RANCHI : देवी दुर्गा अपने पांचवे स्वरूप में स्कंदमाता के नाम से जानी जाती हैं। यह रूप ऐसी मां का प्रतीक है, जो अपने पुत्र-पुत्रियों को नेतृत्व सिखाती है और साहसी बनाती है। इतना ही नहीं, वह देश सेवा के लिए अपने बहादुर बच्चों को खतरनाक माने जाने वाले पेशों में भेजने के लिए भी प्रेरित करती हैं। नवरात्रि के पांचवे दिन मांडर इलाके के चटवाल में रहने वाली एक ऐसी ही महिला रजनी टोप्पो की कहानी प्रस्तुत है, जो अपने दो बच्चों तनुप्रिया उरांव व राजू उरांव के साथ रहती हैं और उनमें पति धनवीर उरांव की तरह देश सेवा करने का जज्बा भर रही हैं।

17 आर्मीमेन की वाइव्स का संगठन

रजनी टोप्पो का कहना है कि जहां एक ओर बॉर्डर पर देश की रक्षा में हमारे सैनिक जान की बाजी लगा रहे हैं। ऐसे में इन जांबाजों की पत्नियां भी समाज में फैले भ्रष्टाचार और गरीबों की सेवा के लिए आगे आ चुकी हैं। यह सब हो रहा है राजधानी रांची में। बॉर्डर पर सेवा देने वाले की पत्नी अब रांची में गरीब, असहाय लोगों की मदद में क्या बुराई है। रजनी टोप्पो ने इस बाबत 17 आर्मीमेन की महिलाओं की टीम बनाई है। यह नारी शक्ति संगठन में शामिल होकर समाज की सेवा कर रही है। बकौल रजनी का कहना है कि महिलाओं ने कहा कि वो महिला संगठन में शामिल होकर गांव की गरीब बच्चियों व बच्चों की सेवा करने का लक्ष्य रखी हैं। वे समाज में शोषित, पीडि़त महिलाओं व युवतियों की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभाने की शपथ ली हैं। रजनी के मुताबिक, आर्मी मैन की पत्‍‌नी बनना उनके लिए गौरव की बात है। उनके मुताबिक, ताउम्र समाज सेवा करना ही उनका लक्ष्य है।

फौजी पति पर गर्व

मैट्रिक की शिक्षा हासिल की हुई रजनी के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह अपने पति को याद तो करती हैं, लेकिन उसे फख्र है कि उसके पति देश की सेवा में अन्य फौजी भाइयों के साथ डटे हुए हैं। वह अपने बच्चों को उन्हीं के जैसा बनने का भी गुर सिखा रही हैं। पिता के बच्चों के साथ नहीं रहने पर उन्हें कभी पिता के रूप में तो कभी मां के रूप में प्यार देना नहीं भूलती हैं।

Posted By: Inextlive