कोरोना हो गया है, जान बचा लीजिए सरकार
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--पूरे राज्य से कोरोना पेशेंट्स पहुंच रहे हैं रिम्स और सदर हॉस्पिटल, इलाज में हो रही है परेशानी, लगा रहे हैं गुहार --जरूरत के अनुसार डॉक्टर, नर्स से लेकर बेड तक अवेलेबल नहींकोरोना महामारी की दूसरी लहर ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। राजधानी रांची में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी कतार है। कहीं संसाधनों की कमी है। कहीं चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी नहीं हैं। मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आनेवाले पांच जिलों में हाल बेहाल है। प्रमंडल सहित पूरे राज्यभर से हर दिन हजारों की संख्या में मरीज रांची आ रहे हैं। जिलों में लोगों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। मरीजों के परिजन अस्पतालों में गुहार लगाते दिख रहे हैं। वे कह रहे हैं- मेरे मरीज को कोरोना हो गया है, जान बचा लीजिए सरकार।
-------------------रांची : रांची सहित पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। बेहतर इलाज के लिए मरीज रिम्स और सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन राज्य के सबसे बड़े अस्पताल होने का दावा करने वाले रिम्स की स्थिति दयनीय है। संसाधनों की कमी को लेकर हाई कोर्ट ने कई बार फटकार लगाई है। यही हाल रांची सदर अस्पताल का है। जबकि सरकारी अस्पतालों में संसाधन ही नहीं हैं।
नहीं एडमिट हो रहे मरीज मरीज एडमिट नहीं हो पा रहे, बाहर एंबुलेंस में पड़े हैं। फर्श पर गिरे हैं। लाख कोशिशों के बावजूद हालात नियंत्रण में नहीं आ पा रहे। स्थिति में सुधार के लिए आइएएस-आइपीएस अधिकारियों को मोर्चे पर लगाया गया है। बावजूद संसाधनों की कमी के कारण मरीज और परिजनों को भर्ती होने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मरीजों को अस्पताल पहुंचने के बावजूद चिकित्सक नहीं मिल पा रहे। लोग तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। दिल दहलाने वाला नजारा श्मशान और कब्रिस्तान का नजारा दिल दहलाने वाला है। शवों को कतार में लगाकर सुबह से रात ढ़ाई बजे तक अंतिम संस्कार किया जा रहा है। राजधानी रांची में कोरोना से अब 323 लोगों की जान चली गई है। मरीजों के आंकड़े डराने वाले हैं। रांची के सदर अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है। निजी अस्पतालों में 50 फीसद बेड कोविड के लिए आरक्षित कराया जा रहा है। इस पूरी कवायद के बावजूद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता स्वीकार कर रहे हैं कि मरीजों की संख्या बढ़ रही है। संसाधन सीमित हैं। सभी जगह कमी-खामी है।---------------------
नेत्र सर्जन 2 0 2 दंत चिकित्सक 1 1 0 महिला चिकि.पदा। 1 0 1 अर्थोपेडिक सर्जन 2 1 1 मूर्छक 2 0 2 चिकि। पदा। 3 2 1 मनोचिकित्सक 1 0 1 रेडियोलोजिस्ट 1 1 0 ------------------------- सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पद व स्वीकृत पद पद- स्वीकृत नियुक्त चिकित्सक 82 45 एएनएम/जीएनएम- 230 182 चिकित्साकर्मी 60 47 ---------------------- -------------------------- एक क्लिक पर मिलेगी सरकारी-निजी अस्पतालों में बेड की जानकारी रांची : कोरोना दौर में रांची जिला के निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी आपको एक क्लिक में मिल जाएगी। रांची जिला प्रशासन ने कोविड-19 लाइव डैशबोर्ड को लांच किया है। उपायुक्त छवि रंजन ने कोविड-19 लाइव डैशबोर्ड का बुधवार को आनलाइन शुभारंभ किया। इस पर ले सकते हैं जानकारी रांची जिला की ऑफिशियल वेबसाइट ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पर जाकर लाइव डैशबोर्ड पर पूरी जानकारी हासिल की जा सकती है। ये सूचनाएं मिलेंगी लाइव डैशबोर्ड पर विभिन्न निजी एवं सरकारी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के साथ कोविड केस डाटा, सक्रिय मामले, कोरोना संक्रमण से मृत्यु, वैक्सीनशन आदि। विभिन्न अस्पतालों से प्राप्त सूचना के आधार पर बेड से संबंधित डाटा अपलोडेड रहेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी समय बेड की उपलब्धता की जानकारी साइट पर जाकर देख सकता है। ----------------------------------स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
रांची कुल बेड : 2383 सामान्य बेड : 1227 आक्सीजन युक्त बेड : 784 आइसीयू : 372 वेंटिलेटर : 194 :::::::::::: पिछले सात दिनों में रांची में कोरोना के मामले 7 अप्रैल 562 8 अप्रैल 858 9 अप्रैल 754 10 अप्रैल 904 11 अप्रैल 1,076 12 अप्रैल 787 13 अप्रैल 1,049 कुल मौत : 323 रांची में 500 सीटों वाले नए सदर अस्पताल में आइपीएच मानक के अनुरूप डाक्टरों के 50 तथा कर्मियों के ढाई सौ पदों के सृजन का प्रस्ताव। --------------- सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पद व स्वीकृत पद इन विभागों में नहीं है डाक्टर पदनाम स्वीकृत बल कार्यरत बल रिक्ति उपाधीक्षक 1 0 1स्त्री रोग विशेषज्ञ 2 1 1
सर्जन 2 2 0 फिजिशियन 2 0 2 शिशु रोग विशेषज्ञ 2 1 1 पैथोलोजिस्ट 2 1 1