- भवन निर्माण विभाग ने झारखंड हाईकोर्ट भवन के बचे हुए काम का टेंडर निकाला

- 102 करोड़ की लागत से 11 महीने में धुर्वा में बन रहे हाईकोर्ट का काम पूरा करने का दावा

- बिल्डिंग के लिए निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था, जिसे 2018 तक पूरा कर लिया जाना था

- पहले 366 करोड़ रुपए की लागत आंकी गई थी, लेकिन काम 267 करोड़ में दिया गया और फि र इसकी लागत को 697 करोड़ रुपए तक बढ़ाया गया

-167 एकड़ जमीन पर यह भवन बनना है, जो अब भी निर्माणाधीन है

झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के 48 घंटे पहले ही भवन निर्माण विभाग ने झारखंड हाईकोर्ट बिल्डिंग के बचे हुए काम का टेंडर निकाल दिया है। 102 करोड़ रुपए की लागत से 11 महीने में धुर्वा में बन रहे हाईकोर्ट भवन का काम पूरा कर लिया जाएगा। अदालत ने सरकार को 13 अगस्त तक भवन निर्माण से संबंधित मूल फ ाइल कोर्ट में पेश करने को कहा था, सुनवाई के पहले ही सरकार ने टेंडर निकाल दिया।

आज ही है सुनवाई

पिछले महीने नौ जुलाई को सुनवाई के दौरान अदालत ने भवन के शेष कार्य के बारे में जानकारी मांगी थी और सरकार से पूछा था कि क्या शेष कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया कि अभी टेंडर जारी नहीं किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान ही टेंडर जारी करने की बात कही गयी थी। कोर्ट ने इसका निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक टेंडर जारी नहीं करना लापरवाही है। कोर्ट ने कहा था कि पिछली सुनवाई में ही निश्चित समय तय कर काम पूरा करने को कहा गया था, लेकिन अभी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को 13 अगस्त तक भवन निर्माण से संबंधित मूल फ ाइल कोर्ट में पेश करने को कहा था। 13 अगस्त को सुनवाई से पहले ही 11-12 अगस्त को विभाग ने टेंडर जारी कर दिया।

एसीबी कर रहा है जांच

झारखंड हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग के निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच भी हो रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। शुरुआती प्राक्कलन के बाद भवन के प्राक्कलन को भी संशोधित किया गया। इसके लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में टेंडर से लेकर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

432 करोड़ का इजाफा

झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन के निर्माण कार्य की जांच भी एसीबी करेगी। टेंडर से अधिक राशि बढ़ने के बाद भी समय पर काम पूरा नहीं हुआ। शुरुआती लागत 267 करोड़ थी, जो बढ़ते-बढ़ते 697 करोड़ हो गई। अब तक 432 करोड़ रुपए का इजाफा हो चुका है।

दायर है जनहित याचिका

झारखंड हाई कोर्ट के लिए धुर्वा में नई ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण समय सीमा के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। मामले में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई कोर्ट में की गई थी। ग्रीन बिल्डिंग के लिए निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था, जिसे 2018 तक पूरा कर लिया जाना था। पहले 366 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई थी, लेकिन काम 267 करोड़ में दिया गया और फि र इसकी लागत को 697 करोड़ रुपए तक बढ़ाया गया। इस प्रक्रिया में उलझा निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है और इस मामले में गड़बड़ी की बातें भी सामने आ चुकी हैं। 167 एकड़ जमीन पर यह भवन बनना है, जो अब भी निर्माणाधीन है।

Posted By: Inextlive