हटिया रेलवे स्टेशन पर संविदा कर्मियों को नई कंपनी ने हटाया. पुराने कर्मियों की जगह अब नए लोगों से लिया जाएगा काम. कर्मचारियों ने कहा रोजगार नहीं मिला तो करेंगे आंदोलन.


रांची (ब्यूरो)। हटिया रेलवे स्टेशन पर पिछले पंद्रह सालों से ट्रेन की की सफाई करने वाले करीब 55 कर्मियों को एक झटके में हटा दिया गया है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि बायो टॉयलेट्स और वाशिंग लाइन की सफाई के लिए पुरानी कंपनी का टेंडर खत्म होने पर नई कंपनी को काम मिला है। नई कंपनी डायनामिक एंटरप्राइजेज (रतलाम) ने पुराने कर्मचारियों से काम लेने के बजाय अपने स्तर से नए कर्मियों को रखने का फैसला किया है। इसी वजह से एक झटके में ही 15 सालों से सफाई का काम कर रहे करीब 55 कर्मी बेरोजगार हो गए हैैं। सभी कांट्रैक्ट पर थे बहाल
17 जनवरी से पहले तक जनरल सिक्योरिटी एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज नाम की कंपनी सफाई का जिम्मा संभाल रही थी। उसने जिन कर्मचारियों को रखा था, उनसे 16 जनवरी तक लिया गया। इसके बाद नई कंपनी डायनामिक एंटरप्राइजेज की एंट्री हुई, जिसमें किसी भी पुराने स्टाफ को नहीं रखा। बदले में नई कंपनी अपने लोगों को लेकर आ रही है, जो अब सफाई का काम देखेंगे। दरअसल, रेलवे में डीआरडीई टाइप के बायो टॉयलेट्स लगाए गए हैं, जिसकी सफाई के लिए प्राइवेट कंपनियों को टेंडर मिलते हैं। ये कंपनियां बायो वाशिंग लाइन के लिए वर्कर्स नियुक्त करती हैैं। अब जो लोग बेरोजगार हुए हैैं, वे काफी परेशान और हताश है। गुरुवार को करीब 45 लोगों ने हटिया रेलवे स्टेशन के पास जुटकर रणनीति भी तैयार की। क्या है पुराने कर्मियों की मांग


पुराने स्टाफ का कहना है की उन्हें सिर्फ काम चाहिए। चाहे कोई भी कंपनी आए, उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं है। उनका दावा है की नई कंपनी दूसरे राज्यों से वर्कर्स ला रही है, जिनका पेपरवर्क भी नहीं किया गया है। वे कहते हैैं कि बाहर से झारखंड लाए जा रहे कामगारों को कंपनी दरअसल कम इंसेंटिव पर काम दे रही है। ऐसे में जो मूलनिवासी हैं, उन्हे भला रोजगार कैसे मिले। लॉकडॉउन के वक्त भी स्टाफ ने ट्रेन की पूरी साफ सफाई की थी, पर नए टेंडर के आने से 17 जनवरी से उन्हें निष्कासित कर दिया गया। इसे लेकर पुराने वर्कर्स ने दो दिन स्ट्राइक पर भी किया और नए कांट्रेक्टर से बात करनी चाही पर नई कंपनी के प्रतिनिधि ने बात करना मुनासिब नहीं समझा।

पिछले तीन बार से जनरल सिक्योरिटी एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज कंपनी को ही टेंडर मिल रहा था और वर्कर्स को कोई शिकायत नहीं होती थी। उन्हें प्रतिदिन करीब 550 रुपए दिए जाते थे। इस बार बिडिंग में डायनामिक एंटरप्राइजेज को टेंडर मिला। कायदे से किसी भी कंपनी को मौजूदा वर्कर्स जो की मूलनिवासी हैं, उन्हें ही काम पर रखना चाहिए। अब इसमें हमारी कंपनी कुछ नहीं कर सकती। संजीव मिश्रा, आरएम, जनरल सिक्योरिटी एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज

Posted By: Inextlive