पार्क के अंदर बच्चों के लिए जो क्रिएटिव आइटम मौजूद हैं, उनकी स्थिति भी ठीक ही है। खेलने के लिए पर्याप्त जगह भी है। सिदो-कान्हू पार्क इस पार्क में भी रेगुलर सफाई हो रही है। पौधों की कटिंग और घास पर पानी दिया जा रहा है। इसे भी खोलने पर विशेष कार्य नहीं करना पड़ेगा। यहां भी हर रोज कर्मचारी आते हैं। कांके डैम पार्क इस पार्क में गंदगी नहीं है। सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। मेंटेनेंस भी हो रहा है, लेकिन इस पार्क को खोलने से पहले बैठने की जगहों के आसपास सफाई की जरूरत पड़ेगी।