कांटाटोली से गुजरना इन दिनों आम पब्लिक के लिए कांटा बना हुआ है.


रांची (ब्यूरो): यहां से गुजरने से पहले लोग कई बार सोच रहे हैं। लेकिन मजबूरी में लोगों को इधर से गुजरना पड़ रहा है। कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण कर रही एजेंसी दिनेश अग्रवाल एंड संस यदि चाहे तो लोगों को इससे थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है। दरअसल, फ्लाईओवर का निर्माण कर रही एजेंसी ने जरूरत से ज्यादा स्थान का घेराव कर लिया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। करीब 60 फीट स्थान घेर कर काम किया जा रहा है। जबकि इससे कम घेरकर भी काम किया जा सकता था। सिर्फ 7-8 फीट जगह


सडक़ के दोनो ओर महज सात से आठ फीट जगह ही छोड़ी गई है। इससे आने-जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिर्फ एजेंसी के कर्र्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा आम नागरिक भुगत रहे हैं। कांटाटोली चौराहे को पार करने में 20 से 25 मिनट समय लग रहा है। दोनों तरफ थोड़ी जगह बढ़ा दी जाती तो काफी हद तक लोगों को सहूलियत मिल सकती थी। काम में भी सुस्ती

फ्लाईओवर का निर्माण कार्य भी काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। इस फ्लाईओवर का निर्माण साल 2016 से ही हो रहा है। छह साल बीतने को है लेकिन अबतक 50 परसेंट भी काम पूरा नहीं हुआ है। कांटाटोली में अब भी सिर्फ पिलर का ही काम चल रहा है। हालांकि एजेंसी के पदाधिकारियों का कहना है कि साल 2024 तक काम पूरा कर लिया जाएगा। मालुम हो कि कांटाटोली में बनने वाला फ्लाईओवर योगदा सत्संग आश्रम बहू बाजार रांची से कांटाटोली होते हुए कोकर तक जाएगा। लेकिन इसका निर्माण कार्य बीते छह साल में सिर्फ कांटाटोली चौराहे पर ही हो रहा है। इसकी कुल लंबाई 2.24 किलोमीटर है। लेकिन अभी एक किमी भी काम नहीं हुआ है। पब्लिक को परेशानी187.67 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में पहले भी ग्रहण लगता है। काफी अटकलों के बाद काम शुरू तो हुआ लेकिन आम पब्लिक को सुविधा देने की जगह उनकी परेशानी और अधिक बढ़ा दी गई है। कुछ लोगों ने परेशान होकर इधर से आना-जाना बंद कर दिया है। बूटी मोड़ के रहने वाले सुधांशु मेहता कहते हैं कि वे प्राइवेट जॉब करते हैं, सुबह दस बजे तक हर हाल में ऑफिस पहुंचना है। लेकिन कांटाटोली में लगने वाले जाम की वजह से कई बार लेट हो चुका है। अब टाटीसिल्वे की ओर से घूमकर आना-जाना कर रहे हैं।बाकी जगह ऑटो का कब्जा

कंपनी के लोगों ने पहले ही जरूरत से ज्यादा स्थान घेर रखा है। मुश्किल से आम लोगों के लिए सात से आठ फीट जगह बची है। उसपर भी रही सही कसर ऑटो चालक पूरी कर देते हैं। ऑटो चालक एनक्रोचमेंट किए रहते हैं। जिससे बाइक और स्कूटी सवार को चलना दूभर हो जाता है। कई बार यहां नोक-झोंक की भी स्थिति हो जाती है। स्थिति ऐसी है कि ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक संभालने में पसीने निकल आते हैं। इस संबंध में जब यहां काम कर रहे कर्मचारियों से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया। हर दिन की समस्या बन गई है। इसी रास्ते से होकर जाना है। यहां हर दिन सुबह से लेकर रात तक जाम का नजारा रहता है। थोड़ी जगह दे दी जाती तो परेशानी कुछ कम होती। - दीपक कुमार जरूरत से ज्यादा जगह के साथ-साथ ऑटो चालक भी कांटाटोली में कांटा बने हुए है। जहां-तहां गाड़ी खड़ी करना और बेतरतीब गाड़ी चलाने से भी जाम बढ़ रहा है। मैंने काफी कम कर दिया इस रूट में आना-जाना। - राजू कुमार
समय पर निर्माण हो जाए तो ठीक है। चार साल से लोग परेशानी झेल रही है। कभी अतिक्रमण तो कभी कोविड के नाम पर अड़चन आई है। कंपनी जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करे तो कुछ राहत मिले। - सुरेश साहू

Posted By: Inextlive