राजधानी रांची में चल रहे सिटी बस पर कोई लगाम नहीं है. न किसी तरह की कंट्रोलिंग है और न ही सिटी बस की कोई मॉनिटरिंग की व्यवस्था ही है.

रांची(ब्यूरो)। रांची में चल रहे सिटी बस के चालक अपनी मर्जी से बस चला रहे हैैं और जहां मन किया, वहां बस खड़ी कर देते हैं। बस चालकों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि सभी ड्राइवर और कंडक्टर खुद को ही 'नगर निगमÓ समझने लगे हैं। कहीं भी गाड़ी खड़ी करने पर कुछ कहने पर वे आम लोगोंसे ही उलझ जाते हैं। सिटी की किसी एक सड़क की ये हालत नहीं है, बल्कि जिस-जिस रास्ते से होकर सिटी बस गुजरती है, हर जगह कमोबेश ऐसी ही परिस्थिति है। लेकिन, इन बस ड्राइवरों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं।
मेन रोड में स्थिति ज्यादा खराब
सबसे खराब स्थिति मेन रोड की है। अल्बर्ट एक्का चौक से राजेंद्र चौक तक सिटी बस के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अलावा कचहरी, डोरंडा, बिरसा चौक जाने वाले रास्ते पर भी बस कहीं भी खड़ी कर पैंसेजर चढ़ाने और उतारने लगते हैं। इसमें बस चालकों के साथ-साथ पैसेंजर की भी गलती है। जल्दबाजी में पैसेंजर बीच रोड में ही उतरने लगते हैं।
स्कूल बस ड्राइवर भी कर रहे मनमानी
सिटी बस की हालत तो खराब है ही, स्कूल बसों के ड्राइवर भी सभी नियमों की अनदेखी कर चल रहे हैं। बीच सड़क पर ही बस खड़ी कर बच्चों को उतारने लगते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बच्चों को रोड क्रास करने में भी कोई हेल्प नहीं करता। बीजी रोड में बच्चों को सड़क पार करने में भी दिक्कत होती है। हैरानी की बात तो यह है कि मेन रोड में कदम-कदम पर टै्रफिक पुलिस की तैनाती है, लेकिन कहीं कोई रोक-टोक नहीं। टै्रफिक पुलिस बगैर हेलमेट के चलने वाले लोगों को पकडऩे में व्यस्त रहती है।
सरकारी बस का रौब
बुधवार को डीजे-आई नेक्स्ट की रियलिटी चेक के दौरान किसी भी स्थान पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा बस चालकों को कुछ भी कहते हुए नहीं देखा गया। पुलिस कर्मियों का कहना है कि सरकारी बस का रौब झाड़कर ड्राइवर-खलासी बच जाते हैं। सरकारी बस होने के कारण हम भी डांट-फटकार से ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैैं। इस दिशा में नगर निगम को एक्शन लेना चाहिए। इधर, महिलाओं के लिए शुरु किया गया पिंक बस ड्राइवर की भी लापरवाही दिख रही है। ड्राइवर कदम-कदम पर रोक कर यात्री बिठाते और उतारते चलते हैं। इससे मेन रोड में पूरे दिन जाम का नजारा रहता है। इतना ही नहीं पिंक बस में पुरुषों के बैठने की भी शिकायत मिल रही है।
बस पड़ाव के लिए जगह ही नहीं
राजधानी रांची में कहीं भी सिटी बस या दूसरी बड़ी बसों के खड़े होने के लिए स्टॉपेज चिन्हित नहीं है। स्टॉपेज के नाम पर नगर निगम ने कुछ जगहोंं पर सड़क पर ही मार्किंग की थी, लेकिन समय के साथ वह मार्किंग भी मिट चुकी है। नगर निगम द्वारा कुछ स्थान पर पड़ाव बनाय गया था। लेकिन उसकी हालत बदतर हो चुकी है। कहीं पड़ाव पर पान की दुकान सज रही है, तो कहीं जानवरों के बैठने का स्थान बन चुका है। यात्री पड़ाव के लिए नगर निगम की ओर से योजना बनाई गई है, लेकिन वह फिलहाल नगर निगम की फाइलों में ही है।

मेन रोड
मेन रोड में कई जगह हर वक्त कोई न कोई बस खड़ी रहती है। बस खडी होने के कारण सर्जना चौक तक जाम लगा रहता है।

अल्बर्ट एक्का चौक
अल्बर्ट एक्का चौक की हालत भी दयनीय है। बस स्टापेज नहीं होने से बस ड्र्राइवर जहां मन वहां बस रोक यात्री बिठाने और उतारने लगे।

पिंक बस
महिलाओं के लिए स्पेशल पिंक बस सेवा शुरू की गई है। लेकिन पिंक बस के ड्राइवर भी मनमानी करते दिखे। पिंक बस में महिला कंडक्टर की जगह अब पुरुष ड्यूटी कर रहे हैं।

स्कूल बस
सिटी बस के अलावा स्कूल बस के ड्राइवर भी मनमाने तरीके से बस रोक कर स्टूडेंट उतारने नजर आए। बच्चों को रोड क्रास करने में दिक्कत भी होती है

Posted By: Inextlive