रांची: राजधानी में लोगों को उनके मोहल्ले में ताजी सब्जियां मिले, इसके लिए वेज फ्रेश की दुकानें खोली गई थीं। ताकि सुबह-सुबह लोगों को ताजी सब्जियां मिल सकें। लेकिन उन जगहों पर सब्जियों की जगह पाउडर, मसाज क्रीम व साबुन तेल की बिक्री हो रही है। जिन लोगों को ये दुकान चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी उन लोगों ने इसका बेजा इस्तेमाल किया है। सरकार जिस उद्देश्य से इस आउटलेट को शुरू की थी उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है। हालत यह है कि कुछ आउटलेट बंद हो गए और जो कुछ खुले हैं, उसमें सब्जियों के बजाय दूसरे सामान बिक रहे हैं।

सिटी में 5 दुकानें खुली थीं

राजधानी के लोगों को ताजी सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए वेज फ्रेश की पांच दुकानें खोली गई थीं। अब इन पांच में से तीन दुकानों के भी शटर डाउन हो चुके हैं। मात्र दो दुकानें ही खुली हैं, जहां ताजी सब्जियां मिल रही हैं। बरियातू थाना, राजेंद्र चौक डोरंडा, सिदो-कान्हू पार्क, बिरसा चौक व अशोकनगर रोड नंबर-1 के पास पांच आउटलेट्स खुले थे। फिलहाल डोरंडा और बरियातू में ही वेज फ्रेश की दुकानें खुली हुई हैं। ये आउटलेट्स राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत खोले जा रहे हैं।

एनजीओ ने बिगाड़ा खेल

लोगों को हरी-ताजी सब्जियां उपलब्ध कराने का ठेका एक एनजीओ को मिला था, पर वह इन दुकानों को ठीक से नहीं चला पाया। राजधानी के पॉश पांच इलाकों में ऐसी दुकान खोलने के पीछे की मंशा जनता के साथ-साथ सब्जी उत्पादकों को भी लाभ पहुंचाने की थी। पर वेजफेड के उदासीन रवैये और एनजीओ की मुनाफा कमाने की भूख ने सरकार की नेक योजना पर पानी फेर दिया। वेजफेड ने जिस एनजीओ को नो प्रॉफि ट नो लॉस पर दुकान का जिम्मा सौंपा था, उसकी नजर मुनाफे पर ज्यादा रही। इस कारण यह सब बर्बाद हो गया।

उपलब्ध कराई गई थी जगह

शहरी क्षेत्र में वेजफेड ने पांच स्थानों पर रिटेल आउटलेट खोलने का निर्णय लिया था। हालांकि, अब तक पांच स्थानों में ही रिटेल आउटलेट खोले गए। बाकी आउटलेट खोलने के लिए जगह की मांग की गई है। इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है। लिस्ट जिला प्रशासन को भेज भी दी है। भूमि की अनुपलब्धता के कारण बाकी आउटलेट अब तक नहीं खोले जा सके हैं। रांची में खुले पांचों वेज फ्रेश के संचालन का जिम्मा लोहरदगा की एनजीओ वेजिटेबल ग्रोवर को-आपरेटिव सोसायटी को दिया गया था, जो दो आउटलेट्स चल रहे हैं, वो भी अपने मूल उद्देश्य से भटक गए हैं।

कमाई का जरिया बने आउटलेट्स

वेजफेड द्वारा किसानों से सब्जियां खरीदकर रांची के लोगों के बीच पहुंचाने की मंशा से नो प्रॉफिट नो लॉस के तहत खोले गए ये आउटलेट्स अब कमाई का जरिया बनकर रह गए हैं। जिन सब्जियों के लिए दुकानें खोली गई थीं, उसकी जगह बाहर हो गई हैं और दुकानें मल्टीनेशनल कंपनियों का उत्पाद बेचने की जगह बनकर रह गई हैं। सिदो-कान्हू पार्क स्थित वेज फ्रेश की दुकान में कॉस्मेटिक आइटम बेचने वाले दुकानदारों से जब पूछा गया कि यहां सब्जी की जगह कॉस्मेटिक आइटम क्यों बेचे जा रहे हैं तो दुकानदार ने कहा कि इस जगह के जो मालिक हैं, उनसे बात कीजिए। हम इस बारे में कुछ भी बताने में असमर्थ हैं।

Posted By: Inextlive