रांची: सिटी के कई इलाकों में लोगों के घरों तक पहुंचने वाला सप्लाई वाटर पीने लायक ही नहीं है। महीनों से लोगों के घरों में गंदा पानी आ रहा है। कई जगहों पर तो रंगीन पानी की सप्लाई होने की भी शिकायतें आ रही हैं। इन सबके बावजूद सप्लाई वाटर की क्वालिटी को लेकर विभाग गंभीर नहीं है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सप्लाई वाटर का पैसा चुकाने के बावजूद उन्हें पीने लायक पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को मार्केट से पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है, जिसमें उनकी जेब ज्यादा ढीली हो रही है। बता दें कि राजधानी की बड़ी आबादी सप्लाई वाटर पर ही निर्भर है। आलम ये है कि पीने से लेकर घर के अन्य कामों के लिए भी लोग इसी पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

कहीं पीला तो कहीं लाल पानी

सिटी के हर इलाके में पानी की पाइपलाइन बिछी हुई है। अब कुछ इलाकों में पीला पानी तो कुछ में लाल पानी आ रहा है, जिसे लोग घरों के टैंकर में स्टोर करते हैं। इसके बाद पानी को घंटे भर के लिए छोड़ दिया जाता है जिससे कि पानी की गंदगी नीचे बैठ जाए। इसके बाद पानी को यूज किया जाता है।

फिल्टर वाटर का कैसे बदल रहा रंग

सिटी के तीन डैमों से पानी की सप्लाई होती है। जहां तीनों डैम में फिल्टरेशन प्लांट भी है। पानी को प्रॉसेस करने के बाद ही सप्लाई की जाती है। इसके बाद पाइपलाइन की मदद से लोगों के घरों में पानी पहुंचता है। जब पानी फिल्टर होकर आता है तो लोगों के घरों में पहुंचने तक इसका रंग कैसे बदल जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहीं साफ पानी सप्लाई के नाम पर आईवॉश तो नहीं किया जा रहा।

क्या कहती है पब्लिक

हमारे एरिया में भी पानी की सप्लाई बहुत कम होती है। लेकिन गंदे पानी की समस्या लगातार बनी हुई है। पांच महीने से यही पानी हमलोगों के घरों में आ रहा है। आरओ है तो पीने के लिए पानी उसी से मिल जाता है। नहीं तो ऐसा पानी पीने से तो आदमी बीमार हो जाएगा।

सुनील किस्पोट्टा

एक तो पानी की सप्लाई की टाइमिंग बहुत ही कम है। कब आता है और चला जाता है। उसमें भी गंदा पानी आने के कारण काफी परेशानी होती है। अगर साफ पानी की सप्लाई नहीं कर सकते तो इसके लिए चार्ज वसूलने का काम क्यों करते हैं। पानी की वजह से ही लोगों को बीमारियां भी चपेट में ले रही हैं।

नौशाद खान

गंदा पानी ही बीमारियों की जड़ है। इसके बावजूद लोगों के घरों में ऐसा पानी सप्लाई हो रहा है। इसके लिए विभाग को रेगुलर समय पर चेकिंग करनी चाहिए कि कैसा पानी घरों में जा रहा है। आखिर डैम से पानी फिल्टर करने की बात की जाती है। फिर ऐसा पानी हमारे एरिया में क्यों आता है।

अंशु

हमलोग पानी का बिल भी बरते हैं। फिर हमारे साथ विभाग ऐसा क्यों करता है। अगर साफ पानी नहीं दे सकते तो चार्ज क्यों लेते हैं। अधिकारियों को इसके लिए एक सेल बनाना चाहिए, जहां लोग गंदे पानी सप्लाई की कंप्लेन कर सकें। इससे मॉनिटरिंग होगी और सुधार की जा सकती है।

बलराम चौरसिया

Posted By: Inextlive