रांची में बेटियां अग्निवीर के पथ पर निकल पड़ी हैं. रांची कॉलेज ग्राउंड में सुबह 5 बजे से शुरू होती है ट्रेनिंग. 150 युवा ले रहे हैं ट्रेनिंग राज्य के हर जिले से पार्टिसिपेंट्स

रांची (ब्यूरो)। नाम- काजल कुमारी, पिता का नाम- सत्यनारायण यादव, गांव- चंदवा, उम्र: 21 साल मैं चलूंगी अग्निपथ पर मैं बनूंगी अग्निवीर यह जज्बा सिर्फ काजल कुमारी में ही नहीं, बल्कि सिटी के 150 युवाओं में देश सेवा को लेकर है। रांची कॉलेज ग्राउंड में डेली सुबह दो घंटे दौड़ लगा रहे 60 लड़कियां और 90 लड़के अग्निवीर की रेस में शामिल होने को बेताब हैंं। इन 150 युवाओंं का ग्रुप उत्साह से लबरेज है और इनको बेसब्री से अग्निवीर में सेलेक्शन के लिए एग्जाम का इंतजार है ताकि देश की सेवा कर सकें।
सुबह 5 बजे से तैयारी
इन अग्निवीर की तैयारी करने वाले युवाओं की दिनचर्या सुबह पांच बजे ही शुरू हो जाती है। दो घंटे फिल्ड में अभ्यास करनके बाद पढ़ाई करते हैं। उसके बाद फिर से शाम में ट्रेनिंग लेते हैं। लड़कियों ने बताया कि यह हमारे लिए खुद पर फोकस करने का समय है, क्योंकि अक्टूबर महीने तक अग्निवीर की परीक्षा होगी। इसके पहले खुद को तैयार करना है ताकि मौका छूट ना जाए।
देश सेवा की भावना
इस ग्राउंड में जितने भी लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं, हर किसी को देश सेवा करनी है। सभी लड़कियों की उम्र 18 साल से 21 साल के बीच है। सभी ने बचपन से ही सपना देखा था कि उन्हें सेना में जाना है। किसी को अपनी मौसी की वर्दी देखकर सेना में जाने का मन हुआ तो किसी ने दुश्मन देश की कहानियां पढ़कर सेना में जाने का निर्णय लिया है।
अग्निवीर एग्जाम का इंतजार
एकेडमी में ट्रेनिंग लेने वाले सभी युवा अब अग्निवीर की तैयारी में जुट चुके हैं। लालपुर की रहने वाली रानी कुमारी बताती हैं कि अभी हमारी उम्र 19 साल है। मैं अभी से ही सेना में जाने की तैयारी कर रही हूं्। देश सेवा करने का जज्बा मुझे मेरी मासी से मिला है। वो झारखंड पुलिस में दारोगा हैं। उनकी वर्दी को देखकर मैं बचपन से ही उत्साहित रहती थी, अब मुझे मौका मिला है खुद को तैयार करने का तो मैं जी जान से जुटी हूं। अब अग्निवीर आ गया है, इसमें मुझे हर हाल में जाना ही है।
रांची में जुटे राज्यभर के युवा
अग्निवीर में जाने का सपना लिए इस एकेडमी में हर जिले के लोग शामिल हैं। रांची से लेकर दुमका और गुमला से लेकर जमशेदपुर तक के युवा ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन युवाओं का एक ही सपना है कि सेना में जाकर देश सेवा करनी है। इसके लिए अग्निवीर एक अर्पाच्यूनिटी के रूप में आया है। गुमला की रहने वाली स्वेता कुमारी बताती हैं कि देश सेवा करने का मौका अब बहुत सामने आ चुका है। अग्निवीर के लिए जी जान से जुटी हुई हूं। हर हाल में इसे क्वालिफाई करना ही है।
एक रुपए लेकर ट्रेनिंग
इन सभी युवाओं को अग्निवीर बनाने का जिम्मा उठाने वाले एकेडमी के रोहित कुमार जी-जान से लगे हुए हैं। रोहित कुमार बताते हैं कि हमारे राज्य के युवा देश सेवा करें। मुझे इनके लिए जो करना होगा मैं करने को तैयार हूं। साल भर के लिए एक रुपए टोकन मनी लेकर युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। युवाओं को अग्निवीर के लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें बेटियां भी बहुत मेहनत कर रही हैं।
क्या कहतीं हैं बेटियां
मुझे कॉलेज में ही एयरफोर्स के एनसीसी में जाने का मौका मिला। रिपब्लिक डे परेड में भी भाग ली हूं। वहीं से मेरे मन में देश सेवा का जज्बा जगा। सेना की यूनिफार्म मुझे बहुत पसंद है। अब सेना में जाने का मौका भी अग्निवीर के माध्यम से मिल गया है तो इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना है।
-ज्योति कुमार, बरियातू

बचपन से ही मैंने सेना में जाने का मन बनाया था। सेना की वर्दी देखकर मुझे इसमें जाने का मन किया। अब रांची में रहकर इसकी ट्रेनिंग ले रही हूं, देश सेवा करने के लिए मुझे सेना में जाना ही है। अग्निवीर का फॉर्म आ गया है। इसकी तैयारी में बहुत मेहनत कर रही हूं। हर हाल में इसी बार क्वालीफाई करना है।
काजल कुमारी, चंदवा

सेना में जाने का सपना बचपन में देखा था जो अब अग्निवीर के रूप में सफ ल होगा। इसके लिए मैंने बहुत पहले सपना देखा था, इस सपने को पूरा करने के लिए गुमला से चलकर रांची पहुंची हूं, अब यहां एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। अग्निवीर में जाने का समय आ गया है।
स्वेता कुमारी, गुमला

देश सेवा करने का जज्बा मुझे मेरी मासी से मिला है। वो झारखंड पुलिस में दारोगा हैं। उनकी वर्दी को देखकर मैं बचपन से ही उत्साहित रहती थी, अब मुझे मौका मिला है खुद को तैयार करने का तो मैं जी जान से जुटी हूं। अग्निवीर आ गया है, इसमें मुझे हर हाल में जाना है।
रानी कुमारी, लालपुर

युवाओं को देश सेवा करने के लिए तैयार करने की जिम्मेवारी हमने ली है। इनको सभी तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। अग्निवीर की परीक्षा अक्टूबर महीने तक हो जाएगी, इसके पहले तक इनको तैयार कर दिया जाएगा। सभी युवा पूरे जोश से ट्रेनिंग ले रहे हैं। खासकर लड़कियों का उत्साह देखते बन रहा है। मैं नेशनल प्लेयर भी हूं और एनसीसी कैडेट भी रहा हूं। बीपीएड भी क्वालिफाई किया है।
-रोहित कुमार, ट्रेनिंग मास्टर

Posted By: Inextlive