रांची: रांची समेत राज्यभर में सब्जियों और फलों की आड़ में गांजा की तस्करी हो रही है। फलों और सब्जियों की आड़ में गांजा की सप्लाई किए जाने पर पुलिस को चकमा देना आसान है। चेकनाकों में उन्हें आसानी से गुजरने दिया जाता है। हाल ही में पकड़े गए गांजा के कारोबारियों ने पुलिस के सामने इसका खुलासा भी किया है। एनसीबी के अधिकारियों ने चेकनाका में तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि वे हर वाहन को चेक करने के बाद ही रांची में प्रवेश करने दें। सबसे ज्यादा गम्भीरता से सब्जी लदे वाहनों की जांच की जानी चाहिए। इसके बाद पुलिस भी रेस है और चेकनाकों पर चेकिंग तेज कर दी गई है।

खुफिया इशारा, आरोपियों की गवाही

इस मामले में खुफिया विभाग ने भी कई बार पुलिस को सतर्क किया है कि माल लदे वाहनों में तस्करी के सामान इधर-उधर किए जा रहे हैं। वहीं हाल में गांजा और अफीम के साथ गिरफ्तार आरोपियों ने भी पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया कि नशे के सामानों की तस्करी के लिए सब्जी, राशन से लदे वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

कई राज्यों में फैला है नशा के सौदागरों का नेटवर्क

झ्ारखंड से सटे ओडि़शा, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों तक नशा के सौदागरों का नेटवर्क फैला हुआ है। इनका नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि फलों-सब्जियों की आड़ में बड़े कंटेनर तक से गांजा की तस्करी की जा रही है। झारखंड के कई शहरों से होते हुए बिहार और यूपी तक पूरा कॉरिडोर बना हुआ है। राज्य में प्रवेश करने के बाद तस्कर गांजा की ट्रांसपोर्टिंग के लिए रिंग रोड का इस्तेमाल करते हैं। चूंकि रिंग रोड में पुलिस की नाकेबंदी कम रहती है।

नक्सलियों के संरक्षण में उत्पादन

झारखंड के पड़ोसी राज्य ओडि़शा का घोर नक्सल क्षेत्र कोरापुट देश में गांजा उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है। इसी तर्ज पर तमाड़ के देवड़ी में भी गांजा का उत्पादन किया जा रहा है। यहां नक्सलियों के संरक्षण में हजारों एकड़ खेत में गांजे की खेती होती है। बिक्री से प्राप्त राशि किसानों को थोड़ा मिलती है, लेकिन तस्कर मालामाल हो जाते हैं।

ओडि़शा के गांजे की देशभर में डिमांड

ओडि़शा के नक्सल प्रभावित कोरापुट, कंधमाल, मलकानगिरी देश में गांजा उत्पादन के मामले में सबसे ऊपर है। यहां के गांजे की क्वालिटी काफी अच्छी होने के कारण इसकी मांग देशभर में है। इन जिलों के जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती की जाती है। राजधानी में पहुंचने वाला सबसे अधिक माल ओडि़शा का ही होता है।

हाल-फिलहाल में गांजा बरामदगी

8 अगस्त: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो रांची की टीम ने नामकुम स्थित रामपुर रिंग रोड से 140 किलो गांजा के साथ दो तस्कर मो बेलाल खान व बाबू प्रजापति को गिरफ्तार किया। नारकोटिक्स ने जब पिकअप वैन जब्त की तो प्लास्टिक में गांजा पैक था और उसे छिपाने के लिए ऊपर से केले और इसके पत्ते डाल दिए गए थे।

17 जुलाई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने नामकुम से 225 किलो गांजा के साथ नौ आरोपियों को दबोचा था। इसे सब्जी के नीचे रखकर ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार आरोपियों के तार झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडि़शा से जुड़े हैं।

23 जून: 1.5 क्विंवटल गांजे की खेप के साथ हजारीबाग में दो आरोपी सुनील कुमार और बालेश्वर नाथ को पकड़ा गया। आरोपी पिकअप वैन में नीचे की ओर एक बड़ा छेद कर वाहन में बॉक्स तैयार कर नारियल की भूसी के अंदर छिपाकर गांजे को तस्करी के लिए ले जा रहे थे।

हर सूचना पर गांजा तस्करों को दबोचा जा रहा है। नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम तस्करों पर नजर रखी हुई है। हाल में बड़े पैमाने पर गांजा की खेप पकड़ी गई है। कई लोग गिरफ्तार भी हुए हैं।

सुरेश सिंह, एसपी, नारकोटिक्स सेंट्रल ब्यूरो, रांची

Posted By: Inextlive