सीएस ने संशोधित नियमावली के अनुरूप नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग से मांगी जानकारी. 28 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरे होने पर खुलेगा नौकरी का पिटारा.


रांची(ब्यूरो)।नया साल 2022 युवाओं के लिए सरकारी नौकरी करने का साल होने वाला है। सरकार का 29 दिसंबर को दो साल पूरा हो रहा है, इस अवसर पर नौकरी की घोषणा की जाएगी। युवाओं को नौकरी देने के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसने सारी जानकारी के साथ सरकार को रिपोर्ट भी दे दी है। झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन और झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमिशन तैयारी मेंं जुट चुका है। वहीं, सरकार भी अपने स्तर से तैयारी कर चुकी है।15 दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट
युवाओं को नौकरी देने के लिए सरकार के स्तर पर लगातार अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव ने 15 दिनों के भीतर सभी विभागों को संशोधित नियमावली के अनुरूप रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना सौंपने का निर्देश दिया है। सभी डिपॉर्टमेंट के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा गया है। सभी विभागों को कहा गया है कि उनके विभाग में स्वीकृत पद में से कितने पद खाली हैं, उसकी जानकारी तत्काल कार्मिक विभाग को भेजी जाए, ताकि उस आधार पर विज्ञापन निकाला जाएगा। नियमावली में किया है संशोधन


संशोधित नियमावली में कहा गया है कि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए कार्मिक विभाग द्वारा मैट्रिक, इंटर लेवल कंप्यूटर नॉलेज, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और ग्रेजुएशन लेवल टेक्नीकल योग्यता वाले पदों पर नियुक्ति की परीक्षा संचालन नियमावलियों में संशोधन किया गया है। ऐसे में सभी नियुक्ति सेवाशर्त नियमावली में संशोधन की कार्रवाई करने के बाद विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना उपलब्ध कराने को कहा गया है।तीन लाख पद हैं खालीराज्य सरकार के 34 में से 31 प्रमुख विभागों में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 3,01,1 98 है, जिसमें से 57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जाने हैं। जबकि 2,44,016 पद सीधी नियुक्ति से भरे जाने हैं। यह रिपोर्ट तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति को अध्ययन के दौरान उपलब्ध कराई गई गई। इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही अब नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। कमेटी ने रिकमेंंडेशन भी किया

अपनी रिपोर्ट में इस समिति ने कई रिकमंडेशंस भी किए हैं। इस समिति का गठन कई कारणों से किया गया था। इसे सरकार की सेवाओं और पदों के तहत क्रीमी लेयर में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रमोशन, एडमिनिस्ट्रेटिव एफिशिएंसी और प्रतिनिधित्व की कमी पर एक स्टडी रिपोर्ट तैयार करने के लिए बनाया गया था। स्टडी के दौरान समिति को खबर थी कि इन कामों के लिए डेटाबेस की कमी है। इसे दूर करने के लिए कमेटी ने एक मेथोडेलॉजी बनाई, जिससे हर विभाग में प्रोमोशंस के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें समय सीमा के अंदर और ट्रांसपेरेंट तरीके से इवैल्युएशन किया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive