रांची और जमशेदपुर के मरीजों को मिल जाएगी बेड

- दोनों जिलों के लिए बना कोविड सर्किट, सीएम ने किया उद्घाटन

- रांची में बेड नहीं मिलने पर रामगढ़, लोहरदगा, सिमडेगा, लातेहार, खूंटी व गुमला में इलाज होगा

- जमशेदपुर वालों का विपरीत परिस्थितियों में सरायकेला व पश्चिमी सिंहभूम में दिलाई जाएगी जगह

- किसी मरीज को वापस नहीं लौटाया जाएगा, परिजन की अनुमति से दूसरे जिलों में ट्रांसफर होंगे मरीज

कहां कितने ऑक्सीजन बेड खाली

450 रांची सर्किट

500 जमशेदपुर सर्किट

कोरोना के सेकेंड वेव से रांची और जमशेदपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन दोनों ही जिलों में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में बेड फुल हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में सरकार से मदद मांगते लोगों को राहत देने की कोशिश की गई है। राज्य सरकार ने रांची और जमशेदपुर जिलों के लिए कोविड सर्किट बना दिया है। इन दोनों जिलों में अगर कोरोना के पेशेंट्स के लिए बेड उपलब्ध नहीं होगी, तो उन्हें नजदीकी जिलों में स्थित कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराकर इलाज कराया जाएगा। इसके अलावा कोविड सर्किट के किसी भी जिले में किसी संक्त्रमित को अपने यहां बेड उपलब्ध न हो, तो उसे दूसरे जिले में भर्ती कराया जा सकेगा। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को रांची से की।

एंबुलेंस की गई रवाना

मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से रांची जिला के निकटवर्ती कोविड कॉरिडोर वाले जिले रामगढ़, लोहरदगा, सिमडेगा, लातेहार, खूंटी एवं गुमला तथा पूर्वी सिंहभूम जिला (जमशेदपुर) के निकटवर्ती कोविड कॉरिडोर जिले सरायकेला एवं पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना संक्त्रमित मरीजों को अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी में ऑक्सीजन युक्त बेड की सबसे अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है। सरकार के द्वारा राज्य में पिछले 20 दिनों में ऑक्सीजन बेड की संख्या 2500 से बढ़ाकर 10 हजार की गई। वर्तमान में कई जिले जैसे रांची, धनबाद, जमशेदपुर आदि में ऑक्सीजन बेड कम पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर समीपवर्ती जिलों में ऑक्सीजन बेड खाली हैं। इसे देखते हुए दो कोविड सर्किट बनाए गए हैं। सीएम ने कांके रोड स्थित अपने आवासीय परिसर से कोविड सर्किट का ऑनलाइन शुभारम्भ किया।

ऐसे मिलेगी राहत

शनिवार को जो दो सर्किट बनाए गए हैं, उनमें एक रांची और दूसरा जमशेदपुर है। रांची सर्किट में रांची, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, खूंटी, रामगढ़ एवं लातेहार जिला आते हैं। वहीं पूर्वी सिंहभूम सर्किट में जमशेदपुर, सरायकेला और चाईबासा जिले आते हैं। इन दोनों सर्किट में किसी एक जिले में ऑक्सीजन बेड कम पड़ने पर मरीजों को समीपवर्ती जिलों में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराया जाएगा। रांची सर्किट में करीब 2000 बेड में 450 ऑक्सीजन बेड रिक्त हैं एवं जमशेदपुर सर्किट में 1200 बेड में करीब 500 ऑक्सीजन बेड रिक्त हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची, जमशेदपुर सहित अन्य बड़े शहरों में संक्त्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। इससे इन शहरों के कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ रहा है। ऐसे अस्पतालों में मरीजों के दबाव को नियंत्रित करने के लिए इन शहरों के निकटवर्ती जिलों में खाली पड़े ऑक्सीजन युक्त बेड पर मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। कोविड सर्किट का शुभारंभ होने से बड़े शहरों के अस्पतालों से मरीजों की भीड़ घटेगी और उन्हें निकटवर्ती अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा तथा मरीजों का बेहतर उपचार भी हो सकेगा।

टॉल फ्री नंबर पर कॉल करें

कोविड सर्किट को लेकर राज्य सरकार द्वारा टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। कोविड संक्त्रमित मरीज अथवा परिवार जो यह सुविधा लेना चाहते हैं, वे 104 के कंट्रोल रूम सेंटर में कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा रांची में 0651-2411144 एवं जमशेदपुर में 0657-2440111, 8987510050 नंबर पर कॉल कर अपने निकटवर्ती जिला अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। यह सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क है।

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन युक्त बेड एवं ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार बढ़ते कोविड-19 मरीजों के मद्देनजर सभी व्यवस्थाओं पर समर्पित भाव से काम कर रही है। यही कारण है कि आज एक नई व्यवस्था के तहत कोविड सर्किट की शुरुआत की गई है। बड़े शहरों के निकटवर्ती जिलों में स्थापित अस्पतालों की आधारभूत संरचनाओं को क्त्रियाशील किया जा रहा है। सभी जिलों के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड एवं ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।

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Posted By: Inextlive