रांची: राजधानी में कोरोना का कहर जारी है। एक के बाद एक नए मरीज सामने आ रहे हैं। अब तो अपार्टमेंट और घरों में भी कई लोग कोरोना की चपेट में आने लगे हैं, जिससे कोरोना मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। आज स्थिति यह है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी संक्रमित मरीजों को कोविड सेंटर नहीं लाया जा रहा है। ऐसे में कोरोना के मरीज घर पर ही घंटों से इस इंतजार में पड़े हैं कि कब उनका इलाज शुरू होगा। इतना ही नहीं, कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी न तो कोई टीम आई और न ही डॉक्टरों ने मरीजों से संपर्क किया। ऐसे में अगर मरीज की स्थिति बिगड़ जाए तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा?

48 घंटे से पड़े हैं घर में

कोरोना के मरीजों को फोन कर बताया गया कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। इसके बाद उनसे कांटैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में पूछताछ की गई। लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि उन्हें कोविड सेंटर में इलाज के लिए कब ले जाया जाएगा। और न ही किसी ने बताया कि उनके ट्रीटमेंट को लेकर क्या व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में दर्जनों मरीज 48 घंटे बीत जाने के बाद भी घरों में पड़े हुए हैं। लेकिन अबतक उन्हें ट्रीटमेंट को लेकर संपर्क नहीं किया गया।

लक्षण से बढ़ रही टेंशन

वैसे तो बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए घर पर रखने की तैयारी की जा रही है। लेकिन कुछ ऐसे मरीज जिनमें कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लक्षण भी दिख रहे हैं उन्हें भी घर पर ही छोड़ दिया गया है। जबकि ऐसे मरीजों को तत्काल कोविड सेंटर में शिफ्ट करते हुए इलाज शुरू किया जाना है। लेकिन जिला प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट गंभीर मामलों में भी सुस्त रवैया अपनाए हुए है, जिससे कि अब मरीजों को भी चिंता सताने लगी है। वहीं एक -एक कर पूरा परिवार भी इन्फेक्शन की चपेट में आ रहा है। चूंकि फैमिली के मेंबर्स में भी कोरोना के लक्षण दिखने लगे हैं।

सूचना के बाद भी एक्शन नहीं

पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद पहले तो लोगों ने मरीजों को ले जाने का इंतजार किया। लेकिन जब 24 घंटे से अधिक समय बीत गया तो आसपास के लोगों ने कंट्रोल रूम और संबंधित अधिकारियों को फोन पर इसकी सूचना दी। साथ ही ट्विट भी किया। लेकिन न तो अधिकारियों ने कोई जवाब दिया और न ही मरीजों को ट्रीटमेंट सेंटर ले जाया गया। इस वजह से अब पड़ोसी भी खुद को अनसेफ महसूस कर रहे हैं।

न घर सील किया न सेनेटाइज

किसी भी इलाके में पॉजिटिव केस मिलने के बाद सबसे पहले सेनेटाइजेशन के लिए टीम पहुंचती है। मरीज को ले जाने के बाद घर को सील करते हुए बाकी मेंबर्स और अपार्टमेंट वालों पर नजर रखी जाती है। पर समय बीतता जा रहा है और कोई भी टीम घरों में झांकने तक नहीं आई है। इससे साफ है कि कोरोना को लेकर जिला प्रशासन किस कदर एक्टिव है कि अबतक न तो सेनेटाइजेशन हुआ और न ही सीलिंग।

केस-1

चिरौंदी स्थित वृंदावन कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जहां जिला प्रशासन की ओर से उन्हें कॉल कर बताया गया कि आप पॉजिटिव हैं। इसके बाद कई अन्य जगहों से कॉल कर उनसे कांटैक्ट ट्रेसिंग को लेकर जानकारी ली गई। लेकिन ट्रीटमेंट को लेकर उनसे कोई चर्चा नहीं की गई। जबकि उनमें कई लक्षण भी दिखने लगे हैं। ऐसे में उन्होंने अपने अनुसार दवाई शुरू कर दी।

केस-2

चेशायर होम रोड के त्रयंबकेश्वर अपार्टमेंट में एक व्यक्ति दो दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बावजूद उन्हें प्रशासन की टीम नहीं ले गई। इसपर वहीं के एक रेजीडेंट ने संबंधित अधिकारियों को फोन पर सूचना दी। साथ ही ट्विटर पर भी डीसी को जानकारी दी। इसमें उन्होंने लिखा कि क्या ऐसे ही कोरोना को कंट्रोल किया जाएगा, जबकि कंप्लेन किए हुए दो दिन बीच चुके हैं।

Posted By: Inextlive