सिटी एट हाई रिस्क -
सिटी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों की लाइफ हाई रिस्क पर आ गई है, क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स के बेड फुल हो चुके हैं। कोविड पेशेंट्स इलाज के लिए इस हॉस्पिटल से उस हॉस्पिटल की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन बेड नहीं मिल रहेय मेडिका, सेंटेवीटा, आर्किड, सैमफोर्ड, रामप्यारी, सेवा सदन, सुमेर सहित कई हॉस्पिटल्स में कोविड पेशेंट्स के लिए एक भी बेड अवेलेबल नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर कोविड के हर दिन मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। शनिवार को स्थिति यह रही कि सीरियस मरीजों को भी हॉस्पिटल में बेड नहीं मिले। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने तो हाथ खड़े कर दिए हैं, क्योंकि वहां पर कोविड के अलावा अन्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है।
इनसिडेंट कमांडर्स की तैनातीसिटी में कोरोना मरीजों को बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रांची जिला प्रशासन की ओर से इनसिडेंट कमांडर्स की तैनाती की गई है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स के बीच को-ऑर्डिनेशन बनाने के लिए कहा गया है। मरीज और उनके स्वजनों को परेशानी से बचाने के लिए अलग-अलग कई कदम उठाने के दावे किए जा रहे हैं। हकीकत में यह दावे पूरे नहीं हो रहे। शहर के अधिकांश अस्पतालों में नो बेड की स्थिति है।
59 तक वेटिंगमेडिका सहित कई अस्पतालों में भर्ती होने के लिए कोविड मरीजों की वे¨टग लिस्ट बनाई जा रही है। शनिवार की रात पौने आठ बजे तक बेड के लिए इंतजार करने वाले मरीजों की सूची 59 तक पहुंच गई थी। वहीं रिम्स व सदर अस्पताल के बाहर मरीज भर्ती होने के लिए एंबुलेंस व अस्पताल के फर्श पर लेटकर इंतजार कर रहे हैं। स्वजन चार-चार घंटे तक चक्कर लगा रहे हैं। लोग मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को फोन कर रहे हैं। अधिकारियों के प्रयास के बावजूद बेड नहीं मिल पा रहे। आक्सीजन युक्त बेड, आइसीयू व वेंटिलेटर के लिए जबरदस्त मारामारी मची है।
आक्सीजन की पड़ रही जरूरत रिम्स के चिकित्सक डा। डीके सिन्हा ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कोविड से पीडि़त होने वाले ज्यादा लोगों को आक्सीजन व वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अब तक अस्पताल के पास आंकड़े के रूप में इसे साबित करने के लिए तथ्य नहीं हैं, लेकिन इतना स्पष्ट है कि पिछले वर्ष 10 अप्रैल 2020 के मुकाबले 10 अप्रैल 2021 को कहीं अधिक मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट वाले बेड पर रखा गया है। :::::::::::::::::: -- --292 लोग बेहद गंभीर, आईसीयू में एडमिट --99 लोग वेंटिलेटर्स पर रखे गए--595 पेशेंट्स ऑक्सीजन सपोर्ट पर
-- स्वास्थ्य विभाग का दावा, रांची में 1236 बेड अवेलेबल सिटी के अस्पतालों में उपलब्ध सीट का ब्यौरा अस्पताल- सामान्य बेड- आक्सीजन युक्त- आइसीयू- वेंटिलेटर मेडिका -00-00- 00-00 सेंटेवीटा-00-00-00-00 आर्किड-00-00-00-00 सैमफोर्ड- 00-00-00-00 सेवा सदन-00-00-00-00 सुमेर हॉस्पीटल-00-00-00-00 राम प्यारी हॉस्पीटल- 00-00-00-00 ¨रची ट्रस्ट हॉस्पीटल-05-02-00-00 हेल्थ प्वाइंट-00-00-00-01 पल्स हॉस्पीटल-00-08-00-00 मेदांता-00-01-00-04 गुरुनानक अस्पताल- 00-00-05-00 सीसीएल गांधीनगर-00-00- 00 05 गुलमोहर हॉस्पीटल- 03-00-00-00 राज अस्पताल-00-06-01-00 आलम हॉस्पीटल-00-03-03-02 अंजुमन इस्लामिया-57-08-05- 00 रिम्स-49-40- 0- 6 सदर अस्पताल-25- 28- 31- 60 खेलगांव-710- 00- 00- 00 रानी हॉस्पीटल-02-03-03-02 पारस हास्पीटल-00-02-11-02 सेंटर फार मेडिकल साइंस- 70-00-05-02