रांची: रांची राजधानी तो बन गई लेकिन यहां ट्रैफिक सिस्टम दुरुस्त नहीं हो पाया। रोड पर तो शोरूम और आटो वालों का कब्जा है, जिससे दिन में रोड पूरा जाम रहता है और रात होते ही बड़ी गाडि़यों के लिए भी काफी जगह हो जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं ओल्ड एचबी रोड की, जहां पर आटो वालों और दुकानदारों ने रोड पर कब्जा जमा रखा है। वहीं हॉस्पिटल की पार्किग के कारण भी रोड की चौड़ाई कम हो जाती है, जिसका खामियाजा हर दिन इस सड़क से गुजरने वाले लोग भुगतते हैं। ऐसे में लोग सड़कों से एन्क्रोचमेंट हटाने की मांग कर रहे हैं।

40 फीट रोड, आधे पर कब्जा

ओल्ड एचबी रोड में श्रीलोक कांप्लेक्स के पास से वन-वे लागू किया गया था, जिसमें गाडि़यों के केवल जाने की परमिशन थी। वहीं गाडि़यों के अल्बर्ट एक्का चौक की ओर से आने पर रोक थी। लेकिन मंदिर के पास ही दोनों ओर सुबह से रात तक ऑटो का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे 40 फीट की सड़क आधी भी नहीं बचती। बाकी जाम लगाने में आसपास के दुकान वाले भी कसर नहीं छोड़ते।

अपनी पार्किग नहीं, निगम में लगाते नहीं

दुकानें और शोरूम तो चल रहे हैं पर किसी ने वहां पर अपनी पार्किग नहीं बनाई है। ऐसे में सभी अपने टू व्हीलर को दुकान के सामने ही लगाकर छोड़ देते हैं। इसके बाद ऑटो वाले ठीक बगल में गाडि़यां लगाकर सवारी बैठाने लगते हैं। अगर थोड़ी दूर जाकर पार्किग में लोग अपनी गाडि़यां लगा दें तो रोड पूरे दिन खाली रहेगा। वहीं आटो वालों के लिए भी सिस्टम लागू करने की जरूरत है।

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क्या कहती है पब्लिक

रोड न तो किसी दुकानदार की है और न ही आटो वालों की। इसलिए रोड पर ये लोग जिस तरह कब्जा जमाए रहते हैं उसे खाली कराने की जरूरत है। इनकी वजह से ही गाडि़यां रेंगती रहती हैं। अवैध पार्किग और आटो वाले हट जाएंगे तो रोड खाली हो जाएगा। इसके अलावा जो लोग बड़ी गाड़ी से जाम लगाते हैं उनपर फाइन लगाया जाए तो व्यवस्था पटरी पर आ जाए।

अमरदीप

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हर कोई शॉर्टकट चाहता है। दुकान वाले गाड़ी दुकान के सामने ही लगाते हैं। आटो वाले भी साइड में लगाने के बजाय रोड पर ही पैसेंजर बैठाना शुरू कर देते हैं। आखिर इन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। इसलिए नगर निगम और प्रशासन मिलकर रोड को खाली कराए तभी जाम की समस्या खत्म होगी।

कुणाल सिंह

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जाम की समस्या एक दिन की नहीं है। दिन में तो इस रास्ते से गुजरने में भी सोचना पड़ता है। गाडि़यां रेंगती रहती हैं। इस वजह से दूसरा रूट चुनना पड़ता है। गाडि़यों के अलावा ठेले-खोमचे वाले भी बहुत हैं। अगर सबकुछ सिस्टम से चले तो समस्या का समाधान हो सकता है। वहीं लोगों को जाम की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।

ऋषभ

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दिन में तो गाड़ी लेकर चलने की जगह नहीं होती। रात में रोड देखकर लगता ही नहीं कि यह वो सड़क है। पूरे रोड में जगह है। केवल आटो और दुकान वालों के कारण रोड की चौड़ाई कम हो जाती है। इन लोगों को खुद से जागरूक होने की जरूरत है। पार्किग में गाडि़यां लगाएं तो दिक्कत नहीं होगी। इसके लिए प्रशासन को एक्टिव होने की जरूरत है।

नवजोत

Posted By: Inextlive