विदाई समारोह में स्टूडेंट्स से बोले ईएलएल के को-आर्डिनेटर डॉ विनय भरत. डीएसपीएमयू में डिपार्टमेंटल फेयरवेल समारोह का हुआ आयोजन


रांची(ब्यूरो)। डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के तकरीबन 500 छात्रों ने हाथों में गुलाबों के बीच कॉन्फ्रेंस हॉल 2, न्यू अकादमिक बिल्डिंग में कोर्स कोर्डिनेटर डॉ विनय भरत के लिए डिपार्टमेंटल विदाई समारोह आयोजित की। मौके पर छात्र ग्लैड केरकट्टा व अमन साहू ने ईएलएल के एक कमरे से शुरुआत से लेकर एक विभाग में तब्दील करने तक की यात्रा को याद करते हुए उनके समर्पण के प्रति आभार जताया। डॉ विनय भरत ने कहा कि सृजनशील व्यक्तित्व को अपनाना जरूरी है। ऐसे में आप बंजर भूमि को फूलों से भर सकते हैं। नेगिटिव ऊर्जा से आप स्वर्ग की बगिया को खाक में तब्दील कर सकते हैं। साहित्य के छात्र सृजनशील हैं और रेगिस्तान में भी पानी और फूल खिला सकते हैं।स्टडी पर समय खर्च करें
आप अपने कीमती समय को पहचानें और खुद के अध्ययन पर समय खर्च करें। समय का हिसाब रखें । खूब पढ़ें। एआई और व्यूज़ एन्ड थ्रो का वक्त है। फिर भी जिनके पास ज्ञान की पूंजी होगी, सिर्फ वही दुनिया को सुंदर बना सकता है। उन्होंने कहा कि आपकी सबसे अमूल्य पूंजी आपकी मुस्कुराहट है। शरीर से प्राण भी निकल जाए, पर चेहरे से मुस्कान न विदा होगी। अगर आप लालच और भय से मुक्त हों। मौके पर विभाग के शिक्षक सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार, श्वेता गौरव, शुभांगी रोहतगी और रंजना कुमारी ने भी अपने विचार रखे। कहा कि विनय भरत सर से हमने झारखण्डियत सीखी। टीम वर्क और कॉम्युनिटी लिविंग सीखा। ये प्रैक्टिकल ज्ञान हमारी पूंजी है। सर से मिली विरासत है, जिसे हम आगे भी कायम रखेंगे। मंच संचालन मानसी विश्वास और तनवी बरदियार और धन्यवाद ज्ञापन अनामिक सोरेन और सामिया यास्मीन ने किया।

Posted By: Inextlive