--सदर अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजनों ने किया हंगामा, नर्स के साथ झड़प

---परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का लगाया आरोप

--ऑक्सीजन के लिए भी दिनभर होती रही जद्दोजहद

रांची : सदर अस्पताल परिसर में शनिवार को तब अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब कोविड वार्ड के तीसरे तल्ले पर आइसीयू में भर्ती 55 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद स्वजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। जब नर्सो ने रोकने की कोशिश की तो स्वजन उनसे भिड़ गए। काफी देर तक हो हंगामा होता रहा। इस बीच दूसरे वार्ड में भर्ती मरीजों के स्वजन भी जुट गए। हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस स्वजनों को समझा बुझा कर शांत किया।

मृत मरीज के स्वजनों ने आरोप लगाया कि शनिवार को आक्सीजन की सप्लाई ठीक नहीं होने के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। कुछ देर बाद वो जोर-जोर से सांस लेने लगे। स्वजनों ने जब स्थिति बिगड़ते देखी तो नर्स को जानकारी दी। नर्स ने अपने स्तर से प्रयास किया। इस बीच स्वजन भागकर चिकित्सक को भी इसकी जानकारी दी लेकिन चिकित्सक तुरंत आने के बजाय 15 मिनट के बाद पहुंचे। जब तक चिकित्सक मरीज को देखने आये, मरीज की मौत हो चुकी थी।

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क्या कहते हैं सदर अस्पताल के सीएमओ

सदर अस्पताल के सीएमओ डॉ बिमलेश सिंह ने इलाज में लापरवाही के आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जाएगी।

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आक्सीजन खत्म हो जाने की ¨चता, लाइन लगा कर सिलेंडर ले रहे थे परिजन

240 मरीज ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर हैं जबकि 60 आइसीयू बेड है सदर अस्पताल में

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सदर अस्पताल में आक्सीजन खत्म होने की सूचना पर कोविड वार्ड में भर्ती मरीज के परिजनों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। परिजन अस्पताल प्रबंधन से आक्सीजन उपलब्ध कराने की गुहार लगाते दिखे। आक्सीजन के लिए इधर-उधर भाग दौड़ करते रहे। परिजन खुद आक्सीजन सिलेंडर वार्ड में ले गए। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि आक्सीजन समाप्त नहीं हुआ था। कर्मियों की कमी के कारण प्रत्येक मरीज तक सिलेंडर पहुंचने में कुछ समय लग जाता है। तब तक परिजन परेशान होकर खुद आक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं।

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22 को भी मची थी अफरा-तफरी

सदर अस्पताल में आक्सीजन की कमी के कारण आये दिन अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे पहले 22 अप्रैल को भी यही हालात उत्पन्न हो गए थे। आक्सीजन समाप्त होने की सूचना पर मरीज के परिजन मुख्य गेट के बगल में आक्सीजन सिलेंडर गोदाम के पास कतार लग गई थी। चार-पांच घंटे तक इंतजार के बाद परिजनों को ऑक्सीजन मिल सका था।

----------क्या कहते हैं प्रबंधक

अस्पताल में बड़े सिलेंडर की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो रही है। इस कारण मरीज को फुल फ्लो में आक्सीजन देना चुनौती है। अस्पताल से छोटा सिलेंडर रिफिल के लिए भेजा जाता है उसे भरकर लाने में समय लग जाता है।

डिप्टी सीएमएस डा। मंडल

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किसी को व्हीलचेयर तो किसी को कुर्सी पर बैठाकर ही लगा दिया आक्सीजन सिलेंडर

कोरोना संक्रमित मरीज लगातार सदर अस्पताल पहुंच रहे। अस्पताल के अंदर बेड फुल हैं। मरीज की सांसें फूल रही थी, ऐसे में जान बचाने के लिए सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने मरीजों को व्हील चेयर पर ही आक्सीजन लगा दिया। वही एक मरीज को कुर्सी पर बैठा कर ही आक्सीजन लगाया गया। जबकि एक मरीज को स्ट्रेचर पर लेटा कर आक्सीजन लगाया गया। जबकि एक कोरोना संक्रमित मरीज को कार में बैठा कर ही आक्सीजन लगाया गया।

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Posted By: Inextlive