रांची: राजधानी में सफाई व्यवस्था की कमान अब प्राइवेट हाथों में चली गई है, जहां घरों से वेस्ट कलेक्शन का काम सेंटर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन (सीडीसी) ने संभाल लिया है। अब एजेंसी घरों के बाहर डिवाइस लगाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत पहले डिवाइस वीआईपी के घरों में लगाई जाएंगी। इसके बाद आम आदमी का नंबर आएगा। इस डिवाइस से कचरा कलेक्शन की पल-पल की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी। ऐसे में शहर को साफ और स्वच्छ बनाने में यह कदम बेहतर साबित होगा। बताते चलें कि नए साल में जयपुर की कंपनी सीडीसी ने वेस्ट कलेक्शन का काम शुरू किया है।

घरों में आरएफआईडी अगले हफ्ते से

लोगों के घरों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिटी डिवाइस (आरएफआईडी) लगाने का काम 27 जनवरी से शुरू होगा। घरों के बाहर इस डिवाइस को इंस्टाल किया जाएगा, जिससे कि कूड़ा गाड़ी के घर पर पहुंचने का मैसेज कंट्रोल रूम को जाएगा। इससे पता चल जाएगा कि किस घर से कूड़ा उठ चुका है। पूरे शहर के हर घर में फरवरी तक आरएफआईडी लगा दी जाएगी।

गाडि़यों में लग रहा जीपीएस

नगर निगम से गाडि़यां हैंडओवर लेने के बाद सीडीसी ने उनमें जीपीएस इंस्टाल कराना शुरू कर दिया। वहीं कंपनी ने अपनी गाडि़यों में भी जीपीएस लगाकर ही वेस्ट कलेक्शन शुरू किया है, जिससे कि गाडि़यां किस-किस इलाके में कलेक्शन के लिए जा रही हैं, इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को होगी। चूंकि हर गाड़ी को अब रूट चार्ट भी दिया जा चुका है। ऐसे में कोई गाड़ी अपने रूट से डायवर्ट होती है तो उसकी जानकारी भी कंट्रोल रूम को होगी।

26 वार्डो में ही नगर निगम ने दी जिम्मेवारी

नगर निगम ने एग्रीमेंट के तहत सीडीसी को अभी 53 में से 26 वार्डो में ही काम सौंपा है, जिसके अंतर्गत लगभग एक लाख घरों से कलेक्शन की शुरुआत हो चुकी है। गाडि़यां डोर टू डोर कलेक्शन भी कर रही हैं। अब एजेंसी के काम को देखते हुए बाकी बचे हुए वार्डो में भी वेस्ट कलेक्शन का काम दिया जाएगा। इसी के तहत आरएफआइडी लगाई जा रही है। इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे वार्ड में सफाई सीडीसी करेगी।

अलग-अलग कचरा रखने की अपील

सीडीसी ने कूड़ा उठाने वाली गाडि़यों में अलग-अलग चैंबर बना दिया है, जिसमें गीला और सूखा कचरा लेकर एमटीएस तक जा रहे हैं। ऐसे में लोगों से भी घरों में कचरा अलग रखने की अपील की जा रही है, जिससे कि उन्हें एमटीएस में ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी होगी। वहीं गीला कचरा सीधे डंपिंग यार्ड भेजा जा सकेगा। जबकि सूखे कचरे को एमटीएस से ही अलग कर लिया जाएगा। ऐसे में वेस्ट डिस्पोजल के लिए भी ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी।

Posted By: Inextlive