RANCHI (2 स्द्गश्च): राज्य में ग्रीन एनर्जी का सपना रेड अब जोन में पहुंच चुका है। ऊर्जा विभाग की झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी जरेडा की सुस्ती की वजह से ग्रीन एनर्जी का यह सपना साकार होने नहीं हो पा रहा है। दरअसल है क्या कि जरेडा की ओर से एक साल पहले घोषणा की गई थी कि रूक्का डैम पर सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस घोषणा के बाद तीन बार टेंडर हो चुका है लेकिन कोई एजेंसी काम करने के लिए आगे नहीं आ रही है। इस फेल्योर के बाद सरकार ने राज्य में तीन और डैम पर सोलर पावर प्लांट लगाने का डिसीजन लिया है। लेकिन अंतर यह है कि यहां तैरता हुआ नहीं, डैम के ऊपर यह सोलर प्लांट लगाया जाएगा। ऐसे में भी सवाल यह उठ रहा है कि जब एक सोलर पावर प्लांट लगाने में सरकार को पसीने छूट रहे हैं तो तीन और सोलर पावर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन का सपना कैसे पूरा होगा?

3 बार टेंडर, नहीं हुआ फाइनल

रूक्का डैम को गेतलसूद डैम के नाम से भी जाना जाता है। जरेडा की ओर से गेतलसूद डैम पर 100 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए तैरता सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए दो बार सिंगल टेंडर होने के कारण टेंडर रद्द कर दिया गया, तीसरी बार फिर टेंडर निकाला गया लेकिन कोई इस बार भी कोई एजेंसी काम करने के लिए इंटरेस्ट नहीं ले रही है।

विभाग की नई दलील

वहीं अब ऊर्जा विभाग ने राज्य के जिन तीन और डैम पर सोलर पावर प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। उनमें हजारीबाग के छठवा डैम पर 50 मेगावाट, बोकारो के तेनुघाट डैम पर 200 मेगावाट और सरायकेला खरसावां के चांडिल डैम पर 100 मेगा वाट का सोलर पावर प्लांट लगवाना तय हुआ है। लेकिन इस बार विभाग की ओर से दलील दी गई है कि राज्य में जमीन अधिग्रहण की परेशानियों को देखते हुए इन तीनों डैम के ऊपर ही सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा।

काम का प्रॉसेस यह कर रहा इशारा

सरकार ने अल्टरनेट एनर्जी के तहत राज्य में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन सोलर प्लांट से करने का लक्ष्य रखा है। इसी इरादे से गेतलसूद और धुर्वा डैम के बाद तेनुघाट , चांडिल और छठवा डैम में भी यह सोलर पावर प्लांट लगाने का निर्णय हुआ है लेकिन इसके लिए सरकार के काम करने के प्रॉसेस व एक डैम के लिए टेंडर का एक साल बाद भी फाइनल न होना यह इशारा कर रहा कि राज्य में कैसे 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा।

4 करोड़ 50 लाख आता है खर्च

डैम पर सोलर पावर प्लांट लगाने का खर्च साढ़े चार करोड़ रुपए आता है। राष्ट्रीय सोलर मिशन योजना के तहत यह लागत केंद्र सरकार देगी। राज्य को स्थान उपलब्ध कराकर अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना है। इसे भी राज्य सरकार द्वारा समय से पूरा नहीं कराया जा रहा है।

Posted By: Inextlive