रांची: महाअष्टमी की पूजा शनिवार को सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। सुबह पांच बजे से ही सभी मंदिरों की घंटियां बजने लगीं। शनिवार को ही महानवमी तिथि भी चढ़ने के कारण कई पूजा पंडालों में महानवमी की भी पूजा हुई। देर रात पूजा पंडालों में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते रहे। कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सभी भक्त माता का आर्शिवाद ले रहे थे। दिन के ग्यारह बजे के बाद महानवमी चढ़ गया, जिसके बाद कुछ पूजा पंडालों में बली की विधि भी संपन्न कर ली गई। रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा पंडाल में संधि बली की प्रथा पूरे विधि-विधान से संपन्न हुई। समिति के अध्यक्ष मुनचुन राय ने दिन के 11.25 बजे भतुआ, केतारी, केला, खीरा और शरीफा समेत पांच फलों की संधि बली देकर मां की उपासना की। हालांकि महानवमी की पूजा रविवार को और विजयादशमी सोमवार को मनाई जाएगी। सिटी में दुर्गोत्सव का उत्साह है। श्रद्धालु मां की भक्ति में रमे हैं। न कहीं साउंड है और न ही कहीं आकर्षक लाइटिंग की साज-सज्जा। फिर भी आस्था में कहीं कोई कमी नजर नहीं आ रही है। सादगी में ही सही, पूरे विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना हो रही है।

प्रशासन भी है चौकस

महाअष्टमी के दिन पूजा पंडालों में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ी। इसमें महिला श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा थी। भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी चौकस रहा। सभी पूजा पंडालों में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को बार-बार समझाया जा रहा था। कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जा रही थी। वहीं आयोजकों द्वारा भी बार-बार भक्तों को समझाया जा रहा था। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए युवा दस्ता के कार्यकर्ता विभिन्न पूजा पंडालों में तैनात हैं।

कन्या पूजन

मेन रोड स्थित दुर्गाबाड़ी, थड़पखना देशप्रिय क्लब, व‌र्द्धवान कंपाउंड हरिमति मंदिर में प्रशासनिक आदेश के अनुरूप पूजा-अर्चना हुई। मंदिर में श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ नहीं थी। मंदिर के पुजारी और आयोजन समिति के सदस्य शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर से ही माता को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। तीनों स्थानों पर बांग्ला परंपरानुसार अष्टमी पूजा हुई। इसके बाद संधि बलि दी गई। शनिवार को ही नौ कुंवारी कन्याओं का भी पूजन हुआ। जैसे-जैसे शाम ढलने लगी श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए घरों से निकलने लगे।

Posted By: Inextlive