RANCHI बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के चूहे बहुत शरारती हैं। इन्हें जब मौका मिलता है ये या तो ऑफिस के कागजात कुतर जाते हैं या फिर पैसेंजर को परेशान करते हैं। यही वजह है कि इन चूहों को मारने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी सालाना साढ़े छह लाख रुपये खर्च करता है। एयरपोर्ट प्रबंधन 2014 से इसके लिए टेंडर निकाल रहा है और तब से ही यह काम हो रहा है। पेस्ट कंट्रोल के तहत निकले टेंडर में यह काम होता है।

क्या है मामला

एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक वरीय अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एयरपोर्ट ऑफिस में कई महत्वपूर्ण कागजात होते हैं। इन्हें चूहे कुतर जाएं तो बहुत दिक्कत होगी। इसके अलावा यदि पैसेंजर को यह काट लें या उनका सामान बर्बाद कर दें तो इससे पैसेंजर्स को भी असुविधा होगी। वहीं एयरपोर्ट के डायरेक्टर अनिल विक्रम ने बताया कि चूहों से एयरपोर्ट परिसर को फ्री करने के लिए यह टेंडर होता है। चूहों का उपाय न किया गया तो यह पैसेंजर के बैग काट देंगे, या तार काट देंगे या महत्वपूर्ण कागजात कुतर जायेंगे। इनसे कई दूसरी समस्याएं खड़ी न हों इसके लिए हर साल इसका टेंडर होता है।

हर पंद्रह दिन में देनी होती है सर्विस

एयरपोर्ट पर रोडेंट कंट्रोल का काम करनेवाली कंपनी को हर पंद्रह दिन में एक बार सर्विस देनी होती है। उसे साल में कम से कम 24 बार यह सेवा देनी होती है। कंपनी जो एरिया कवर करती है उसमें ओल्ड और न्यू टर्मिनल बिल्डिंग तथा नैवएडस का एरिया शामिल है। टेंडर में सफल होनेवाली कंपनी को सात दिन के अंदर काम शुरु करना होता है।

Posted By: Inextlive