रांची: सिटी में ट्रैफिक वॉयलेंस करने वालों की कमी नहीं है। हर दिन सिटी में हजारों चालान कटते हैं। कुछ रूल तोड़ने वालों को चौराहों पर तैनात पुलिस पकड़ कर चालान कटती है तो कुछ शहर में लगे कैमरों द्वारा चालान किया जाता है। यह ऑटो जेनरेट चालान होता है। जिसे डाक विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर ओनर के एड्रेस पर भेजा दिया जाता है। स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के दौरान आरएलवीडी यानी रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरा द्वारा लगभग 20 हजार लोगों को पकड़ा गया। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 25 करोड़ रुपए का फाइन सिर्फ आरएलवीडी कैमरा के माध्यम से काटा गया है। सबसे ज्यादा चालान सिग्नल जंप और रेड लाइट जंप मामलों में काटा गया है। इसमें सिर्फ टू व्हीलर और फोर व्हीलर चालक शामिल हैं। शहर के आठ चौराहों पर आरएलवीडी कैमरा काम कर रहा है। जहां सिग्नल ब्रेक करते ही या रेड लाइट जंप करते ही आप कैमरे की नजर से बच नहीं सकते।

लोगों तक नहीं पहुंचा चालान

रूल तोड़ने वाले लोगों को अब तक पता ही नहीं चला कि उन्होंने यातायात नियमों का उल्लघंन किया है। दरअसल स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह में लॉकडाउन की वजह से सभी ऑफिस बंद थे। ट्रैफिक कंट्रोल हो या डाक विभाग सभी ऑफिस में कोरोना संक्रमण की वजह से कम कर्मचारी आ रहे थे। जिस वजह से ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों के एड्रेस पर चालान भेजा नहीं जा सका। इस कारण अधिकतर लोगों को ट्रैफिक रूल तोड़ने की जानकारी नहीं मिली है। जिस वजह से वे बार-बार गलती दोहरा रहे हैं। वहीं ट्रैफिक विभाग अब ऐसे लोगों के घर चालान भेजने की तैयारी में जुट गया है। विभाग का कहना है कि संक्रमण का खतरा कम होने पर ऑफिस का काम तेजी से निपटाया जा रहा है। जिन लोगों का ऑटो जेनरेटेड चालान कटा है डाक विभाग की मदद से उनके घर चालान पहुंचाने की तैयारी चल रही है। विभाग के पदाधिकारियों ने आम नागरिकों से भी खुद से इस संबंध में जानकारी लेने की अपील की है। लोग झारखंड पुलिस टै्रफिक ई चालान की बेवसाइट पर जाकर इसकी जांच कर सकते हैं। व्हीकल नंबर डालने पर जानकारी आ जाएगी। वहीं, उसी बेवसाइट की मदद से जुर्माने की राशि भी जमा कर सकते हैं।

सिटी में लगे 649 कैमरे

राजधानी रांची में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए बीते कुछ वर्षो में करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। शहर के 170 लोकेशंस पर 649 कैमरा लगाया गया है, जिसे लगाने में 51 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से सिटी में कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। कुछ चौराहे जैसे बिरसा चौक, न्यू मार्केट चौक, सुजाता, सर्जना चौक, कचहरी चौक, रेडियम रोड चौक और कांके रोड चौक पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरा भी लगाया गया है। इसके अलावा एएनपीआर यानी की ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निश कैमरे भी इंस्टाल किए गए हैं। सड़क पर चलने वाले लोगों को नियमों का खास ख्याल रखना होता है। पुलिस की नजर से बच जाने पर भी कैमरे की नजर से नहीं बच सकते हैं। कुछ चौराहों के कैमरों में तकनीकी खराबी आई है। लेकिन विभाग की ओर से खराब पडे़ सभी कैमरों की मरम्मत भी शुरू कर दी गई है।

जिन लोगों को रूल वॉयलेशन का चालान नहीं मिला है। उन्हें जल्द चालान भेजा जाएगा। शहर में कैमरों की क्या स्थिति है, इसकी भी जांच कराई जा रही है। खराब कैमरों को ठीक करने को कहा गया है।

-अंजनी अंजन, ट्रैफिक एसपी, रांची

Posted By: Inextlive