RANCHI:स्वास्थ्य विभाग राज्य के 3 नए मेडिकल कॉलेजो में 300 सीटें बचाने में जोर-शोर से जुट चुका है। प्रोफेसर और टीचर्स की कमी को तत्काल दूर करने के लिए रांची सहित राज्य के सदर अस्पतालों में जो सीनियर डॉक्टर हैं, उनको नए मेडिकल कॉलेजों में भेजा जा रहा है। भवन निर्माण का अधूरा काम पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर इंजीनियर काम करा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी भारत सरकार को पत्र लिखकर तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने की अनुमति देने की मांग की है। मालूम हो कि सूबे के तीनों नवसृजित मेडिकल कॉलेज में नए सत्र में नामांकन होना है। इसमें मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- मेदिनीनगर, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- हजारीबाग और फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- दुमका शामिल हैं। यहां सत्र 2020-2024 में एमबीबीएस कोर्स के लिए 100-100 सीटों पर नामांकन होना है। लेकिन आधारभूत संरचना की कमी होने का हवाला देकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीनों मेडिकल कॉलेज में 100- 100 सीटों पर होने वाले एडमिशन पर रोक लगा दी है।

आधारभूत संरचना की कमी है

राज्य के तीनों नवसृजित मेडिकल कॉलेज में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने आधारभूत संरचना की कमी का हवाला देकर एडमिशन पर रोक लगा दी है। नीट का रिजल्ट जारी होने के साथ ही काउंसेलिंग शुरू हो गई है। राज्य में रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस चल रहा है। इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में 280 सीटों पर छात्रों का एडमिशन हो रहा है। झारखंड के पलामू, हजारीबाग और दुमका मेडिकल कॉलेजों के सभी एमबीबीएस सीटों की संख्या मिलाकर 630 हो गई है। तीन नए मेडिकल कॉलेज के साथ ही झारखंड में छह मेडिकल कॉलेज हो गये हैं। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा देवघर में एम्स की स्थापना की गयी। इससे अब राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें 630 हो जायेंगी। रिम्स रांची में 180, एमजीएम जमशेदपुर में 50, पीएमसीएच धनबाद में 50, एम्स देवघर में 50 के अलावा पलामू्, दुमका व हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर पढ़ाई होगी।

राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में छात्रों का एडमिशन हो सके। पिछले साल भी अंतिम समय में ही इन मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन हुआ था।

डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive