RANCHI: सोमवार को लॉ बिल्डिंग के उद्घाटन के दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से जेपीएससी द्वारा की जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की गई। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मानव श्रृंखला बनाकर नियुक्तियों को रद्द करने की मांगकर रहे थे। उनका कहना था कि यूजीसी के निर्देशों को ताक पर रख जेपीएससी नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी कर रहा है और बड़े पैमाने पर आवेदकों से फॉर्म भरवाने के नाम पर वसूली कर रहा है। स्टूडेंट्स ने राज्यपाल से नियुक्ति मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडे़कर के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए गाइडलाइन जारी की थी। इसके बाद भी जेपीएससी द्वारा असिस्टेंट प्रोफेंसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया को रोका नहीं गया है। इस आदेश को 19 जुलाई 2018 को जारी किया गया था।

1978 में सृजित पदों के आधार पर नियुक्तियां गलत

छात्रों का कहना है कि जेपीएससी द्वारा जो नियुक्तियां की जा रही हैं, वो 1978 के आधार पर सृजित पदों के आधार पर हैं, जो पूरी तरह से गलत है। उनका कहना है कि 40 साल पुराने सृजित पदों के आलोक में इस प्रकार की नियुक्ति आज के हिसाब से काफी कम हैं क्योंकि उस वक्त छात्रों की संख्या और गिने-चुने विषयों की ही पढ़ाई होती थी। साथ ही कई ऐसे विषय हैं, जिनके लिए नियुक्तियों का रोस्टर तैयार नहीं किया गया है।

Posted By: Inextlive