रांची: अक्सर लोगों को पैरों में परेशानी, ज्वाइंट पेन और अर्थराइटिस की शिकायत बनी रहती है। ऐसी परिस्थिति में लोग यह समझ नहीं पाते कि इसका इलाज कब और कैसे कराएं। किस स्टेज में अर्थराइटिस का इलाज कराना फायदेमंद रहता है। इन्हीं सब सवालों के जवाब जानने के लिए डीजे आईनेक्स्ट की ओर से एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें रांची के नी रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ नितेश प्रिया और आगरा के नी रिप्लेसमेंट स्पेशलिस्ट डॉ डीपी शर्मा शामिल हुए। डॉक्टरों ने डीजे आईनेक्स्ट के सभी सवालों का बखूबी जवाब दिया। ज्वाइंट पेन में कैसे सेहत का ख्याल रखें, खान-पान क्या हो, किस एज गु्रप को ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इन सब बातों की जानकारी दी।

चलने में परेशानी

अर्थराइटिस होने पर चलने व सीढ़ी चढ़ने में परेशानी हो सकती है। किसी सामान का सहारा लेकर चलना पड़ता है। यह ज्वाइंट पेन से शुरू होता है। धीरे-धीरे यह पेन बढ़ता जाता है। अर्थराइटिस की ज्यादा समस्या 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को होती है। वैसे कम उम्र के लोग जिन्हें किसी तरह का फ्रैक्चर हुआ लेकिन बोन के सही से नहीं जुड़ने के कारण भी यह समस्या सामने आती है। इसके अलावा अर्थराइटिस की समस्या जेनेटिक भी हो सकती है।

एडवांस तकनीक से सर्जरी

डॉ शर्मा ने बताया कि अर्थराइटिस के इलाज के लिए आज कई तरह की सुविधाएं हैं। एडवांस टेक्नोलॉजी से सर्जरी की जा रही है, जिसमें समय की भी बचत होती है। नई टेक्नोलॉजी की मदद से लंबी सर्जरी में भी अब कम समय लग रहा है। पहले जहां ब्लड चढ़ाना, लंबे समय तक बेड पे पडे़ रहने की समस्या होती थी, वहीं अब इन सब से भी निजात मिल चुका है। नी रिप्लेसमेंट में न तो किसी तरह के कैंसर होने और न ही इंफेक्शन होने का कोई खतरा है। लेकिन जब फ‌र्स्ट स्टेज में ज्वाइंट पेन या चलने में परेशानी हो उसी वक्त डॉक्टर से संपर्क करने पर इसे मामूली सर्जरी में ही ठीक किया जा सकता है। हीप और स्पाइन में पेन होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

चार तरह की सर्जरी

नी रिप्लेसमेंट में चार तरह की सर्जरी होती है। पेशेंट की स्थिति को देखते हुए सर्जरी की जाती है। फ‌र्स्ट स्टेप में सिर्फ बॉल चेंज करने की जरूरत पड़ती है जबकि परेशानी बढ़ने पर बॉल और सॉकेट भी बदलना पड़ सकता है। इसके अलावा दो और तरह की सर्जरी होती है। पहले यह सर्जरी काफी कॉस्टली हुआ करती थी। कुछ साल पहले नी रिप्लेसमेंट सर्जरी में चार से पांच लाख रुपए खर्च हुआ करते थे। लेकिन अब 80 हजार रुपए से लेकर दो लाख के अंदर में हो जाती है। फ‌र्स्ट स्टेप में यदि किसी पेशेंट की बीमारी पकड़ में आ जाती है तो सिर्फ फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज से इसे ठीक किया जा सकता है।

लोगों ने पूछे सवाल

वेबिनार के दौरान कई लोग जुड़कर अर्थराइटिस की महत्वपूर्ण जानकारी ले रहे। इनमें से कुछ ने डॉक्टर से सवाल पूछ कर अपनी समस्या का समाधान भी जाना। इंद्रजीत ने पूछा कि यूरिक एसिड बढ़ने और ज्वाइंट पेन रहने पर क्या करना चाहिए। इस पर डॉ नितेश प्रिया ने बताया कि यूरिक एसिड बढ़ने और ज्वाइंट पेन होने पर इसे मेडिसीन से ही ठीक किया जा सकता है। समय पर डॉक्टर से संपर्क कर अपनी परेशानी बताते हुए इसका इलाज कराना चाहिए। इसी प्रकार अन्य लोगों ने भी डॉक्टर से सीधे जुड़कर सवालों के जवाब लिये। लोगों ने डीजे आईनेक्स्ट के इस प्रयास की काफी सराहना भी की। कोरोना काल में जहां लोग सिर्फ कोरोना महामारी की बातें कर रहे हैं वहीं डीजे आईनेक्स्ट ने इससे अलग हटकर थोड़ी दूसरी बीमारी के बारे में लोगों को अवेयर किया, इससे अर्थराइटिस से जूझ रहे मरीजों को लाभ मिलेगा।

Posted By: Inextlive