RANCHI: मार्च अभी आया भी नहीं और शहर में अगलगी की घटनाओं में खासी तेजी आ गयी है। पिछले 3 दिनों में 5 जगहों पर आग लगने की वजह से व्यवसायी वर्ग को लाखों का नुकसान हुआ है। हर साल फरवरी लास्ट से लेकर मार्च लास्ट तक (फाइनांशियल इयर एंडिंग) आग लगने की घटनाएं काफी तेज हो जाती हैं। माना जाता है कि गरमी के आगमन के कारण शॉर्ट सर्किट ज्यादा होता है लेकिन आग लगने की घटनाओं पर बीमा कंपनियों के अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूलने लगते हैं। इंश्योर्ड प्रापर्टी में आग लगने से होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियों द्वारा की जाती है। हालांकि, इससे पूर्व आग लगने के कारणों से लेकर बुझाने की तकनीक तक की गहराई से छानबीन की जाती है।

संकरी गलियों में ज्यादा घटनाएं

अगलगी की घटनाएं वैसे इलाकों में ज्यादा हुई हैं, जहां गलियां संकरी हैं। वहां अग्निशमन विभाग के वाहन पहुंचने से पहले ही लाखों की संपत्ति जलकर स्वाहा हो गई। गर्मी के पहले ही अगलगी की घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन विभाग ने आम लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही जरूरी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

लगतार हो रही अगलगी की घटनाएं

पिछले तीन दिनों में रांची के मेन रोड, बहू बाजार, अपर बाजार, चुटिया और गाड़ीखाना में अगलगी की घटनाओं से आम लोग दहशत में हैं। मेन रोड में आग लगने की वजह से तीन दुकानें जलकर राख हो गई। वहीं बहू बाजार में आग लगने की वजह से इंडियन बैंक बाल-बाल बचा। चुटिया इलाके में आग लगने की वजह से फास्ट फूड का एक पूरा काउंटर ही जलकर राख हो गया।

फायर सेफ्टी नहीं रख्रने की लापरवाही

सबसे खतरे की बात तो यह है कि जिन-जिन इलाकों में आग लगी है, वहां फायर सेफ्टी के कोई भी उपाय नहीं थे। इसकी वजह से शुरुआत में आग को काबू नहीं किया जा सका और लाखों का नुकसान दुकान मालिकों को उठाना पड़ा।

नियमों की अनदेखी कर निर्माण बने खतरा

राजधानी रांची में दिनों दिन बढ़ती आबादी और नियमों को दरकिनार कर शहर की तंग गलियों में बहुमंजिला इमारत के निर्माण ने आम लोगों को खतरे में डाल दिया है। राजधानी रांची की तंग गलियों में कई जगह बड़ी बड़ी बिल्डिंग बना दी गई हैं। अगर वहां आग लग गई तो फिर किसी भी तरह का फायर फाइटिंग सिस्टम वहां काम नहीं करेगा। हालांकि इस मामले को लेकर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है, यहां तक कि वह दुकानदार भी जिनके व्यापारिक प्रतिष्ठान आग के मुहाने पर खड़े हैं, लेकिन वह भी इस खतरे से अपने आपको अनजान बता रहे हैं।

अपर बाजार के हालात ज्यादा चिंताजनक

राजधानी रांची का सबसे बड़ा व्यापार का केंद्र अपर बाजार सबसे खतरनाक स्थिति में है। इस इलाके में प्रतिदिन 10 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है, लेकिन कभी यहां अगर अगलगी की घटना घट जाए तो तंग गलियों में दमकल नहीं पहुंच सकेगा। उस दौरान अगलगी में नुकसान होगा, उसका अनुमान लगाने भर से ही कई लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है।

आम लोगों को सचेत रहने की जरूरत

झारखंड अग्निशमन विभाग की मानें तो हर व्यापारिक प्रतिष्ठान और घर में फायर सेफ्टी के इंतजाम होने चाहिए, ताकि आग पर शुरुआत में ही काबू पाया जा सके। अगर फायर सेफ्टी के इंतजाम आम लोगों के पास होंगे तो वे शुरुआत में आग पर काबू पाने की कोशिश करेंगे। तब तक अग्निशमन विभाग का दस्ता भी मौके पर पहुंच जाएगा, जिससे नुकसान बहुत कम होगा।

काम नहीं करता डायल 101

सबसे बड़े खतरे की बात तो यह है कि अग्निशमन विभाग का इमरजेंसी नंबर डायल 101 भी कई महीनों से ठप पड़ा है। इस नंबर पर कॉल करने पर नॉट रिचेबल की सूचना आती है, ऐसे में पुलिस के डायल हंड्रेड के भरोसे ही पूरा अग्निशमन विभाग चल रहा है। हालांकि, अग्निशमन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि कई ऐसे नंबर जारी किए गए हैं जिनसे सीधे आग लगने की घटनाओं की जानकारी दी जा सकती है।

डायल 100 डायल पर भी दे सकते हैं सूचना

फायर कंट्रोल रूम डोरंडा- 9304953404

फायर कंट्रोल ऑड्रे हॉउस- 9304953406

फायर कंट्रोल पिस्का मोर- 9304953405,

फायर कंट्रोल धुर्वा- 9304953407

फायर कंट्रोल सीटीआई धुर्वा- 9304953408

लगातार हो रही अगलगी की वारदातों को देखते हुए कंट्रोल रूम के चार नंबर आम लोगों के लिए जारी किए गए हैं, ताकि सही समय पर सूचना दे सकें। लोगों को भी अलर्ट रहना चाहिए और अपने घर की वायरिंग से लेकर अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों को दुरुस्त रखना चाहिए।

बंधु उरांव, स्टेट फायर ऑफिसर

फरवरी- मार्च में आग लगने के कारण बीमा क्लेम के मामले थोड़ा ज्यादा आते हैं। हालांकि, यह सर्वेयर की जांच प्रक्रिया और निर्णय पर निर्भर करता है कि मामला कितना सही है।

बीमा कंपनी अधिकारी

Posted By: Inextlive