रांची: राजधानी में शराब दुकानदार अपनी मनमर्जी से दाम बढ़ाकर शराब बेच रहे हैं। झारखंड सरकार ने लॉकडाउन के बाद शराब दुकानें खोलने का निर्णय लिया, सरकार ने एमआरपी से 10 परसेंट तक अधिक दाम पर खुदरा दुकानदारों को शराब बेचने को कहा है। अब शराब दुकानदार इसका फायदा उठाने लगे। 10 परसेंट के बजाय 25 से 30 परसेंट एमआरपी से अधिक दाम बढ़ाकर शराब बेच रहे हैं। राजधानी के सभी शराब दुकानदार इसे सरकार का आदेश बता रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि जब से रांची में नए असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर आए हैं, तब से शराब दुकानदारों की मनमानी और बढ़ गई है। दुकानदार बढ़ा हुआ दाम लेने के बारे में पूछने पर कस्टमर को कहते हैं कि उत्पाद विभाग में जाकर पता कर लीजिए, उत्पाद विभाग ने नियम बनाया है और उसी नियम पर हम लोग शराब बेच रहे हैं।

क्या है नियम

उत्पाद विभाग ने यह नियम बनाया है कि दुकानदारों के पास जो पुराना स्टॉक है जिसमें एमआरपी पहले से लिखा हुआ है उसमें 10 परसेंट अधिक दाम कस्टमर से वसूल सकते हैं। लेकिन दुकानदार 10 के बजाय 30 परसेंट तक अधिक दाम वसूल रहे हैं। ऐसे में कस्टमर को तो घाटा हो ही रहा है वहीं लाखों रुपए दुकानदार मुनाफा कमा रहे हैं। यह मुनाफा उत्पाद भवन तक भी पहुंच रहा है, क्योंकि बिना विभाग की जानकारी के यह संभव नहीं है।

कई दुकानों में प्राइस लिस्ट तक नहीं

राजधानी की अधिकतर शराब दुकानों पर रेट लिस्ट ही नहीं लगी है, जिसके चलते शराब दुकान के कर्ताधर्ता मनमाने रुपए वसूल रहे हैं। खास बात यह है कि आमदिनों में भी उत्पाद अधिकारी दिखावे की कार्रवाई करते हैं, जबकि पुलिस बड़े-बड़े मामले पकड़ लेती है। रातू रोड के लाल कोठी स्थित शराब दुकान में पूछा कि रेट लिस्ट कहां है तो दुकानदार का कहना था कि हमने आज तक रेट लिस्ट नहीं लगाई है। अधिकतर ग्राहकों को शराब के रेट पता होते हैं और जिन्हें नहीं पता होते हैं उन्हें हम बता देते हैं। जब दुकान के कर्मचारियों से पूछा कि आप लोग एमआरपी से ज्यादा रेट में शराब बेच रहे हैं तो उन्होंने चुप्पी साध ली। यही हाल हरमू, रातू रोड, कांके रोड मोरहाबादी, पिस्का मोड़, डोरंडा, हिनू, कोकर, लालपुर, मेन रोड सहित राजधानी की सभी दुकानों का है।

अलग-अलग रेट

शराब की जितनी भी दुकानें इन दिनों खुल रही हैं, उन सभी पर अलग-अलग रेट में शराब बेची जा रही है। उदाहरण के तौर पर जब आरसी बोतल का रेट देखा तो पता चला कि वह 1100 रुपए का आता है। कुछ दुकानों पर इसे 1300 रुपए तो कुछ दुकानों पर इसे 1600 रुपए तक की कीमत में बेचा जा रहा है। ब्लेंडर्स प्राइड के एमआरपी में दाम 900 रुपए लिखा हुआ है लेकिन उसे 1100 रुपए में बेचा जा रहा है। कुछ कर्मचारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि शराब का पुराना स्टॉक रखा हुआ है, जिसे खत्म करना था, इसलिए शुरुआती दौर में सस्ते दामों पर बेच दी थी। शराब की मनमानी वसूली पर कोई आवाज भी नहीं उठाता है, इसलिए एमआरपी से ज्यादा वसूली करने में दिक्कतें नहीं आती हैं। कुछेक लोग विरोध जरूर करते हैं, लेकिन उन्हें समझा दिया जाता है कि लॉकडाउन के चलते भाव बढ़ गए हैं और वे आसानी से बात मानकर चले जाते हैं।

शराब दुकानदार से डीजे आईनेक्स्ट की सीधी बातचीत।

रिपोर्टर: भैया, एक ब्लेंडर्स प्राईड दीजिएगा।

दुकानदार: यह लीजिए, फुल ब्लेंडर्स प्राईड।

रिपोर्टर: कितना दाम है?

दुकानदार: 1100 रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर: भैया इसमें तो एमआरपी 900 लिखा हुआ है। हम लोग तो एमआरपी पर ही खरीदेंगे ना?

दुकानदार: नहीं, सरकार का आदेश है इसीलिए आपको 1100 देना ही होगा।

रिपोर्टर: लेकिन जब एमआरपी लिखा हुआ है तो आप वही पैसा लेंगे ना?

दुकानदार: नहीं, यह पुराना स्टॉक है और इसमें जो एमआरपी लिखा हुआ है उससे बढ़ाकर ही हम लेंगे, जब नया स्टॉक आएगा तो उसमें एमआरपी जो लिखा होगा वही लेंगे।

रिपोर्टर: अच्छा इस बियर का कितना दाम है?

दुकानदार: इस बियर का एमआरपी में 130 दाम है, लेकिन आपको 160 देना होगा।

रिपोर्टर: भैया आप सभी ब्रांड में अधिक दाम ले रहे हैं?

दुकानदार: ऐसा नहीं है। रांची की आप किसी भी दुकान में चले जाइए, इससे ज्यादा दाम पर आपको यही आइटम मिलेगा।

Posted By: Inextlive