दैनिक जागरण - आई नेक्स्ट के वेबिनार में लोगों ने रखी अपनी बात. अफसरों ने कहा सुविधाओं को लेकर करेंगे सजग प्लानिंग से होगा काम.

रांची(ब्यूरो)। सार्वजनिक स्थानों में सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को प्रोपर प्लानिंग और मॉनिटरिंग के जरिए दुरुस्त रखा जा सकता है। जिन योजनाओं की शुरुआत धूम-धाम से की जाती है, उन्हें देखरेख के अभाव में यूं ही नहीं छोड़ दिया जाना चाहिए। हर योजना की निगरानी होनी चाहिए और हर विभाग को जिम्मेदारी तय कर पब्लिक यूटिलिटी को दुरुस्त रखने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। ये विचार दैनिक जागरण - आई नेक्स्ट की ओर से शुक्रवार को आयोजित वेबिनार में उभर कर सामने आए। पिछले दस दिनों से दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने 'साहब, इतनी बेकद्री क्योंÓ के तहत अभियान चलाकर लोगों को बताया कि कैसे सरकारी सुविधाएं और संरचनाएं बेहाल हैैं। ट्रैफिक सिग्नल्स से लेकर चौक-चौराहों तक को बदहाल छोड़ दिया गया है। इसे लेकर लोगों ने भी अपनी चिंताएं जाहिर कीं। यहां प्रस्तुत है वेबिनार में शामिल लोगों के विचार:
डैशबोर्ड बनाकर दें जानकारी
नगर निगम को एक डैशबोर्ड बनाना चाहिए, जिसमें सभी योजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध रहनी चाहिए। किस योजना पर कितनी राशि खर्च हुई और उसे दुरुस्त रखने की जिम्मेवारी किसकी है। इससे लोगों को यह पता चल सकेगा कि आखिर सरकार ने जिस योजना को शुरू किया था, उसकी बदहाली को लेकर कहां शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा लोगों को भी अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए। सार्वजनिक संपत्ति को निजी संपत्ति की तरह देखना होगा और उनका ख्याल भी खुद रखना होगा।
यूनिस ओरिया, पंचायती राज विभाग की कर्मी

काम में पारदर्शिता बेहद जरूरी
रांची शहर को सुंदर बनाए रखने का प्रयास हर किसी को करना चाहिए। पहली जिम्मेवारी तो सरकारी एजेंसी की ही बनती है। नगर निगम से लेकर नगर विकास विभाग तक को यह तय करना होगा कि पब्लिक के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाएं किसी कीमत पर बदहाल न छोड़ दी जाएं। इसके अलावा काम में पारदर्शिता होनी चाहिए, ताकि लोगों को यह पता चले कि किस कार्य में कितना पैसा खर्च हुआ और उसे ठीक रखने की जिम्मेवारी जिसकी है, वह किस हद तक ईमानदारी से काम कर रहे हैैं।
लक्ष्मण सिंह, सीनियर एडवोकेट

लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए
योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए। अगर बस शेल्टर्स टूट चुके हैैं, तो उन्हें देखने वाला कोई तो होना ही चाहिए। किस प्रकार सभी सुविधाओं का लाभ लोगों को लगातार मिलता रहे, यह देखना प्रशासन की जिम्मेवारी है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि यहां किसी की जिम्मेदारी तय ही नहीं है। सरकारी विभाग अगर ठीक से काम करेंगे, तो कोई भी संरचना बदहाली के कगार पर नहीं पहुंचेगी। अस्पतालों की ही बात करें, तो आज वहां डॉक्टर्स नहीं रहते, इसे देखने और समझने की जरूरत है।
अनवेशा पांडेय, लॉ प्रोफेशनल

शिकायत निवारण का सिस्टम डेवलप हो
प्रशासन में सबसे बड़ी समस्या सुपरविजन की है। किसी काम की निगरानी होगी, तभी उसे ठीक ढंग से चलाया जा सकता है। दूसरी ओर, शिकायत निवारण का एक सिस्टम डेवलप होना चाहिए। अगर पब्लिक किसी संरचना को दुरुस्त करने की मांग करती है, तो उसे हर हाल में एक टाइम फ्रेम के भीतर ठीक करना ही होगी। रांची केवल एक शहर ही नहीं, बल्कि राजधानी भी है। इस नाते यहां सरकारी सेवाओं, सुविधाओं और संरचनाओं को दुरुस्त रखने की जवाबदेही स्थानीय प्रशासन की है।
प्रो पंकज चटर्जी, मैनेजमेंट टीचर

एनुअल मेंटेनेंस कांट्रैक्ट हो
सिटी में जितनी योजनाएं लागू की जाती हैैं, उनके लिए काम अलॉट करते समय ही मेंटेनेंस का कांट्रैक्ट भी होना चाहिए। अगर हर काम में एनुअल मेंटेनेंस कांट्रैक्ट हो, तो काफी बदलाव आ सकती है। जिन शहरों में संरचनाएं दुरुस्त देखी जाती हैैं, वहां सालाना रखरखाव का ठेका कंपनियों को ही दिया जाता है। रांची में यह बिल्कुल गायब ही नजर आता है। अगर एजेंसीज सुपरविजन का तरीका बदल देती हैैं, तो बदलाव जरूर आएगा। इसमें आम लोगों को भी प्रशासन की मदद करनी चाहिए।
अनुभव कुजूर, व्यवसायी

डिस्टिलरी पुल मार्केट एक महीने में बनकर तैयार होगा
शहर को स्वच्छ और साफ रखने के लिए काम किया जा रहा है। डिस्टिलरी पुल के पास जो सब्जी मार्केट बन रहा है, वह अगले एक महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। यहां पर लालपुर में सब्जी बेचने वाले लोगों को बसाया जाएगा। जब सभी लोगों को डिस्टलरी पार्क के पास मार्केट में जगह उपलब्ध करा दी जाएगी तो कोकर से लालपुर जाने में जो जाम की समस्या बनी रहती है वह खत्म हो जाएगी। शहर में सीवरेज ड्रेनेज का काम फिर से शुरू हो गया है। अभी पहले फेज की स्वीकृति मिली है। इसी का काम हो रहा है। पहले फेज का काम पूरा होते ही दूसरे फेज का काम भी शुरू हो जाएगा।
संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर रांची

खराब ट्रैफिक लाइट्स को तुरंत दुरुस्त करेंगे
ट्रैफिक सिग्नल जहां भी खराब हैं, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। कुछ नए स्थानों पर भी सिग्नल व्यवस्था शुरू की गई है। कहीं कोई समस्या हो रही है तो उसे दूर किया जाएगा। यातायात व्यवस्था बनाये रखने में आम लोगों का भी सहयोग होना चाहिए। सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक नियमों का पालन करें, गाड़ी के पेपर और ड्राइविंग लाइसेंस साथ रखें।
कपिंदर उरांव, ट्रैफिक डीएसपी

Posted By: Inextlive