RANCHI : बरियातू के जोड़ा तालाब का वजूद खतरे में है। कभी इस इलाके की लाइफलाइन माना जानेवाला यह तालाब अब 'कचराखाना' बनकर रह गया है। इलाके की गंदगी यहीं डंप हो रही है। सड़के के दोनों किनारे इस तालाब की सालों से सफाई नहीं हुई है। इसमें गंदगी का अंबार है। तालाब का पानी इस कदर गंदा हो चुका है कि यह किसी काम के इस्तेमाल लायक नहीं है।

70 साल पुराना है तालाब

जोड़ा तालाब का इतिहास 70 साल पुराना है। एक साथ एक जगह दो-दो तालाब का होना अपने आप में खास है। करीब 300 डिसमिल जमीन में यह दोनों तालाब फैला है। दोनों तालाब के बीच आने-जाने के लिए रास्ता है। कुछ दशक पहले तक इस तालाब के पानी का इस्तेमाल पीने के लिए होता था। तालाब में नहाने और कपड़ा धोने के लिए बड़ी तादाद में लोग आते थे, पर गुजरते वक्त के साथ तालाब की दुर्दशा होती गई। पानी इतनी गंदगी हो चुकी है कि पीना व नहाना तो दूर, हाथ लगाने से भी लोग परहेज कर रहे हैं।

तालाब में नहीं है स्थाई घाट

जोड़ा तालाब की अबतक घेराबंदी नहीं हो सकी है। इतना ही नहीं, यहां एक भी स्थायी व पक्की घाट नहीं बनाई गई है। छठ महापर्व के दौरान अस्थायी घाट बनाकर व्रती अ‌र्घ्य देते हैं। इसके अलावा बरियातू और चेशायर होम रोड नालियां यहीं आकर मिलती है। इन दोनों नालियों का गंदा पानी तालाब में जाने से रोकने के लिए की गई व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। नाली का पानी तालाब में घुस ही रहा है।

लोगों ने कहा

स्थानीय मस्जिद कमिटी की ओर से तालाब की सफाई कराई जाती है। सरकारी स्तर पर सिर्फ छठ के मौके पर सफाई होता है।

मो इमरान अली, बरियातू

तालाब में मछली पालन होता है। पहले नालियों का पानी इस तालाब में गिरता था, लेकिन विरोध के बाद अब बंद हो गया है।

अब्दुल हलीम खान, बरियातू

Posted By: Inextlive