रांची: राजधानी रांची में हर दूसरे दिन एक मर्डर होने से लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है। जी हां, पिछले करीब एक माह के अंदर 15 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं, पिछले लगभग 15 दिनों में सिटी में ही सात हत्याएं हो चुकी हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन हो या उसके बाद अनलॉक सिटी में मर्डर का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इस कारण सिटी के लोगों में भय है। कब, कहा, क्या हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। वहीं, पुलिस से लोगों की उम्मीद टूटती जा रही है। नए साल में प्रवेश करते ही राजधानी रांची में सिरकटी लाश ने खलबली मचा दी। बीते तीन जनवरी को ओरमांझी थाना क्षेत्र के जीरावर जंगल में एक युवती की सिरकटी लाश बरामद हुई थी। इस लाश ने पूरे राज्य के लोगों की झकझोर कर रख दिया। मामले में सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल भी उठे, विरोध भी हुआ और हाई वोल्टेज ड्रामा भी हुआ। बहरहाल, पुलिस इस हत्या की गुत्थी को लगभग सुलझा ली है।

लॉकडाउन में ही 36 लोगों की हत्या

आलम ये है कि जनवरी से लेकर दिसंबर तक 129 मर्डर के केसेज सामने आए। तीन महीने के लॉकडाउन में भी 36 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। हर महीने 12 से 14 हत्या की खबरें सामने आ रही हैं। किसी की गोली मारकर तो किसी की चाकू से गला रेत कर एवं पत्थर से कूच कर हत्या के मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस हर बार लॉ एंड ऑर्डर में सुधार करने, कानून व्यवस्था सख्त करने का दावा करती है लेकिन हर बार दावे फेल नजर आते हैं। एक ओर ये सभी घटनाएं राजधानी में कानून व्यवस्था की पोल खोल रही हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस का खौफ इन घटनाओं के सामने बौना साबित हो रहा है।

केस सॉल्व करने में छूट रहे पसीने

हाल के दिनों में मर्डर की जिस तरीके की घटनाएं सामने आई हैं, इससे यह स्पष्ट है कि अपराधी शातिर तरीके से वारदात को अंजाम दे रहे हैं, जिसे सॉल्व करने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। सूफिया मर्डर सबसे ताजा उदाहरण है। इसमें केस सॉल्व करने में पुलिस को 10 दिन का समय लग गया है। इसी तरह पतरातू डैम में मिली एक युवती की डेड बॉडी ने भी पुलिस को उलझा रखा है। पुलिस इस मर्डर का खुलासा अबतक नहीं कर सकी है। अपराधी शहर के व्यस्त इलाके में हत्या की घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं। शिवगंज में हुई चाकूबाजी इसका उदाहरण है। रोड में ओवरटेक करने और मामूली विवाद के बाद अपराधियों ने रोहित कश्यप का गाल काट कर मौत के घाट उतार दिया। यह घटना रांची के वीआईपी रोड पर घटी, इसके बावजूद पुलिस उन आरोपियों को पकड़ने में विफल रही। हत्या के अगले दिन पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। हाल के दिनों में चुटिया, ओरमांझी, नामकुम, अरगोडा, किशोरगंज समेत अन्य स्थानों से भी हत्याएं की खबरे आ चुकी हैं।

बीते डेढ़ महीने में हत्याएं

12 जनवरी: पतरातू डैम से एक लड़की की हाथ-पैर बंधी डेड बॉडी बरामद हुई। स्पष्ट है कि यह मर्डर का मामला है।

07 जनवरी : कर्रा थाना क्षेत्र में संकेत मिश्रा की गला रेत कर हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है।

06 जनवरी: कोतवाली थाना क्षेत्र के किशोर गंज के समीप सेवा सदन कर्मचारी की गोली मारकर हत्या।

05 जनवरी :शिवगंज में सफाई कर्मी आशिष राम की हत्या गोली मार की गई।

03 जनवरी: ओरमांझी थाना क्षेत्र में लडकी की सिरकटी डेट बॉडी बरामद। पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है।

02 जनवरी: लालपुर थाना क्षेत्र के करमटोली में पत्थर से कूच कर एक युवक की हत्या कर दी गई। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

01 जनवरी: खलारी थाना क्षेत्र में दो लडकों की गोली मार कर हत्या कर दी गई। आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं।

29 दिसंबर: ओरमांझी थाना क्षेत्र में पति ने पत्नी की गला रेत कर हत्या कर दी।

26 दिसबंर: पिता ने अपनी ही डेढ़ वर्षीया बच्ची को पटक कर मार डाला।

22 दिसंबर: चुटिया थाना में सलमान नामक एक युवक की गला रेतकर हत्या। पुलिस छानबीन कर रही है।

21 दिसंबर: खेलगांव थाना क्षेत्र में रिटायर्ड फौजी ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। एक युवक की मौत हो गई, फौजी गिरफ्तार।

20 दिसंबर : जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के हेसाग में पुलिस के सामने ही एक युवक की चाकू मारकर हत्या।

20 दिसंबर: ओवरटेक करने के मामले में अपराधियों ने रोहित कश्यप की चाकू मारकर हत्या कर दी।

13 दिसंबर: बुंडू थाना क्षेत्र में एक युवक चरण लोहरा की पत्थर से कूच कर हत्या।

08 दिसंबर: नामकुम थाना क्षेत्र में कारोबारी की गोली मार कर हत्या

Posted By: Inextlive