- मेदांता में नर्सिग स्टाफ के पिता को नहीं मिली बेड

- विरोध में सभी स्टाफ ने कर दिया कार्य बहिष्कार

- सीसीएल गांधीनगर में डॉक्टरों के साथ मारपीट

कोरोना संक्त्रमित मरीजों की मौत के बाद अस्पतालों में हंगामे के मामले हर दिन बढ़ रहे हैं। रिम्स, सदर और अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी लगातार तोड़फोड़, मारपीट और उपद्रव के केसेज सामने आ रहे हैं। मंगलवार को सिटी के दो प्राइवेट अस्पतालों में हंगामा हुआ। शुरुआत इरबा स्थित मेदांता हॉस्पिटल से हुई। इसके बाद गांधीनगर स्थित सीसीएल के हॉस्पिटल में भी जमकर मारपीट, तोड़फोड़ हुई। दोनों ही अस्पतालों में काफी देर तक मरीजों का इलाज नहीं हो सका।

बेड मैनेज करने का आरोप

मेदांता हॉस्पिटल के नर्सिग कर्मी के स्वजन की स्थिति बिगड़ने के बाद भी हॉस्पिटल में बेड नहीं मिला। इस कारण उनकी मौत हो गई। इससे नाराज मेदांता हॉस्पिटल के कर्मियों द्वारा मंगलवार को हंगामा किया गया। कर्मियों द्वारा मेदांता प्रबंधन पर आरोप लगाया गया कि यहां पैसे लेकर वीआईपी लोगों को बेड दिया जा रहा है। वहीं, सामान्य लोगों के साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है। हंगामा कर रहे कर्मी अपने बीमार स्वजनों को भी मेदांता में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे। हंगामे की सूचना मिलने पर सिल्ली डीएसपी क्त्रिस्टोफर केरकेट्टा, कोविड-19 ओरमांझी प्रखंड के इंसिडेंट कमांडेंट सह सीओ विजय केरकेट्टा, ओरमांझी थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो व हुटुप टीओपी प्रभारी जामादार सिंह मुंडा पुलिस जवानों के साथ पहुंचे। सभी ने कर्मियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, कर्मी नहीं माने और अपनी मांगों पर अड़े रहे। इधर, कर्मियों के हंगामे में स्थानीय लोग भी शामिल हो गए थे। उन लोगों का कहना था कि मेदांता के कारण इरबा में संक्त्रमण की संख्या काफी बढ़ रही है। बीमार होने पर मेदांता में भर्ती तक लेने से इन्कार किया जा रहा। बाद में प्रबंधन के साथ वार्ता कराए जाने के बाद समझौता हुआ। विरोध करने में मेदांता हॉस्पिटल के सभी विभाग के कर्मी शामिल थे।

नर्स के पिता की मौत के बाद हुआ हंगामा

मेदांता हॉस्पिटल की नर्स सिमडेगा निवासी नमिता खेस के पिता प्रताप कुमार खेस बीमार थे। बेड की कमी बता उसके पिता को प्रबंधन ने भर्ती लेने से इंकार कर दिया। बाद में कर्मियों के विरोध के बाद जब वहां एंबुलेंस भेजी गई, तबतक उनकी मौत हो गई थी। कर्मियों ने आरोप लगाया कि इससे पूर्व मेदांता हॉस्पिटल की नर्स निर्मला मिंज प्रेगनेंट व बीमार थीं। उन्हें भी मेदांता में जगह नहीं मिली। इस कारण गर्भ में नवजात की मौत हो गई। निर्मला मिंज की भी हालत बिगड़ गई। फिलहाल मेदांता के आईसीयू में भर्ती हैं। नाराज कर्मियों ने बताया कि वर्षो से मेदांता में कार्यरत डॉ नीरज कुमार के बीमार भाई तक को बेड नहीं मिला। नमिता के पिता की मौत व निर्मला के हालत बिगड़ने से नाराज कर्मी मंगलवार को सुबह नौ बजे से ही हंगामा करने लगे। नाराजकर्मी मेदांता का बेड मैनेज करने वाली रिचा प्रसाद को भी हटाने की मांग कर रहे थे। दोपहर एक बजे के बाद सिल्ली डीएसपी क्त्रिस्टोफर केरकेट्टा, इंसिडेंट कमांडर सीओ विजय केरकेट्टा व थाना प्रभारी द्वारा प्रबंधन व हंगामा कर रहे कर्मियों के प्रतिनिधि के साथ वार्ता कराई गई। इसमें कहा गया कि किसी भी कर्मी के बीमार परिजन को बेड खाली रहने पर प्राथमिकता में भर्ती लिया जाएगा। समझौता होने पर सभी कर्मी वापस ड्यूटी पर लौट गए।

सीएमपीडीआई कर्मी की मौत के बाद हंगामा

सीसीएल गांधीनगर हॉस्पिटल में भी मंगलवार की सुबह खूब हंगामा हुआ। दरअसल, यहां सीएमपीडीआई कर्मी अरुण कुमार को सांस लेने में दिक्कत के बाद सोमवार की रात अस्पताल ने भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया लेकिन, मरीज की हालत बिगड़ गई और सुबह में मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों के साथ मारपीट शुरू कर दी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर तैनात महिला डॉक्टर सुनीता मुंडले हमले में घायल हो गई। स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट गाली-गलौज भी की गई और अस्पताल में तोड़फोड़ भी हुई।

अफरा तफरी मची

हंगामे की वजह से पूरे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। इस घटना के विरोध में सुबह सभी डॉक्टर और स्टाफ काम का बहिष्कार कर अस्पताल से बाहर निकल गए। मौके पर पहुंची गोंदा थाना की पुलिस ने काफी समझाने की कोशिश की। हंगामे के आरोप में कुछ युवकों को गिरफ्तार किया गया। इस पूरे मामले पर डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी काफी आक्त्रोश में थे। वे लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगा रहे थे। डॉक्टरों ने कहा कि असुरक्षित माहौल में इलाज नहीं कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive