RANCHI:राजधानी स्थित होटल अशोका का पुराना गौरव लौटेगा। इंडिया टूरिज्म डेवलमेंट कॉरपोरेशन (आईटीडीसी) और झारखंड सरकार के बीच होटल अशोका के शेयर होल्डर के हस्तांतरण की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी कर ली गई है। सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में आईटीडीसी और झारखंड टूरिज्म विभाग ने करार पर हस्ताक्षर किए। ढाई साल से अधिक समय से यह होटल बंद है। यहां काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। अब उनके भी रोजगार के अवसर शुरू होंगे।

कई साल से हो रही थी महाभारत

अब होटल में 62.5 फीसदी शेयर की हिस्सेदार झारखंड सरकार हो गई है, जबकि 37.5 फीसदी हिस्सेदारी बिहार सरकार की है। इससे पहले आईटीडीसी और बिहार पर्यटन के पास संयुक्त रूप से 87.75 प्रतिशत शेयर था। होटल के मालिकाना हक को लेकर झारखंड गठन के बाद से मांग हो रही थी। इससे पहले 25 जून को होटल अशोका को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें यह निर्देश दिया गया था कि झारखंड सरकार होटल अशोका के सभी शेयर खरीदे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि रांची होटल अशोका झारखंड की बड़ी सपत्ति है। इसलिए इसे अपने पास ही रखेंगे। राज्य सरकार ने केंद्र और बिहार से होटल को चलाने का पूरा हक मांगा था। राज्य गठन के पहले आईटीडीसी का 51 प्रतिशत और बिहार का 49 प्रतिशत शेयर इसमें था। राज्य बनने के बाद बिहार के 49 प्रतिशत शेयर में से 12.25 प्रतिशत शेयर झारखंड को दे दिया गया था।

आईटीडीसी को मिलेंगे 6 करोड़

होटल अशोक (अशोक विहार होटल) पर झारखंड सरकार का मालिकाना हक होगा। राज्य सरकार 51 फीसद शेयर के बदले में आइटीडीसी को 6 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास का यह पहला पड़ाव है। इसमें बिहार के भी शेयर खरीदने के लिए वहां की सरकार से बातचीत चल रही है। होटल अशोक का निर्माण संयुक्त बिहार में वर्ष 1985 में हुआ था। वर्तमान में इसमें 51 फीसद शेयर आइटीडीसी, 36.75 फीसद शेयर बिहार सरकार तथा 12.25 फीसद शेयर झारखंड सरकार का है। आइटीडीसी से 51 फीसद शेयर खरीदने से झारखंड सरकार का शेयर 63.25 फीसद हो जाएगा। बता दें कि राज्य गठन के पहले आइटीडीसी का 51 प्रतिशत और बिहार का 49 फीसद शेयर इसमें था, लेकिन झारखंड राज्य बनने के बाद बिहार के 49 प्रतिशत शेयर में 12.25 फीसद शेयर झारखंड को दे दिया गया था। जहां यह होटल है, वह जमीन (2.70 एकड़) झारखंड सरकार की है। वर्तमान में यह जमीन राजधानी रांची के प्राइम लोकेशन पर है और काफी कीमती है।

राजधानी की धरोहर है

30 साल पुराने होटल अशोक की हालत आज बेहद खराब हो गई है। एक समय सिटी की धरोहर माने जाने वाले इस होटल की बर्बादी का आलम यह है कि अब यह खंडहर में तब्दील हो रहा है। होटल की दीवारों पर काई की परत जम गई है। पूरे परिसर में झाडि़यां उग आई हैं। अंदर जो सामान रखे थे, वे भी धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। कमरों की भी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि अब इस होटल को खोलने से पहले इसका मेकओवर करना होगा। एक समय यह होटल रांची की शान था।

तीन साल से बंद है होटल

डोरंडा स्थित होटल रांची अशोक को बंद हुए दो साल से भी ज्यादा समय हो चुके हैं। धीरे-धीरे होटल की बिल्डिंग बर्बाद होती जा रही है। पिछले एक साल से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

2016 में सरकार ने लिया था फैसला

होटल रांची अशोक के सभी शेयर झारखंड सरकार ने खरीदने का फैसला 22 अक्टूबर 2016 को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया था। 100 फीसद शेयर के साथ राज्य सरकार को इस होटल का मालिकाना अधिकार मिलने का रास्ता साफ किया गया था, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

वीआरएस से किया था इनकार

वर्ष 2018 के अप्रैल में इस होटल के कुल 32 कर्मचारी थे, जिन्हें वीआरएस लेने का ऑप्शन दिया गया था। इनमें से चार कर्मचारियों ने वीआरएस लिया था। शेष 28 अपनी मांगों पर अड़े थे। पिछले साल तंगी के कारण एक कर्मचारी की मौत हो गई। इसके अलावा तीन कर्मचारी बिना किसी लाभ के रिटायर हो गए। अब बचे हुए 24 कर्मचारी इस होटल को जल्द से जल्द खोलने और कर्मचारियों का बकाया वेतन देने की मांग कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive