एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट में एजेंसी की एंट्री का विरोध. स्टूडेंट्स के लाभ का हवाला दे रहा आरयू प्रशासन.

रांची(ब्यूरो)। रांची यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स का अब निजी एजेंसियों के जरिए एग्जाम लेगी। यूनिवर्सिटी का परीक्षा विभाग निजी एजेंसी को देने की तैयारी चल रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले का विरोध विभिन्न छात्र संगठन कर रहे हैं। आउटडोर एजेंसियों के काम करने पर छात्र संगठनों का कहना है कि इससे स्टूडेंट्स परेशान होंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन स्टूडेंट्स की समस्याओं के प्रति आंखें मूंद लेगा। उनका यह भी कहना है कि आउटडोर एजेंसियों से काम कराने पर स्टूडेंट्स प्रताडि़त होंगे और उनपर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। संगठनों का तर्क है कि यूनिवर्सिटी में बाहरी एजेंसियों के काम करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले के विरोध में एबीवीपी ने पिछले दिनों यूनिवर्सिटी के मेन गेट में ताला बंद कर दिया था और वीसी के ठोस आश्वासन के बाद ही आंदोलन वापस लिया था।
रुकवा दिया था टेंडर
आउटडोर एजेंसी के विरोध में एबीवीपी ने वीसी कार्यालय में चल रहे टेंडर की प्रक्रि या के दौरान घुसकर टेंडर को रुकवा दिया था और इसके विरोध में मेन गेट पर ताला बंद कर दिया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ताला को तुड़वा दिया।
इन यूनिवर्सिटीज में एजेंसी
राज्य की दो यूनिवर्सिटीज कोल्हान और बिनोबा भावे यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग का संचालन आउटडोर एजेंसियां कर रही हैं। ऐसे में यहां भी परीक्षा विभाग में एजेंसियों से ही काम लेने की बात कही जा रही है। हालांकि, इस संबंध में छात्र संगठन दोनों यूनिवर्सिटीज में काम करनेवाली एजेंसियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
क्या है यूनिवर्सिटी का तर्क
परीक्षा विभाग में आउटडोर एजेंसी के काम पर रांची यूनिवर्सिटी का तर्क है कि उसके स्टूडेंट्स खूंटी और सिमडेगा जैसे दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं। ऐसे में परीक्षा के एडमिट कार्ड में कोई गलती हो गई या एडमिट कार्ड डाउनलोड होने में परेशानी हुई तो ऐसे स्टूडेंट्स नाहक परेशान होंगे और उनकी परीक्षा भी छूट जाएगी। यूनिवर्सिटी का कहना है कि सेमी ऑटोमेशन से एडमिट कार्ड तुरंत जेनरेट हो जाएगा, जिसे स्टूडेंट्स तुरंत अपने मोबाइल में डाउनलोड कर किसी साइबर कैफे से पिं्रट निकाल सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत अन्य बाहरी यूनिवर्सिटीज में ऐसी ही एजेंसियों की सेवाएं ली जा रही हैं। यूनिवर्सिटी के अनुसार, अब ऐसी स्थिति है कि स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट्स को डीजी लॉकर में रखना जरूरी है। यदि यूनिवर्सिटी के किसी स्टूडेंट जो अमेरिका में रहता है और उसे अपने सर्टिफिकेट की जरूरत है तो वह सर्टिफिकेट्स के लिए रांची नहीं आ सकता। इसलिए ऐसी व्यवस्था जरूरी है।

निजी एजेंसियां यदि परीक्षा विभाग का काम करेंगी तो निश्चित रूप से स्टूडेंट्स का आर्थिक दोहन होगा। हमारा संगठन शुरू से ही यूनिवर्सिटी के इस निर्णय का विरोध करता रहा है। हम स्टूडेंट्स के ऐसे हर फैसले का विरोध करेंगे, जिसमें उनका नुकसान हो रहा हो और जिसमें उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
-आमिर हाशमी, प्रदेश अध्यक्ष, एनएसयूआई

रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में आधा काम अब भी सेमी ऑटोमेशन के जरिए हो रहा है। नैक का स्पष्ट निर्देश है कि परीक्षा व्यवस्था को पेपरलेस करें। यूनिवर्सिटी परीक्षा विभाग को किसी निजी एजेंसी को नहीं देगी, बल्कि केंद्र सरकार के कॉमर्स डिपार्टमेंट के जरिए ही परीक्षा विभाग की गतिविधियां की जाएंगी।
-डॉ स्मृति सिंह, पीआरओ, रांची यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive