रांची: अगर आप भी स्पीड बाइक चलाने के शौकीन हैं तो घर पर चालान रिसीव करने को तैयार हो जाइए। जी हां, सिटी में 40 किमी प्रति घंटा स्पीड लिमिट से अधिक बाइक चलाते हैं तो आपका चालान कटना तय है। यही नहीं, तेज रफ्तार से चलने पर अब चौक-चौराहों पर आपको ट्रैफिक पुलिस भी नहीं रोकेगी, बल्कि स्मार्ट स्पीड सेंसर आपकी पहचान ऑटोमेटिक कर लेगा और आपके घर पर चालान पहुंच जाएगा। दरअसल, सिटी में ट्रैफि क सिस्टम को और बेहतर व दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कमांड कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से स्मार्ट चौराहों पर स्पीड सेंसर लगाया जाएगा। इससे जल्दबाजी के चक्कर में चौराहों पर होने वाले एक्सीडेंट्स पर अंकुश लगाया जा सकेगा। चौराहों पर सेंसर 40 किमी प्रतिघंटे से ज्यादा स्पीड से गुजरने वाले व्हीकल को कैप्चर कर ऑटोमैटिक ई-चालान कर देगा। ट्रैफि क डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट चौराहों पर स्पीड सेंसर लगाने की प्लानिंग की जा रही है।

वाहनों की स्पीड लिमिट तय

झारखंड में वाहनों की गति सीमा तय कर दी गई है। यह सीमा सभी शहरों के एनएच, एसएच, नगर निगम क्षेत्र के अंदर और बाहर की सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए है। डिवाइडर वाले राजमागरें पर अधिकतम रफ्तार 70 किमी, नगर निगम क्षेत्र में 40 किमी और बगैर डिवाइडर वाले राजमागरें पर अधिकतम गति 60 किमी प्रतिघंटा तय की गई है। इसका उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का चालान भी कटेगा। परिवहन विभाग के मूल्यांकन के बाद यह तथ्य सामने आया है कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह बेकाबू रफ्तार ही है। सड़क हादसों में 87 परसेंट मौत तेज गति के कारण होती है। ऐसे में गति सीमा निर्धारित करने से सड़क हादसों और इससे होने वाली मौत में कमी आएगी।

रेड सिग्नल से पहले निकलने में हादसे

ट्रैफि क डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक स्मार्ट ट्रैफि क वाले अन्य सिटीज में लोग रेड सिग्नल होने से एक-दो मिनट पहले व्हीकल धीमा कर खड़े हो जाते हैं। वहीं, रेड सिग्नल होता देख लोग व्हीकल की स्पीड बढ़ाकर जल्द पार होने की भी सोचते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं।

कम होगी दुर्घटनाएं

सिटी के कई चिन्हित चौराहों पर स्पीड निर्धारित है। अभी तक इंटरसेप्टर की ओवर स्पीड पर कार्रवाई होती थी। स्मार्ट ट्रैफिक प्लान के तहत आने वाले समय में चौराहों पर भी अधिक स्पीड से गुजरने वाले व्हीकल्स का ऑनलाइन चालान किया जाएगा। चौराहों पर जल्दबाजी के चक्कर में दुर्घटना होने के कई मामले संज्ञान में आए हैं। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यह प्लान तैयार किया गया है।

सिटी के चौराहे बनेंगे स्मार्ट

सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को हाइटेक और स्मार्ट बनाने के लिए एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम(एटीसीएस) लगाया जा रहा है। इस सिस्टम की शुरुआत होते ही शहर के हर अगले चौराहे पर हादसा होने या अन्य कोई रुकावट होने पर सिग्नल रूट डायवर्ट कर देगा। पूरा सिस्टम इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(आइटीएमएस) के तहत रेगुलेट होगा। जिन चौक-चौराहों पर ट्रैफि क लोड होगा, उसी के अनुसार टाइमर सेट किया जाएगा।

सिटी के तीन चौराहों पर ट्रायल

शुरुआत राजधानी रांची के तीन चौराहों कचहरी चौक, बिरसा चौक और अरगोड़ा चौक से की जाएगी। इन तीन में से कचहरी चौक सर्वाधिक लोड वाला चौराहा है। योजना है कि प्रोग्राम इंटरफेस के जरिए पहले इन चौराहों पर ट्रैफिक लोड का आंकलन किया जाए और फिर उसी के अनुसार टाइमर सेट किया जाए। इन तीन स्थानों पर शुरुआत के बाद राजधानी के अन्य चौराहों पर भी इसी के अनुसार टाइमर सेट होगा।

एप बताएगा कहां है ज्यादा जाम

जाम की स्थिति पर नजर रखने के लिए ट्रैफि क पुलिस एप भी तैयार कर रही है। इसके जरिए पुलिस के अधिकारी और आम लोग जाम की स्थिति देख सकेंगे। इसे गूगल के जरिए जीआइएस से जोड़ा जा रहा है। यह ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट से जुड़ा होगा। इसके तहत जाम की स्थिति का पूरा ब्यौरा कंट्रोल रूम में बैठे पदाधिकारी के पास होगा। एप से पता चल जाएगा कि किस चौक पर कितनी भीड़ है।

सिटी के चौराहों पर स्पीड सेंसर लगाने के लिए प्रपोजल मांगा गया है, जिसे भेज दिया गया है। अभी भी स्पीड से बाइक चलाने वालों को फाइन किया जाता है, लेकिन चौराहों पर स्पीड सेंसर लग जाने के बाद स्पीड लिमिट तोड़ने वाले के एड्रेस पर चालान चला जाएगा।

-अंजनी अंजन, ट्रैफिक एसपी, रांची

Posted By: Inextlive