डीएसपीएमयू के नए वीसी डॉ. टीके शांडिल्य ने टीचर्स के साथ की इंट्रैक्शन मीट


रांची(ब्यूरो)। मेरी पहली प्राथमिकता शिक्षकों का सम्मान होगी। क्योंकि कौटिल्य ने कहा था कि जिस समाज में शिक्षक का सम्मान नहीं है, वो समाज कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता है। यूनिवर्सिटी नि:संदेह शिक्षकों के ताल-मेल से तेजी से आगे बढेगा। ये बातें डीएसपीएमयू के नए वीसी डॉ टीके शांडिल्य ने गुरुवार को कहीं। वह यूनिवर्सिटी के परमानेंट टीचर्स के दल के साथ इंट्रैक्शन मीट को संबोधित कर रहे थे।लंबित मामले टाइमफ्रेम में होंगे पूरे
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी स्तर पर शिक्षकों की लम्बित प्रोन्नति, एरियर, लम्बित वित्तीय लाभ को टाइमफ्रेम में पूरा करने की पूरी कोशिश होगी। वहीं, विभिन्न प्रकार की कार्यशाला एवं संगोष्ठी के लिए सभी विभागाध्यक्षों को अनुमानित व्यय के साथ विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर कुलसचिव कार्यालय में 27 जून तक जमा करने को कहा गया। संगोष्ठी के लिए प्रति विभाग अनुमानित व्यय सीमा चार लाख रुपए व कार्यशाला की अनुमानित व्यय सीमा दो लाख है। जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के लिए अनुमानित व्यय सीमा क्रमश: 6 एवं चार लाख है। खाली पद भरने की पहल


कुलपति ने आश्वासन दिया कि खाली पदों को भरने की दिशा में भी पहल होगी। उन्होंने कहा कि सेल्फ फाईनांस कोर्स को और दुरुस्त करने की जरूरत है और जो यूनिवर्सिटी का मौजूदा डिफिसिट बजट उसे हम सरप्लस बजट में कन्वर्ट कर सकें, इस दिशा में मिल कर इमानदार प्रयास करने होंगे। रिसर्च व उच्च शिक्षा के लिए कोई शिक्षक आगे आए तो यूनिवर्सिटी स्तर से हर संभव मदद मिलेगी। मौके पर टीचर्स ने यूनिवर्सिटी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। कुलसचिव डॉ नमिता सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ अनिल कुमार के साथ सभी शिक्षक मौजूद थे।इंग्लिश विभाग ने किया वेलकमइंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर विभाग के को-आर्डिनेटर डॉ। विनय भरत ने अपने शिक्षकों की टीम सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार, श्वेता गौरव व शुभांगी रोहतगी के साथ मिलकर पुष्प गुच्छ देकर कुलपति प्रो .(डॉ.) तपन कुमार शांडिल्य का स्वागत किया। मौके पर मानव शास्त्र के सहायक प्रोफेसर और डॉ। अभय सागर मिंज ने भी पुष्प गुच्छ देकर वीसी का स्वागत किया।

Posted By: Inextlive