रांची: 326 स्टूडेंट्स ने दिन-रात मेहनत कर सफलता हासिल की। अधिकारी भी बन गए, लेकिन, यह क्या। अब तो सिक्स्थ जेपीएससी के रिजल्ट में ही अनियमितता का आरोप लग गया। सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो व पूर्व शिक्षा मंत्री सह विधायक बंधु तिर्की ने तो परीक्षा की जांच को लेकर सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भी लिख दिया है। ऐसे में अपनी सफलता को ठीक से एन्जॉय भी नहीं कर पाए इन 326 स्टूडेंट्स की धड़कनें तेज हो गई हैं। ये सभी सीएम से गुजारिश कर रहे हैं कि हमें तो ज्वाइनिंग लेटर दे ही दो।

सफल स्टूडेंट्स की बढ़ी चिंता

सिक्स्थ जेपीएससी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग तेज हो गई है। अब जिन स्टूडेंट्स का रिजल्ट आ गया है वे चिंतित हैं कि एक तो 4 साल के बाद रिजल्ट आया है। उस पर भी जांच की मांग उठने लगी है। अगर सरकार जांच करती है तो जो पासआउट स्टूडेंट्स हैं वे सभी भी जांच के दायरे में आ जाएंगे। लंबे समय तक मामला लटकता चला जाएगा।

जांच की मांग, जलाया कैंडल

इधर, सिक्स्थ जेपीएससी की परीक्षा में सक्सेस नहीं होने वाले स्टूडेंट्स ने भी विरोध का स्वर तेज कर दिया है। इनका कहना है कि परीक्षा में धांधली हुई है, इसलिए हर हाल में जांच कराई जाए। शुक्रवार को ऐसे स्टूडेंट्स ने अपील की है कि सिक्स्थ जेपीएससी परीक्षा में अनियमितता की जांच कराई जाए। इसके लिए लॉकडाउन में भी लोगों ने अपने घरों में कैंडल जलाकर अपनी आवाज बुलंद की।

326 स्टूडेंट्स बन चुके हैं अफसर

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा छठी संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम अप्रैल में जारी कर दिया गया। इसी वर्ष 24 फरवरी से छह मार्च तक साक्षात्कार का आयोजन किया गया। इसी आधार पर यह रिजल्ट जारी किया गया है। जेपीएससी ने प्रशासनिक सेवा, वित्त सेवा, शिक्षा सेवा, को-ऑपरेटिव, सामाजिक सुरक्षा, सूचना सेवा व पुलिस सेवा पद के लिए रिजल्ट जारी किया है। झारखंड को 326 अधिकारी मिले हैं।

हाईकोर्ट तक पहुंचा था विवाद

विवादों के कारण जेपीएससी को प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में ही तीन बार संशोधन करने पड़े थे। इतना ही नहीं, इस परीक्षा से जुड़ा मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसकी मुख्य परीक्षा हुई और साक्षात्कार का आयोजन किया गया। 2016 से परीक्षा का प्रॉसेस शुरू हुआ और अंतिम रिजल्ट 2020 में जारी हुआ। चार वर्ष की लंबी परीक्षा प्रक्रिया के बाद रिजल्ट जारी हुआ।

क्या कहते हैं कैंडिडेट्स

जेपीएससी एक स्वायत्त संस्थान है। सरकार और जेपीएससी जो भी निर्णय लेगी हम लोग उसे स्वीकार करेंगे। अगर कुछ लोग विरोध कर रहे हैं तो उनकी अपनी मांग होगी। हम लोग इंतजार कर रहे हैं, जब भी सरकार हमें ऑफर देगी हम ज्वाइन कर लेंगे। हालांकि, स्टूडेंट्स जो मांग कर रहे हैं, उसका निर्णय तुरंत होना चाहिए। ये स्टूडेंट्स के करियर के हित में होगा।

-सुमन गुप्ता, सफल कैंडिडेट

हर छात्र की जो मांग है, उसे जरूर सुना जाना चाहिए। लेकिन जेपीएससी को इसपर तुरंत निर्णय लेना चाहिए। इससे जो छात्र सफल हुए हैं, उनके लिए भी बेहतर होगा और जो आने वाली परीक्षाओं की तैयारी में लगे हैं उनके लिए भी बेहतर होगा। जेपीएससी की ओर से जो भी निर्णय आएगा, हम लोग उसको स्वीकार करेंगे।

चंचल कुमारी, सफल कैंडिडेट

किस कैटेगरी में कितने सक्सेस

राज्य प्रशासनिक सेवा (143)

अनारक्षित : 86

पिछड़ा वर्ग-1 : 08

एससी : 15

एसटी : 34

झ्ारखंड वित्त सेवा (104)

अनारक्षित : 52

पिछड़ा वर्ग-1 : 11

एससी :11

एसटी : 30

झ्ारखंड शिक्षा सेवा (36)

अनारक्षित :19

एससी : 06

एसटी : 11

झ्ारखंड सहकारिता सेवा (9)

अनारक्षित : 03

पिछड़ा वर्ग-1 : 01

एससी : 02

एसटी : 03

झ्ारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा (3)

अनारक्षित : 02

एसटी : 01

झ्ारखंड सूचना सेवा (7)

अनारक्षित : 06

एससी : 01

झ्ारखंड पुलिस सेवा (6)

अनारक्षित : 03

पिछड़ा वर्ग-2 : 01

एससी : 02

झ्ारखंड योजना सेवा (18)

अनारक्षित : 09

पिछड़ा वर्ग-1 : 01

पिछड़ा वर्ग-2 : 01

एससी : 02

एसटी : 05

कट ऑफ मा‌र्क्स

अनारक्षित : 600

पिछड़ा वर्ग-1 : 594

एससी : 538

एसटी : 524

Posted By: Inextlive