रांची: कोरोना से परेशान लोगों को राहत देने के लिए जिला प्रशासन की ओर कई लोगों को अलग-अलग ड्यूटी दी गई है। इन लोगों के नंबर जारी किए गए हैं, लेकिन विडंबना यह है कि जिन लोगों का नंबर जारी हुआ है उनसे संपर्क ही नहीं हो पा रहा है। नतीजन, एक ओर जहां सरकार का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है वहीं दूसरी ओर आम जन मानस को भी इसका फायदा नहीं मिल रहा है। इंसीडेंट कमांडर फोन रिसीव करते तो हैं लेकिन उनके पास समस्या का समाधान नहीं रहता। इंसीडेंट कमांडर दूसरे कर्मचारी से बात करने की बात कह कर फोन रख देते हैं। हेहल सीओ ओम प्रकाश मंडल से जब फोन कर पूछा गया कि होम सैंपल कलेक्शन के लिए कोई सुविधा है क्या? ओम प्रकाश मंडल ने कंट्रोलर प्रकाश उरांव से बात करने को कहा। प्रकाश को जब फोन किया गया तो उसने तबीयत खराब होने के कारण रेस्ट पर है कह कर फोन काट दिया। ऐसे में आम पब्लिक भला करे तो क्या करे।

सैंपल कलेक्शन भी नहीं आसान

घर से सैंपल कलेक्शन के लिए डीसी की ओर से फोन नंबर जारी किया गया था। लेकिन इन नंबरों का हाल भी दूसरे नंबरों की तरह ही है। सैंपल कलेक्शन के लिए निजी लैब वालों के भी नंबर जारी किए गए हैं लेकिन इनमें अधिकतर नंबर या तो स्वीच ऑफ रहते हैं नेटवर्क से बाहर बताता है। पाथकाइंड लैब हो या एस शरण, सभी का एक जैसा ही हाल है। वहीं कुछ लैब में लगातार रिंग होने के बाद भी किसी ने रिप्लाई देना जरूरी नहीं समझा। यह हालत तब है जब शहर में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हैं। एक निजी लैब के कर्मचारी ने बताया कि सुबह-शाम, रात किसी भी वक्त लोगों का फोन आ जा रहा है। घर से सैंपल कलेक्शन हो रहा है लेकिन बैकलॉग बढ़ने से रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। यही कारण है कि लोगों के सैंपल कलेक्शन में देरी हो रही है।

सिर्फ कागज पर निर्णय

लगातार बढ रहे संक्रमण से शहर के लोग परेशान है। अब हर दिन एक हजार से अधिक पॉजिटिव केसेज सामने आने लगे हैं। ऐसी परिस्थिति में सिटी का हर व्यक्ति डरा हुआ है। जो इस दौर से गुजर रहा है उन्हें हेल्प की जरूरत है। लेकिन हेल्प करने वाले ही हेल्पलेस नजर आ रहे हैं। हाई कोर्ट भी इस आपात काल में बरती जा लापरवाही को लेकर अपनी नाराजगी जता चुका है। फिर भी सिस्टम में कोई सुधार नहीं आ रहा। सीनियर ऑफिसर सिर्फ नंबर जारी कर खानापूर्ति कर ले रहे हैं। इन नंबरों की जांच करने की कोशिश भी नहीं हो रही है। कोर्ट और सरकार की नजर में खुद को बेहतर साबित करने के लिए कागज पर कई निर्णय लिए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

किस नंबर पर क्या रिप्लाई मिला

-इंसीडेंट कमांडर सुरेंद्र उरांव के फोन 7903432581 पर रिंग हुआ लेकिन किसी ने कॉल रिसीव करना जरूरी नहीं समझा।

-इंसीडेंट कमांडर संतोष शुक्ला के फोन नंबर 8608997363 पर इनकमिंग की सुविधा ही नहीं है।

-इंसीडेंट कमांडर शत्रुंजय कुमार से फोन नंबर 8750602550 पर भी संपर्क नहीं हो सका।

-मनोज कुमार का जारी किया गया नंबर 9973334099 स्विच ऑफ बताया।

-इंसीडेंट कमांडर ओमप्रकाश मंडल ने फोन नंबर 6201899663 पर कॉल उठाया और दूसरे कर्मचारी से बात करने की बात कह दी।

क्या कहते हैं लोग

डीसी ने नंबर तो पब्लिश कर दिया। लेकिन उन नंबरों पर फोन रिसीव होता भी है या नहीं, यह जानने का प्रयास तक नहीं किया गया। मेरे परिचित में एक व्यक्ति का सैंपल टेस्ट कराना था। वे चलने में असमर्थ हैं। जब हेल्प लाइन नंबर पर फोन किया तो किसी नंबर पर संपर्क नहीं हो पाया।

- सचिन कुमार

इंसिडेंट कमांडर से सही जानकारी नहीं मिल रही है। वो फोन करने पर दूसरे व्यक्ति से बात करने को कहते है। काफी परेशान हूं। कहीं से सही जानकारी नहीं मिल रही है।

- विजय कुमार

Posted By: Inextlive