रांची: रांची के युवाओं और नाबालिगों को भी सुनियोजित तरीके से संगठित ड्रग्स कारोबारी नशेड़ी बना रहे हैं। शुरू में नए ग्राहकों को सस्ती कीमत पर गांजा, चरस, हेरोइन, अफीम जैसे मादक पदार्थ उपलब्ध कराए जाते हैं। एक बार चस्का लगने के बाद फिर इन्हीं चीजों को मनमानी कीमत पर बेचकर कारोबारी ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। प्रतिबंधित पदार्थ होने के बावजूद कारोबारी इसकी बिक्री के लिए बकायदा एजेंट तक बहाल कर रखे हैं। इनके सॉफ्ट टारगेट स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स के साथ युवा भी हैं। इस धंधे की भनक सरकारी एजेंसियों को भी है। स्पेशल ब्रांच ने तो बकायदा मुख्य ड्रग्स सप्लायर के नाम और पते के साथ मुख्यालय को पत्र भेजकर कार्रवाई की सिफारिश भी की है।

उड़ता झारखंड जैसी बन रही स्थिति

उड़ता पंजाब फिल्म की तर्ज पर झारखंड के युवाओं की नसों में भी तेजी से नशे का जहर उतारा जा रहा है। लेकिन यह उड़ता झारखंड उन मां- बाप की नींद उड़ा रहा है, जिनके लाडले तेजी से फैल रहे इस नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। अवैध शराब से लेकर अफीम, ब्राउन सुगर, चरस, गांजा से लेकर फैंसी डील, कोरेक्स, मैन्ड्रेक, आयोडेक्स, डेन्ड्राइट्स आदि जैसे नशे में चूर युवाओं को शहर में खुलेआम देखा जा सकता है। पुलिस छोटी-मोटी खेप धर-पकड़कर वाहवाही तो लूट रही है, लेकिन धंधे के माहिर धंधेबाजों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। पुलिस की इस नींद के पीछे टेबल पर पहुंचने वाला उनका हिस्सा एक बड़ा कारण है।

देवड़ी, चित्रा, आंध्रा का गांजा डिमांड में

शहर में जो गांजा की खेप लाई जा रही है, उनके नाम देवड़ी, चित्रा और आंध्रा हैं। इन तीन क्वालिटी का माल शहर के लड़कों में खासा लोकप्रिय हो रहा है। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड देवड़ी की है। तमाड़ का यह गांजा लड़कों की सोचने-समझने की शक्ति को क्षीण कर रहा है।

6 करोड़ का डेली कारोबार

शहर में सबसे ज्यादा बिकने वाला गांजा स्विच ऑफ कहलाता है। इसकी खेप तमाड़ के देवड़ी इलाके से आती है। यह 32 हजार रुपए किलो बेचा जाता है। जानकारों की मानें तो प्रतिदिन एक स्पॉट से 20 किलो से ज्यादा माल खपाया जाता है। शहर में करीब 100 ब्लैक स्पाट हैं, जहां प्रतिदिन गांजा की खेप बेची जाती है। इन आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 6 करोड़ 40 लाख रुपए का गांजा बेचा जाता है।

कौन है तमाड़ का गांगुली और मुन्ना

शहर में स्विच ऑफ की खेप भेजने वाला सबसे बड़ा अपराधी तमाड़ का गांगुली और मुन्ना है। इन दोनों के ठिकानों से शहर के कई हिस्सों में गांजा की खेप पहुंचाई जाती है।

इन इलाकों में मिलता है गांजा

सुखदेवनगर थाना के पीछे, हरमू मुक्तिधाम गली में, बूटी मोड़ चौक पर पान दुकान में, तिलता चौक पर, कचहरी चौक स्थित खैनी दुकान में, पिस्का मोड़, कांके रोड चांदनी चौक में, कर्बला चौक, रेडिशन के बगल में, पटेल चौक, स्टेशन रोड पर गांजा बिक रहा है।

ड्रग्स सिंडिकेट का एक बड़ा खिलाड़ी

स्पेशल ब्रांच ने पुलिस मुख्यालय को भेजे पत्र में बताया कि लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कर्बला चौक में रहने वाला राजा शहरी क्षेत्र में ड्रग्स सिंडिकेट का एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। गांजा और चरस की आपूर्ति करने के लिए इसने कई क्षेत्रों में ठिकाने बना रखे हैं। पान, तंबाकू, चाय बेचने वालों से लेकर कई स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स को भी कमीशन के आधार पर अपना एजेंट बना लिया है। राजा खुद कर्बला चौक पर कैंप कर अपने धंधे की मॉनिटरिंग करता है। इसके अलावा कई हथियार तस्कर भी मादक पदार्थ के जरिए अपने धंधे को विस्तार दे रहे हैं। धंधेबाज न सिर्फ राजधानी के युवाओं को नशेबाज बना रहे हैं, बल्कि उन्हें अपराधी बनने को भी विवश कर रहे हैं। हाल के दिनों में कई अच्छे घरों के युवाओं ने सिर्फ इस कारण अपराध को अंजाम दिया ताकि नशीली चीजें खरीदने के लिए पैसों का जुगाड़ हो सके।

ट्रेन, बस समेत लग्जरी गाडि़यों से पहुंचती है खेप

शहर के युवाओं को नशे की लत लगाने वाले सरगना बस और ट्रेन को कुरियर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कार्य में महिलाएं भी शामिल हैं। इस कारण सरगना तक नशीले पदार्थ की खेप आसानी से पहुंच जाती है। खादगढ़ा बस स्टैंड से कई बार ऐसे लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें महिलाएं भी शामिल थीं। इसके बावजूद नशे की खेप निरंतर राजधानी पहुंच रही है। अब तो लग्जरी गाडि़यों के जरिए दूसरे जिलों और प्रदेशों से ऑर्डर मंगाया जाता है।

पुलिस ने इस मामले पर गंभीरता से काम किया है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिनकी निगहबानी चल रही है। शहर के युवाओं को भी नशे की लत छोड़नी चाहिए। कारोबारियों पर पुलिस की पैनी नजर है।

-सुरेन्द्र झा, एसएसपी, रांची

Posted By: Inextlive