रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के विस्थापितों की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है। इस समस्या के समाधान को लेकर शीघ्र बेहतर उपाय करेगी। इसके लिए विस्थान एवं पुनर्वास आयोग की बात हो या कोई अन्य माध्यम से इस समस्या का समाधान, सरकार इसपर शीघ्र निर्णय लेगी। सोमवार को विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन सदन को दिया।

किसी ने नहीं की चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने 20 साल तक विस्थापितों की कोई ¨चता नहीं की। अब इसपर श्रेय लेने की होड़ लगी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने झारखंड के इतिहास में पहली बार रैयतों को अधिग्रहित जमीन वापस करने का काम किया। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विस्थापितों की समस्या रांची के एचईसी की ही नहीं, पूरे राज्य की है। राज्य में उद्योग लगे हों या बांध बने हों, बोकारो स्टील प्लांट बने हुए भी सौ साल हो गए हैं, लेकिन विस्थापितों की समस्या बनी हुई है।

बंधु तिर्की ने उठाया मामला

इससे पहले, विधायक बंधु तिर्की ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से एचईसी की स्थापना से विस्थापित हुए 32 गांवों के परिवारों की समस्या का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को दस से पंद्रह डिसमिल जमीन तो दी गई थी, लेकिन न तो मालगुजारी रसीद कटती है और न ही वह जमीन पंजी-टू में शामिल हो पाया है। इससे विस्थापित परिवारों के लोगों को न तो जाति और न ही आवासीय प्रमाणपत्र बन रहा है। उन्होंने विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन के मांग की। इसपर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि सदन के नेता (मुख्यमंत्री) से विमर्श कर इस आयोग के गठन पर निर्णय लिया जाएगा। इसपर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो की घोषणापत्र में यह शामिल है, इसलिए सदन में इसकी घोषणा हो। भाजपा विधायक भी इसपर मुख्यमंत्री से सदन में अपना वक्तव्य रखने की मांग करने लगे। विधायकों ने सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में इसपर शीघ्र निर्णय लेने की बात कही गई। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा आयोग या अन्य माध्यम पर शीघ्र निर्णय लेने के आश्वासन पर भाजपा विधायकों ने टालमटोल जवाब देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार यह आयोग गठित करना नहीं चाहती।

लंबोदर महतो ने लाया कार्य स्थगन प्रस्ताव

आजसू विधायक लंबोदर महतो ने विस्थापन आयोग के गठन की मांग को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया। हालांकि, स्पीकर ने चालू सत्र में भी खने की बात कहते हुए इसे अमान्य कर दिया। विधायक ने अपने प्रस्ताव में कहा कि पिछले बजट सत्र में सरकार द्वारा विस्थापितों की समस्याओं के अध्ययन और समाधान के लिए विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन का आश्वासन दिया गया था। लेकिन, अभी तक इसका गठन नहीं हो सका है। इस कारण राज्य के लाखों विस्थापित अपने हक-अधिकार के लिए जगह-जगह पर आंदोलनरत हैं।

निबंधन कार्यालय की मांग को लेकर

पलामू के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पुष्पा देवी ने छतरपुर अनुमंडल के लिए अलग से निबंधन कार्यालय की मांग को लेकर विधानसभा परिसर में सोमवार को धरना दिया। बाद में सदन की कार्यवाही के दौरान इसकी सूचना मिलने पर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने मंत्री बन्ना गुप्ता तथा बादल को भेजकर उन्हें सदन के अंदर बुलाया। महिला विधायक ने सदन में भी निबंधन कार्यालय की शीघ्र स्थापना की मांग करते हुए कहा कि कार्यालय नहीं होने से लोगों को जमीन निबंधन के लिए हुसैनाबाद जाना पड़ता है।

Posted By: Inextlive