RANCHI: राजधानी के बिरसा चौक के पास बीते एक हफ्ते से हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है। संविदाकर्मी इस स्थान पर धरने पर बैठे हैं। इसे देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर एचईसी का मेन गेट बंद कर दिया गया है, लेकिन इस वजह से लोगों की तकलीफ बढ़ गई है। लोगों को आने-जाने में काफी मुसीबत हो रही है। किसी तरह छोटे से स्थान से लोग क्रॉस कर रहे हैं, जो तकलीफदेह के साथ-साथ खतरनाक भी है। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बड़े, बूढे़ व छोटे-छोटे बच्चे भी इस रास्ते से होकर गुजरते हैं, लेकिन सात दिनों से सभी के लिए बिरसा चौक का यह स्थान डेंजर जोन बना हुआ है। दरअसल सात दिन पहले संविदा कर्मी अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने जा रहे थे। जिसे देखते हुए प्रशासन ने मेन गेट बंद कर दिया और संविदाकर्मियों पर लाठीचार्ज भी की। बावजूद सभी संविदाकर्मी बिरसा चौक के समीप अब भी जमे हुए हैं।

एयरपोर्ट जाने वालों को परेशानी

धुर्वा, हरमू, रातू रोड, अरगोड़ा की ओर से एयरपोर्ट जाने वाले लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड रहा है। इसी तरह रांची एयरपोर्ट पर फ्लाईट के लैंड करने के बाद धुर्वा, हरमू, अरगोडा की और जाने वालों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। व्हीकल नहीं जाने की वजह से लोगों पैदल ही लगेज लेकर चार किमी चलकर आना पड़ रहा है। इधर संविदाकर्मियों का कहना है गेट उन्होंने नहीं बल्कि प्रशासन ने बंद कर रखा है। प्रशासन ही आम पब्लिक को परेशान कर रही है। हमलोग अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे है, लेकिन सरकार और प्रशासन की और मदद की बजाए टार्चर किया जा रहा है।

क्या कहते हैं लोग

21 साल की दुकानदारी में मैंने एचईसी गेट के पास ऐसा दृश्य पहली बार देखा है। मैं यहीं पर दुकानदारी करता हूं, संगठन वाले आते हैं अपनी मांग रखते हैं, शांतिपूर्ण धरना देते हैं और चले जाते हैं, लेकिन इस बार सात दिनों से एचईसी गेट बंद है। सरकार और विपक्ष राजनीति कर रहे हैं, संविदाकर्मी जिद पर अडे़ है और प्रशासन लाचार है। इसका खामियाजा पब्लिक और यहां के दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है।

- प्रमोद झा

मैं धुर्वा में रहती हूं। हर दिन बिरसा चौक से आना-जाना होता है। गेट बंद होने के कारण काफी परेशानी हो रही है। खर्च भी पहले से बढ़ गया है। संविदाकर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़क किनारे भी आंदोलन कर सकते हैं। प्रशासन की भी गलती है। गेट बंद करने से क्या हो जाएगा। संविदाकर्मी कोई अपराधी नहीं जिनसे प्रशासन को डर हो। गेट बंद रहने की वजह से हम लोगों को परेशानी हो रही है।

-सीता देवी

बहुत गलत हो रहा है। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी को दिक्कत हो रही है। लड़कियां तो स्कूटी से चलती हैं। वे गिरने के डर से पैदल धीरे-धीरे स्कूटी लेकर चल रही है। कई बार दुर्घटना भी हो चुकी है। मेन गेट बंद हुए सात दिन गुजर गए, लेकिन सरकार को आम लोगों की परेशानी नजर नहीं आ रही है। गेट बंद कर के रखने का कोई मतलब नहीं है। इसे जल्द खुलना चाहिए।

- कामेश्वर सिंह

Posted By: Inextlive