राजधानी रांची सहित राज्य भर में बिजली की किल्लत दूर करने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन डीवीसी से 150 मेगावाट एक्स्ट्रा बिजली लेना शुरू किया है.


रांची (ब्यूरो): डीवीसी द्वारा जिन 10 जिलों के अपने कमांड एरिया में बिजली उपलब्ध कराई जाती है, इसके अलावा यह सप्लाई दूसरे जिलों के लिए की जा रही है। अलग-अलग सोर्स से बिजली लेने के अलावा डीवीसी से एक्स्ट्रा बिजली लेने के कारण राजधानी सहित रा'य भार में बिजली सप्लाई की स्थिति सुधारने लगी है। हमेशा होती है किल्लत डीवीसी का राज्य सरकार पर अरबों रुपए बकाया है। सरकार डीवीसी को पूरा पैसा नहीं देती है, जिसके कारण डीवीसी समय-समय पर बिजली कटौती शुरू कर देता है। अप्रैल में भी अधिक पैसा बकाया हो जाने के बाद डीवसी अपने कमांड क्षेत्र में बिजली सप्लाई में कमी शुरू कर दी थी। बाद में सरकार ने समझौता करके डीवीसी को एकमुश्त 350 करोड़ रुपए का भुगतान किया। हर दिन डेढ़ करोड़ रुपए
समझौते के तहत बिजली वितरण निगम द्वारा डीवीसी को रोज डेढ़ करोड़ रुपए दिए जा रहे हैैं। हर महीने डीवीसी को 45 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान किया जा रहा है। डीवीसी झारखंड के 10 जिलों में बिजली सप्लाई करती है। इन जिलों में अमूमन हर दिन 500 से 550 मेगावाट तक बिजली डीवीसी द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इसके एवज में डीवीसी को हर महीने 160 करोड़ रुपए का भुगतान भी बिजली वितरण निगम को करना है। वितरण निगम हमेशा डीवीसी को पैसा का भुगतान भी करता है, लेकिन पिछले कई सालों से कम पैसे का भुगतान करने के कारण डीवीसी का सरकार पर बकाया की राशि बहुत अधिक बढ़ गई है। रांची को रोज 300 मेगावाट जरूरत रांची एरिया बोर्ड को हर दिन 300 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। इसमें नॉर्मल सीजन में 250 मेगावाट की खपत हो जाती है, लेकिन गर्मी के दिनों में लोड शेडिंग बढऩे के कारण यह 300 मेगावाट तक बिजली की खपत हो जाती है। अब जब डीवीसी से 150 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है, इसका लाभ रांची को भी मिलेगा।

Posted By: Inextlive