रांची: यूपी मनरेगा फंड से जारी 56 करोड़ रुपए के क्लोन चेक की बरामदगी और उसके साथ चार युवकों की गिरफ्तारी का मामला सुस्त पड़ता जा रहा है। सरकारी राशि की हेराफेरी, मनरेगा जैसी संवेदनशील योजना के साथ खिलवाड़ के प्रयास के बावजूद जांच में पुलिस क्लू लेस होकर रह गई है। बता दें कि अगस्त माह में रांची पुलिस ने सदर थाना क्षेत्र से चारों युवकों को गिरफ्तारी किया था। इनके पास से 56 करोड़ रुपए का चेक बरामद हुआ। चेक पर दर्ज जानकारियों के अनुसार यह चेक यूपी सरकार के मनरेगा फंड से जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मनरेगा कमिश्नर द्वारा चेक जारी करने की बात सामने आई।

बोले बैंक अधिकारी व पुलिस

बैंक अधिकारियों और पुलिस का कहना है कि चेक फर्जी है और इसे अवैध तरीके से कैश कराने की कोशिश की गई। यूपी सरकार के संबंधित विभाग से सत्यापन करने के बाद मनरेगा आयुक्त ने यह खुलासा किया कि चेक फर्जी है। पकड़े गए आरोपियों का दिल्ली से कनेक्शन जुड़ा हुआ है। पूछताछ में आरोपियों ने तीन व्यक्तियों के नाम भी बताए हैं।

चेक कैश कराने की थी कोशिश

गिरफ्तार हुए चारों युवक 56 करोड़ के इस चेक को रांची के एक नामी ट्रस्ट के माध्यम से कैश कराने की कोशिश में थे। इसी दौरान पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। युवकों के पास से बरामद चेक मनरेगा के पैसे का है। इस मामले को लेकर रांची पुलिस ने यूपी पुलिस से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी उन्हें दी। रांची पुलिस ने गिरफ्तार किए गए युवकों को जेल भेज दिया और अब वो लोग बेल की फिराक में लगे हैं।

रुपए ट्रांसफर करने का था प्लान

गिरफ्तार आरोपियों में राजेश पासवान, विजय वर्मा, मनीष सिन्हा और अजय सिंह शामिल हैं। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बूटी मोड़, मेडिका चौक के पास से इन्हें पकड़ा। गिरफ्तार सभी आरोपी रांची के अलग-अलग जगहों के रहने वाले हैं। पुलिस द्वारा जब्त 56 करोड़ का चेक एसबीआई बैंक का है। पकड़े गए आरोपी रांची में एसबीआइ के ब्रांच में चेक का पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफर कराने के लिए बैंक कर्मी से बातचीत कर रहे थे। इस मामले में सदर थाना में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कौन हैं दिल्ली के सतीश व कुणाल

पकड़े गए आरोपियों ने दिल्ली के कुणाल और सतीश के नामों का खुलासा किया है। आरोपियों ने पुलिस को दी गई जानकारी में बताया कि कुणाल ने ही हवाई जहाज से आकर रांची हवाई अड्डे पर इस चेक को इन आरोपियों को दिया। इन्हें चेक कैश कराने के बाद 5 परसेंट कमीशन भी दिया जाना तय किया गया था। पुलिस अब सतीश और कुणाल से संबंधित जानकारियां खंगाल रही है, लेकिन उनके हाथ अब तक खाली हैं।

पीएसएमई कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम भुनाने का प्रयास

पकड़े गए आरोपियों का प्रयास था कि यह चेक पीएसएमई, कंस्ट्रक्शन एंड स्टाफिंग प्राइवेट लिमिटेड के खाते में भुनाया जाए। पुलिस इस खाते की डिटेल खंगाल रही है कि आखिर यह खाता किसका है। मामले में अभी कई पेंच बाकी हैं, जिनपर कार्रवाई ठंडी पड़ी हुई है।

Posted By: Inextlive